केंचुआ खाद से फायदा और बनाने का उद्देश्य

0
1063

केंचुआ खाद से फायदा और बनाने का उद्देश्य

केंचुआ प्राचीन काल से ही किसान का मित्र रहा है. केंचुआ खेत में उपलब्ध अध-सड़े-गले कार्बनिक पदार्थो को खाकर अच्छी गुणवत्ता की खाद तैयार करते रहते है. यह मृदा में जीवाणु कवक, प्रोटोजोआ, एक्टिनोमाइसिटीज आदि की अपेक्षित वृद्धि में भी सहायक होते हैं. आज से 25-30 वर्ष पूर्व हमारी भूमियों में केंचुआ काफी संख्या में जाये जाते थे, किन्तु आज बागों, तालाबों में ही केंचुआ रह गया है. केंचुओं की दिन प्रतिदिन घटती जा रही संख्या के कारण ही भूमि उर्वरता में कमी आती जा रही है. शायद यही करण है कि जैविक एवं टिकाऊ कृषि में पुनः केंचुआ खाद याद आ रही है.

केंचुआ खाद का उद्देश्य

गोबर एवं कूड़ा-कचरा को खाद के रूप में बदलना.

रसायनिक उर्वरकों के प्रयोग में कमी लाना.

भूमि की उर्वरता शक्ति बनाये रखना.

उत्पादन में आयी स्थिरता को समाप्त कर उत्पादन बढ़ाना.

उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार लाना.

भूमि कटाव को कम करना तथा भूमिगत जल स्तर में बढ़ोत्तरी.

बेरोजगारी को कम करना.

भूमि में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं को बढ़ाना.

भूमि में जल धारण क्षमता में वृद्धि करना.

वर्गीकरण

सम्पूर्ण विश्व में केंचुओं की अनुमानित 4000 प्रजातियाँ पाई जाती है, जिसमें लगभग 3800 प्रजातियाँ जल में रहने वाली एवं 200 प्रजातियाँ भूमि में रहने वाली हैं. भारतवर्ष में लगभग 500 प्रजातियाँ पाई जाती है. उद्भव एवं विकास के आधार पर केंचुओं को उच्च अकशेरूकी समूह में रखा गया है, जिसका फाइलम, एनिलिडा क्लास-ओलिगो कीटा तथा आर्डर-लिनिकोली है. मुख्यतः कंचुएं तीन प्रकार के होते है:

READ MORE :  जैविक खेती प्रबंधन

मुख्यताः केचुएं तीन प्रकार के होते है –
एपीजीइक – यह भूमि की ऊपरी सतह पर रहते है.

एनीसिक – भूमि की मध्य सतह पर पाये जाते है अथवा रहते है.

एण्डोजीइक – यह जमीन की गहरी सतह पर रहते है.

विश्व में पाई जाने वाली केंचुओं की समस्त प्रजातियाँ पर्यावरण के अनुसार उपयोगी हैं. भूमि में पाई जाने वाली समस्त 200 जातियॉ भूमि को जीवन्त बनाये रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, किन्तु भूमि में केंचुओं की कमी हो गयी है अथवा भूमि में केंचुए समाप्त हो गये हैं. केंचुओं की उन प्रजातियों का चयन वर्मी कम्पोस्ट निर्माण हेतु किया जाये जो गोबर एवं घास-पूस, पेड़-पौधों की पत्तियों को आसानी से खाकर खाद बना सकें.

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON