सर्दियों में मुर्गी पालन !

0
1034

 

ठण्ड के मौसम में विशेष तौर पर ध्यान रखने वाली बातें !
1- सही तापमान- पहले सप्ताह में 90-95 डिग्री फ़ारेनहाइट , दुसरे सप्ताह में 90 डिग्री फ़ारेनहाइट उसके बाद 85 डिग्री फ़ारेनहाइट रखने का प्रावधान है !

      यदि दिन के समय पर्दे खोलने हो तो  सूरज की दिशा में खोले ! ऊंचाई से थोड़ा पर्दा खोले, ताकि सीधी हवा चूजों पर ना पड़े !  शुरुवाती दिनों में साइड से परदे हटाना उचित नहीं  होता , तो फ़ार्म की लंबाई वाली खाली पड़ी एरिया से हवा ली जा सकती है,और एक्सहॉस्ट फैन का उपयोग किया जा सकता है।
      चाहे दिन हो या रात, एक समान तापमान महत्वपूर्ण है,  तापमान को नियंत्रित करने के लिए दोहरे पर्दो का इस्तेमाल  कर सकते हैं, परन्तु ध्यान रखिये !  वेंटिलेशन का ध्यान रखना जरूरी है। नहीं तो  ascites आने मतलब पेट में पानी भरने की समस्या आ सकती है !
2 – सही नमी ( Humidity ) –  Humidity लगभग 60 के आसपास हो। याद रहे यदि ह्यूमिडिटी इससे ज्यादा है, तो ये मानक उचित तापमान की बजाय अधिक तापमान करवा देंगे।
3) ताज़ी हवा का संचार ताकि दूषित गैस का सही निकास हो !और ठंडी हवा के झोंको पर रोक !
4  -पानी का सही तापमान बनाये रखने के लिये गर्म पानी को मिलाना ताकि चूज़े को जो पानी पिलायें वो बहुत ठंडा ना हो ! बहुत ठन्डे पानी से शरीर की गर्मी का नुकसान होगा ! जिससे सही ग्रोथ कभी नहीं मिल सकती ! और चूज़े के कम पानी पीने से Gout आने की सम्भावना बढ़ जायेगी !
5 – चूज़े को साफ़ पानी ही दें ! और पानी के बर्तन रोज़ धोयें !
6 – शुरुवात में जगह प्रति चूज़ा। .20 से  .25 Square Feet जरूर दें ! फिर धीरे धीरे बढ़ायें !
7 -पर्याप्त  तथा सामान रोशनी दें !
8  – वायरल बीमारियों से बचने को वैक्सीनेशन जरूर करें और अत्यंत सावधानी से !
9 -शुरुवात के कुछ दिन पोल्ट्री फार्म पर ही गुजारें ! ताकि तापमान या अन्य किसी गड़बड़ी को तुरंत सही किया जा सके !
10 – चूज़े आने से पहले ही तैयारी पूरी हो जानी चाहिये ! बिछावन कम से कम इंच जरूर रखें ! और तापमान ज़मीन से लेना है ,नाकि ऊंचाई से !
अपने पोल्ट्री फार्म पर उपरोक्त बातों को गंभीरता से लें ! और लोगों के फायदे के लिये पोस्ट शेयर करना न भूलियेगा !
Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON
READ MORE :  उन्नत मुर्गीपालन हेतु आदर्ष बिछावन (लीटर) कैसे तैयार करें?