केंचुआ खाद (Vermicompost) एक जैव उर्वरक है, जो जैविक अपशिष्ट पदार्थो को केंचुआ या अन्य कीड़ो द्वारा विघटित कर के बनाई जाती है| केंचुआ खाद (Vermicompost) बिना गंध, स्वच्छ व कार्बनिक पदार्थ है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन, पोटाश और पोटाशियम और पौधों के विकास के लिए कई आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल है| केंचुआ खाद (Vermicompost) जैविक खेती के लिए सबसे पसंदीदा पोषक स्रोत है| यह फसल और पर्यावरण के लिए अनुकूल है, और यह एक पुनर्नवीनिकरण जैविक उत्पाद है| अधिकाधिक रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी में जीवांश कार्बन का स्तर लगातार कम होता जा रहा है और कृषि रसायनों के अंधाधुंध उपयोग से मिटटी के जीव भी नष्ट होते जा रहे हैं|
इसलिए भविष्य में मिटटी उर्वरता को संरक्षित रखने और इसकी निरन्तरता को बनाये रखने के लिए जीवांश खादों की नितान्त आवश्यकता है| जीवांश खादों में केंचुआ खाद (वर्मीकम्पोस्ट) का विशिष्ट स्थान है, क्योंकि इसे तैयार करने की विधि सरल तथा गुणवत्ता काफी बेहतर होती है|
केंचुआ खाद (वर्मी कम्पोस्ट) से होने वाले लाभ :-
1. इसमें पौधों के लिये सभी पोषक तत्व, हार्मोन व एजाइम भी पाये जाते हैं, जबकि उर्वरकों में केवल नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश ही मिलते है|
2. इसका प्रभाव अधिक दिन तक खेत में रहता है और पोषक तत्व धीरे-धीरे पौधों को प्राप्त होते हैं, जबकि उर्वरक का प्रभाव शीघ्र खत्म होने वाला होता है|
3. इसमें जीवांश की मात्रा अधिक होती है, जिससे भूमि में जल शोषण और जल धारण शक्ति बढ़ती है एवं भूमि के कटाव को भी रोकने में मदद मिलती है, जबकि उर्वरक के प्रयोग से यह लाभ नहीं होते|
4. इसमें हयूमिक एसिड होता है, जो जमीन के पी एच मान को कम करने में सहायक होता है| उसर भूमि को सुधारने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है, जबकि उर्वरक का अधिक प्रयोग मिटटी को उसरीला बनाता हैं|
5. इसमें नाइट्रोजन 1.00 से 1.60 प्रतिशत, फास्फेट 0.50 से 5.04 प्रतिशत और पोटाश 0. 80 से 1.50 प्रतिशत तक पाया जाता है, जो कि गोबर की खाद, तथा हरी खाद में उपलब्ध मात्रा से काफी अधिक है|
6.इसके प्रयोग से भूमि का विन्यास तथा संरचना सुधरती है, जबकि उर्वरक इसको बिगाड़ते हैं|
7.फसलों के लिये सम्पूर्ण पोषक खाद है|