अच्छी खबर: अब कंपनियां नहीं सरकार तय करेगी दूध खरीद के दाम!

0
293

पशुधन प्रहरी नेटवर्क,
लखनऊ/नई दिल्ली, 30 सितंबर 2019,

डेयरी किसानों, दुग्ध उत्पादकों और पशुपालकों के लिए एक अच्छी खबर है। दूध खरीद का दाम अब दुग्ध कंपनियां नहीं बल्कि सरकार तय करेगी। इससे पशुपालकों को उनके दूध का लाभकारी मूल्य मिलने की सम्भावना बढ़ जाएगी। अब तक दुग्ध एजेन्सियां ही किसानों के दूध का मूल्य तय करती रही है और दूध में उपलब्ध वसा (फैट) की मात्रा के आधार पर दूध के दरों में उतार-चढ़ाव भी करती रहीं हैं। सरकार द्वारा जब वसा की अलग-अलग मात्रा को शामिल करते हुए दूध का न्यूनतम मूल्य तय कर दिया जाएगा तब दुग्ध उत्पादकों से औने-पौने दामों पर दूध खरीदने की प्रवृति पर रोक लग सकेगी।

तय होगा दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य
डेयरी विभाग के सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पशुपालकों को उनके दूध का सही मूल्य दिलाने के लिए दूध की दरें तय करने पर गंभीरता से विचार कर रहीहै। इसके तहत फैट की अलग-अलग मात्रा वाले दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिए जाएंगे और दुग्ध एजेन्सियों को फैट की मात्राओं के हिसाब से न्यूनतम समर्थन मूल्य को आधार मानकर ही दूध के मूल्यों का भुगतान करना होगा। उससे कम दरों का भुगतान करने पर दुग्ध एजेन्सियों पर जुर्माना लगाने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि पशुपालकों का शोषण भी रुक सके।

दूध की आपूर्ति करने वाले दूधियों को होगा लाभ
डेयरी विशेषज्ञों के मुताबिक यूपी सरकार के इस कदम से शहरों में दूध की आर्पूर्ति करने वाले दूधियों को भी लाभ होगा क्योंकि तब उनका दूध भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर ही बिकेगा। जाहिर है कि अब तक सहकारी हो या निजी क्षेत्र की दुग्ध कंपनियां सभी दूध के दाम खुद तय करती हैं। इससे पशुपालकों को आर्थिक क्षति हो रही है। ऊपर से एजेंसियों के कर्मचारी दूध में मौजूद वसा की मात्रा को कम ज्यादा दिखाकर दूध की तय दरों में भी खेल करती हैं। जिससे पशुपालकों के बीच हमेशा से रोष रहता है।

READ MORE :  Decline In Population Of Indigenous Cows: Supreme Court Issues Notice On PIL Against Artificial Insemination Using Exotic Foreign Breeds

दुग्ध उत्पादकों के शोषण पर लगेगी लगाम
नई व्यवस्था से शोषण पर लगाम लग सकेगा। साथ ही दूध का सही मूल्य तय होने से पशुपालकों को दूध का उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के लिए प्रेरित भी करेगा। डेयरी विभाग से सूत्रों के अनुसार दुग्ध विकास विभाग इस बारे में शीघ्र ही एक प्रस्ताव शासन को भेजने जा रहा है, जिसके बाद कैबिनेट में मंजूरी लेकर सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी।

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON