डॉ.नीलम बाला,सचिव एडब्ल्यूबीआई को “यू.पी.रत्न-2019” अवार्ड

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डॉ.नीलम बाला,सचिव एडब्ल्यूबीआई को “यू.पी.रत्न-2019” अवार्ड

रिपोर्ट: डॉ. आर.बी. चौधरी
(विज्ञान लेखक और पत्रकार, पूर्व मीडिया प्रमुख और संपादक, एडब्ल्यूबीआई, भारत सरकार)

पशुधन प्रहरी नेटवर्क

लखनऊ (उत्तर प्रदेश); 6 अक्टूबर 2019

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित नेशनल इंटेलेक्चुअल सोसाइटी के तत्वावधान में एक राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था जिसमें आयोजन समिति ने एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया (एडब्ल्यूबीआई) सचिव ,डॉ. नीलम बाला, सचिव -को “यूपी रत्न – 2019” अवार्ड से सम्मानित किया.यह सम्मान पहली बार उत्तर प्रदेश के किसी महिला पशु चिकित्सक को उल्लेखनीय पशु चिकित्सा सेवा के लिए सम्मानित किया गया है.

यूपी आइकन अवार्ड, 2019 पशु चिकित्सा , अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण और विकासात्मक गतिविधियों पर उनके समर्पित जीवन एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है। डॉ. बाला पशुचिकित्सा आनुवंशिकी और प्रजनन में विशेष योग्यता रखने वाली महिला है और एडब्ल्यूबीआई इतिहास की पहली पशु चिकित्सक डॉक्टरेट- प्रशासक हैं। वर्तमान में डॉ. नीलम केंद्र सरकार में गत 4अक्टूबर से आगामी 4 वर्षों तक प्रतिनियुक्ति पर हैं। वह केंद्रीय परियोजनाओं के माध्यम से उत्तर प्रदेश को सबसे समृद्ध बनाने के लिए पशु कल्याण पर राज्य का समर्थन करने के लिए हमेशा आगे रहती हैं. अभी कुछ दिन पूर्व के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ एक बैठक में उन्हें पशु कल्याण परियोजना के संचालन के मामले में बातचीत की तो मुख्यमंत्री ने उन्हें योजनाओं की सफलता के लिए पूर्ण समर्थन देने का वादा किया.

यहां यह बता दें कि डॉ. नीलम बाला उत्तर प्रदेश में पशुपालन विभाग में एक लोकप्रिय पशु चिकित्सक हैं. उत्तर प्रदेश में वह विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं जैसे- एस्टेट ऑफिसर, नोडल ऑफिसर (ट्रेनिंग) और पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार में विभिन्न समितियों के सदस्य के रूप में भी काम किया है और उन्होंने सोडिक लैंड प्रोजेक्ट- III, एक विश्व बैंक परियोजना के आजीविका सहयोग एवं समर्थन उद्देश्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वैसे डॉ. बाला हरियाणा में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार से पशु चिकित्सा ग्रैजुएट एवं पोस्ट ग्रैजुएट होने के साथ-साथ उसी विश्वविद्यालय से पशु आनुवंशिकी और प्रजनन में पीएच.डी. है. वह आईआईएम, आईवीआरआई, एमएएनएजीइ, एनआईडीएम, डब्लूआईआई, आईएएसआरआई,एनआईआरडी, सीपीडीओ में सामान्य प्रबंधन, शासन और पशु चिकित्सा विज्ञान और पशु कल्याण से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त अधिकारी हैं. दुनिया भर में प्रकाशित होने वाले कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध प्रकाशनों में उनके शोध पत्र प्रकाशित हैं. साथ ही साथ पशु स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण कार्यक्रम पर आयोजित कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी फोर्ट कोलिन्स में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी हैं. ’इंटरनेशनल वन हेल्थ कांग्रेस मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में पेपर प्रस्तुत किया है.

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वह आइएएवीआर, आईएसवीयम, आईएसएजीबी, एलएसएआई सहित पशु विज्ञान से संबंधित कई संघों की सदस्य हैं. वह कई पत्रिकाओं के समीक्षक और कार्यकारी सदस्य भी हैं. वह सीडीआरआई, आईआईटीआर, एनबीआरआई सहित कई संस्थाओं की सीपीसीएसईए की नॉमिनी भी हैं. डॉ. नीलम बाला को उनके योगदान के लिए विभिन्न संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया है जिनमें से एक उल्लेखनीय महिला वेटरिनरी अवार्ड, सुल्तान अवार्ड, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम उत्कृष्टता पुरस्कार, राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार, युवा वैज्ञानिक पुरस्कार और भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृत्ति भी प्राप्त कर चुकी है.

डॉ. नीलम बाला विशेष रूप से निराश्रित जानवरों की बेहतर देख-भाल के लिए पशु कल्याण और उत्पन्न होने वाले अपराधों निवारण के लिए प्रयासरत हैं. वह सरकार, पशु प्रेमियों और जनता के बीच जानवरों की देखभाल के एक सेतु निर्माण करने के लिए कार्यरत तथा देश में पशु क्रूरता निवारण के साथ साथ पशु कल्याण में महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत उत्सुक है.अभी हाल में नॉर्वे के बर्गन में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था जहां पर पशु कल्याण विषय पर उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है.

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