नए पशुचिकित्सक उद्यमशील बने : डॉ बी एन त्रिपाठी
पशुधन प्रहरी नेटवर्क ।
बीकानेर / दिनांक 20/07/2019 राष्ट्रीय अश्व अनुसन्धान केन्द्र के बीकानेर परिसर पर “स्वदेशी घोड़ों के अनुवांशिक उन्नयन के लिए नेटवर्क एप्रोच” के अंतर्गत पशुचिकित्सकों का त्रिदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आज समाप्त हुआ । इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ बी एन त्रिपाठी, निदेशक अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार ने नए पशुचिकित्सकों से उद्यम शील बनने का आवाहन किया । उन्होंने प्रशिक्षु पशु चिकित्सकों को रोजगार मांगने के बजाय रोजगार देने वाला बनने का आवाहन किया । इस अवसर पर प्रभारी अधिकारी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के निदेशक डॉ एस सी मेहता ने कहा की इस कार्यक्रम में देशभर में यह सन्देश पहुँचाने में सफल रहे की घोड़ों के संरक्षण, उन्नयन एवं संवर्धन के लिए बीकानेर स्थित यह केंद्र कैसे सक्षम है । समय के अनुसार अपने आप को बदलने के लिए तत्परता दिखाना हमारा कार्य है एवं अश्व पर्यटन को बीकानेर में स्थापित करने के पश्चात अब हमने यह बीड़ा उठाया है की बीकानेर स्थित इस केंद्र को स्वदेशी घोड़ों के विकास का केंद्र बिंदु बनाना है ।. अभी हाल ही में इस विषय पर माननीय पशुपालन मंत्री जी के समक्ष दिल्ली में इस पर विस्तार से प्रजेंटेशन मैंने दिया है एवं यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उसी दिशा में अगला कदम है । उन्होंने और जानकारी देते हुए बताया की इस कार्यक्रम के दौरान कुल ग्यारह लेक्चर एवं 14 आवर्स प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया । इस केंद्र ने जो नेटवर्क अश्व संवर्धन का बनाया है उसमे अधिकतम सरकारी तंत्र का प्रयोग कर न्यूनतम किमत पर गरीब एवं अमीर सभी प्रकार के अश्व पालकों को लाभ पहुँचाना सुनिश्चित किया है। उन्होंने प्रशिक्षण में आये पशुचिकित्सकों को अपना एम्बेसेडर बताते हुए बताया की कैसे आप इस कार्यक्रम के टू-वे सिस्टम का हिस्सा बनाकर देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हो । इस अवसर पर प्रशिक्षण के लेक्चर्स पर आधारित कम्पेंडियम का विमोचन भी किया गया एवं सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पात्र भी दिए गए । इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. टी राव तालुरी ने कार्यक्रम की पूर्ण जानकारी दी । कार्यक्रम में डॉ जितेन्द्र सिंह ने प्रायोगिक जानकारियाँ दी एवं पशु चिकित्सकों को घोड़े के प्रजनन की विशेषताएँ बताई । कार्यक्रम में अश्व अनुसंधान केंद्र के सभी स्टाफ ने भाग लिया एवं धन्यवाद प्रस्ताव श्री कमल कुमार सिंह ने दिया ।