जैविक खाद तैयार करने की विधि
संकलन -डॉ जितेंद्र सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी ,पशुपालन विभाग, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश
केंचुआ द्वारा खाये हुए गोबर से जो मल निकलता है उसे जैविक खाद कहते है । यह पूरे तरह से कार्बनयुक्त होती है और इसमें NPK की मात्रा भरपूर होती है। इसमें कई प्रकार के माइक्रो नुट्रिएंट्स भी पाए जाते है जिसके कारण जैविक खाद विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए सम्पूर्ण भोजन का काम करती है । जिन जगहों पर पानी की कमी है वहां फसलों की पिलाई ये कम कर देती है । जैविक खाद में एक पैराट्रोपिक झिल्ली होती है जिससे इसमें पानी रोकने के क्षमता बहुत ज़्यादा होती है जिससे ये कम पानी में भी फसल को ज़्यादा अच्छे रिजल्ट्स देती है और इसके उपयोग से काम पिलाई की ज़रुरत पड़ती है । रासायनिक खाद और पेस्टीसाइड्स के उपयोग से जो ज़मीन काकार्बन जो ख़त्म या कम हो चु का है वो बहुत जल्दी पूरा हो जाता है।
जैविक खाद बनाएं बहुत आसान है , इससे आसान कुछ नहीं हो सकता सिर्फ कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना है
१ सबसे पहले जहाँ भी आप इसे शुरू करें उस ज़मीन पर पानी की निकासी आवश्यक है यानी की वहां पानी ना रुकता हो ज़्यादा बारिश की स्थिति में l
२ आपके पास पानी की उपलब्धता होनी चाहिए क्यूंकि पानी का सबसे ज़रूरी काम है यहाँ l
३ अगर आपकी ज़मीन पर पेड़ो की छाया है तो अच्छा है वरना बिना छाया के भी काम कर सकते हैं l हम भी बिना छाया के ही काम कर रहे हैं ।
४ गोबर : सबसे ज़रूरी है गोबर की गुणवत्ता , हमेशा ध्यान रखें की गोबर १५-२० दिन से ज़्यादा पुराना न हो इस स्थिति में वो प्राकर्तिक रूप से सड़ चुका होगा और ना ही आप ताजा गोबर इस्तेमाल करें क्यूंकि उसमे मीथेन गैस की मात्रा काफी ज़्यादा होती है जो केंचुए के लिए हानिकारक होती है l
५ चलिए अब शुरू करते हैं खाद बनाना : सबसे पहले एक काली प्लास्टिक की शीट लेते हैं ( तिरपाल टाइप ) हमारे यहाँ इसका १०० फुट x २० फुट का बंडल जिस पर आप लगभग २० बेड लगा सक्ते हैं l हम इस शीट पर 20 फुट लम्बा ३ से ४ फुट चौड़ा और लगभग १ से २ फुट ऊँचा गोबर का बेड बनाते हैं । ध्यान रखे की गोबर ठंडा हो वरना इस्तेमाल से पहले २ – ३ बार पानी मार दे इस पर। गोबर 1000 किलो होगा इस बेड में । बेड्स का साइज आपकी जगह के हिसाब से बदल सकते हैं , आप १० या २० या ३० फुटलम्बे बेड लगा सकते हैं।
इस गोबर के ढेर में गोबर मुलायम हो जिससे केंचुआ इसे आराम से खा ले अगर कोई मोटे टुकड़े हो गोबर के तो उसे हाथों से चूरा बना दें।
६ इस बेड पर अब ऊपर से केंचुआ डालेंगे , १ फुट पर १ किलो के हिसाब से यानी की ३० फुट पर ३० किलो और अब इस बेड को पराली से ढक देंगे या गन्ने की पत्तियों से या जो भी उपलब्ध हो । इसे ढकने से गोबर पर सूरज की किरणे नहीं पड़ती जिससे वो गरम नहीं होता या कम गरम होता है।
७ अब इस पर आप पाने डालेंगे, पानी का छिड़काव इस तरह से करते है की पूरा बेड गीला होता रहे ऊपर से नीचे तक और उसकी गर्मी निकलते रहे ।
८ आप शुरू में हर दूसरे दिन पानी डालेंगे बेड पर । गर्मियों के दिनों में विशेष ध्यान देना होता है क्यूंकि आपके बेड का ठंडा रहना ज़रूरी है। आप रोज़ बेड्स को हाथ डालकर चेक करते है की वो गरम तो नहीं हो रहा और अगर हो रहा है तो आप उस पर पानी का छिड़काव करते हैं ।
९ लगभग २५ दिनों बाद आप देख्नेगे की ऊपर खाद की परत तैयार हो चुकी है । केंचुआ ऊपर से नीचे की ओर खता हुआ चलता है । हर निश्चित अंतराल पर आपको इसी तरह खाद की परत तैयार होती रहेगी जिसे आप उतारते रहेंगे और लगभग ६० दिनों में आपकी सारी खाद तैयार हो जाएगी ।