– डॉ योगेश आर्य, पशुचिकित्सा विशेषज्ञ
ब्रूसेलोसिस:-
ब्रूसेलोसिस को ‘माल्टा-बुखार’ भी कहते हैं ये एक संक्रामक रोग हैं जो गाय-भैंसो में ‘ब्रूसेला अबोर्टस’ नामक जीवाणु से होता हैं। गाय-भैंस में ये रोग दूषित चारा-पानी से, सम्पर्क के द्वारा अथवा मादा पशुओँ को नर/साँड से फैलता हैं। इस रोग से ग्रसित गाय-भैंस में अस्थाई बाँझपन, गर्भावस्था की अंतिम तिमाही में गर्भपात हो सकता हैं और जेर नही गिरती (Retention of placenta) हैं। पशुओँ के जोड़ो/घुटनों में सूजन आ जाती हैं अथवा पानी भर जाता हैं। पशुओँ की स्क्रीनिंग के लिए ‘मिल्क रिंग टेस्ट’ किया जाता हैं, जबकि जाँच/Diagnosis के लिए ‘सीरम अग्गलूटिनेशन टेस्ट’ किया जाता हैं। टेस्ट पॉजिटिव आने पर पशु को पशु-समूह से हटा दिया जाता हैं। पशु को यूथेनेसिया / euthenasia (मार दिया जाता हैं/culling) दिया जाता हैं, जिससे ये रोग आगे पशु-समूह में ना फैल पाये।
मनुष्यों में ब्रूसेलोसिस:-
मनुष्यों में ये रोग संक्रमित पशुओँ के सम्पर्क में रहने, अपाश्चुरीकृत दूध पीने और कच्चा माँस खाने से हो सकता हैं। ब्रूसेला जीवाणु की 3 प्रजातियां मनुष्यों में ब्रूसेलोसिस करती हैं वो हैं ‘ब्रूसेला अबोर्टस’, ‘ब्रूसेला मेलिटेंसीस’, ‘ब्रूसेला केनिस’ और ‘ब्रूसेला सुईस’। ब्रूसेलोसिस से ग्रसित मनुष्यों में इसके लक्षण होते हैं – अधिक पसीना आना, बुखार में उतार-चढ़ाव आना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द रहना, कमजोरी आना एवम अंडकोष में सूजन होना इत्यादि। ऐसे लक्षण दिखाई देते ही पशुपालक को तुरंत मेडिकल डॉक्टर/मानव चिकित्सक को दिखाना चाहिए।
पशुपालक ब्रूसेलोसिस से कैसे बचें:-
मादा पशुओँ का कृत्रिम गर्भाधान करवाए। शंका होने पर सभी पशुओँ की ब्रूसेलोसिस की जाँच करवाये। मादा पशुओँ/बछड़ियो का 4 से 8 माह की उम्र के मध्य ब्रूसेलोसिस से बचाव हेतु टीकाकरण अवश्य करवाये। अंतिम तिमाही में पशु का गर्भपात होने पर वेटरनरी डॉक्टर को बुलाया जाये ताकि मास्क, चश्मा और ग्लव्स पहनकर जेर निकाली जा सके, और फिर जेर को गहरे गड्ढे में डाला जाएं और पूरे बाड़े का नि:संक्रमण किया जाए।
केंद्रीय बजट में ब्रूसेलोसिस टीकाकरण की घोषणा:-
पहले भी ब्रूसेलोसिस के एंडेमिक क्षेत्रों में मादा पशुओँ/बछड़ियो का टीकाकरण होता रहा है। परंतु अब केंद्र सरकार ने अलग से पशुपालन मंत्रालय और विभाग बना दिया हैं। अभी केंद्रीय बजट में ‘ब्रूसेलोसिस’ और ‘मुंहपका खुरपका’ रोगों के टीकाकरण हेतु 5 वर्षों के लिए कुल 13343 करोड़ का आवंटन किया हैं। इससे बड़े पैमाने पर ब्रूसेलोसिस टीकाकरण अभियान चलेगा।