भैंस पालना डेयरी उद्योग के लिए बहुत फायदेमंद है, कैसे ध्यान रखे भैसो का
भारत में भैंसे सदियों से पाली जा रही हैं । कुछ लोग गाय से अधिक भैंस के दूध को अधिक पसंद करते हैं । भैंस के दूध में बकरी व गाय से ज्यादा फैट होता है।इसके दूध में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट व कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाई जाती है
भैंस पालना डेयरी उद्योग के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि भैंस अधिक मात्रा में दूध देती है । भारत में 55% दूध भैंसो से मिलता है ।
अतः भैंसों की अच्छी देखभाल बहुत जरूरी है इसके लिए उनके आहार उनकी सभी जरूरतों को पूरा करना पशु पालकों के हित में होता है ।अतएव कुछ ऐसी बातें जिनका ध्यान रखना आवश्यक है —
– भैंसो में पसीने की ग्रंथियां नहीं पाई जाती जिससे ऊष्मा का उत्सर्जन नहीं हो पाता
– चूंकि भैंस का रंग काला होता है इसलिए भैंस गर्मी को अधिक अवशोषित करती है ।
– फलस्वरूप भैंस के शरीर में नमी की कमी हो जाती है और दूध सूख जाता है ।
इसलिए गर्मियों में भैंस कम दूध देती है।
जब भैंस के शरीर में सुचारू रूप से खून का प्रवाह होता है तभी भैंस अधिक दूध देती है लेकिन गर्मियों में यह प्रक्रिया प्रभावित होने के कारण दूध में कमी आजाती है।
** इसलिए दूध निकलने से पहले भैंस को भलीप्रकार नहलाना जरूरी है । **
तरीका —
- भैंसो को कम से कम दिन में तीन बार नहलाया जाना चाहिए ।
2. डेयरी फॉर्म में ऐसी पाइप फिटिंग करवानी चाहिए जिससे एक से अधिक भेंसे एक साथ नहा सकें ।
3. पाइपों से पानी तेज धार के रूप में भैंसो पर गिरना चाहिए जिससे उनके शरीर की सफाई भी हो सके ।
4. भैंसो के शरीर की मालिश भी करनी चाहिए जिससे उनके अंदर खून का प्रवाह तेज होने लगे।
5 अगर आस-पास कोई नदी नाला है तो भैंसो को उसमें बैठने देना चाहिए ।
6. दोपहर में धूप में से आने के बाद भैसों को नहलाना चाहिए।
7. शाम को भैंसो का दूध निकालने से पहले उन्हें अच्छी तरह नहलाएं।
इस प्रकार भैसों के शरीर का तापमान नियंत्रित होता है और दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।