बच्चे का शुष्ककोष / mummification of foetus
mummy- dead and dry
foetus – calt बच्चा
परिभाषा- यह गर्भकाल के 3-8 माह के मध्य होता है,भ्रुण या फीटस गर्भावस्था के दौरान ही मध्यावस्था मे या आखरी महीनो मे मर जाता है और फीटस का शरीर द्रव्य (body fluid)वापस अवशोशित हो जाता है ,साथ ही मांसपेशिया सूख जाती है !
,, चूंकि इस अवस्था मे कॉरपस ल्यूटियम सिकुड़ता नही है अतः मरा हुआ फीटस गर्भाशय मे पडा रहता है बाहर नही निकल पाता है |ये दो प्रकार के होते है-
1. हिमेटिक – चाकलेटी रंग सदृश्य रक्त गर्भाशय तथा प्लेसेन्टा के कोरियोन के मध्य जमा हो जाता है,ऐसा गर्भावस्था के आखरी तीन महीनो मे अधिक होता है | भ्रुण या फीटस या तो मर जाता है या अवशोशित हो जाता है !
,,यह मुख्य रूप से अप्रभावी घातक जीन (recessive lethal gene) के कारण प्रायः क्रॉस ब्रीड गायो मे देखा गया है
2.पेपाइरेसियस (papyraceous)भ्रुण या फिटस तथा प्लेसेन्टा पूरी तरह सूख कर सिकुड़ जाता है तथा फीटस सूखकर चमडे की तरह का हो जाता है , इस प्रकार का मम्मीफिकेशन प्रायः घोडी, कुतिया , बिल्ली आदि मे अधिक होता है |
रोग कारक /etiology
#यह आनुवंशिक रोग है जो दोहरे रेसेसिव जीन के कारण होता है !
यह प्रायः 3-8 माह के गर्भकाल मे होता है !
निदान /diagnosis
#रेक्टल परीक्षण के दौरान निम्न बाते महसूस होती है !
१. फीटस व प्लेसेन्टल फ्लूड़ महसूस नही होता !
२. बच्चे का आकार छोटा व सिकुडा महसूस होता है !
३. फ्रिमिटस पल्स नही आती है !
४. अॉवरी पर कॉरपस ल्यूटियम महसूस होता है !
उपचार /treatment
मम्मीफाइड फीटस को गर्भाशय से बाहर निकालनेके दो तरीके है ,
1. वेजाईना के रास्ते मृत बच्चे को बाहर निकालना –
इसके लिए Inj- Prostaglandin 25mg (lutalyse)लगाये ताकि इससे C.L.रिग्रेस हो जायेगा तथा सर्विक्स खुलकर ,बच्चा तीन दिन के अन्दर बाहर आ जाये !
किन्तु यदि फीटस को हाथ डालकर खीच कर निकाला गया है,तो उसे 3 से 5 दिनो तक अन्तरा गर्भाशयी( I/U)व बाहरी रुप से भी एंटीबायोटिक्स दी जानी चाहिए ,तथा ही supportive treatment भी करे !
2. सीजेरियन (caeserian)
सीजेरियन की अपेक्षा फीटस को वेजाइना के रास्ते निकालना ज्यादा बेहतर होता है !