हिमाचल की पहली लेडी पशु चिकित्सा अधिकारी बनी मुखिया, पहली महिला निदेशक का गौरव

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हिमाचल की पहली लेडी पशु चिकित्सा अधिकारी बनी मुखिया, पहली महिला निदेशक का गौरव

FEBRUARY 4, 2020
पशुधन प्रहरी नेटवर्क

शिमला : हिमाचल की पहली लेडी पशु चिकित्सा अधिकारी प्रियदर्शनी चौधरी अब पशुपालन विभाग की मुखिया बन गई हैं। पति डॉ एसके चौधरी भी इस पद से अक्टूबर 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे। दरअसल, प्रदेश में पशुपालन विभाग की पहली महिला निदेशक बनने का गौरव डॉ. प्रियदर्शनी चौधरी ने हासिल किया है। तकरीबन डेढ़ साल से डॉ. चौधरी पशुपालन विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात थी। सोमवार को पशुपालन विभाग में बतौर निदेशक का कार्यभार संभाला लिया है।
जानकारों की माने तो डॉ. चौधरी के बाद इस पद तक पहुंचने के लिए कोई भी महिला अधिकारी अब दौड़ में नहीं है। यानी डॉ. चौधरी ने विभाग में इतिहास बना लिया है। राज्य में पशुपालन विभाग की शुरुआत 1950 में हुई थी। 70 साल के इतिहास में कोई भी महिला इस पद तक नहीं पहुंची। डॉ. चौधरी के जीवन से जुड़ी एक अहम बात यह है कि उन्होंने इस प्रोफेशन को 80 के दशक में उस समय चुना था, जब लड़कियां इस प्रोफेशन में आने से संकोच करती थी। ऊना जनपद के अंब की पुत्रवधू डॉ. चौधरी बचपन से ही पशु चिकित्सा अधिकारी बनना चाहती थी।
अपने सपनों को पंख लगाने के लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस की पढ़ाई में दाखिला लिया। इस बैच में 80 लड़के और 2 लड़कियां थी। हालांकि 90 के दशक के बाद से लड़कियों ने इस प्रोफेशन को चुनना शुरू कर दिया। लेकिन उस वक़्त पशु विज्ञान को लड़कियों के लिए मुनासिब नहीं माना जाता था। कमीशन के माध्यम से डॉक्टर प्रियदर्शनी चौधरी ने 1988 में अपने कैरियर की शुरुआत गगरेट में बतौर पशु चिकित्सा अधिकारी शुरू की थी।
विभाग के मुखिया बनने तक का सफर डॉक्टर प्रियदर्शनी चौधरी ने 32 साल में पूरा किया है। डॉ. चौधरी के विभाग का मुखिया बनने पर महिला पशु चिकित्सा अधिकारियों में खुशी की लहर है।

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