पशुधन प्रहरी नेटवर्क
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान की ओर से अखिल भारतीय पशुपालन अधिकारी कार्यशाला हुई। इसमें कई राज्यों के पशुपालन अधिकारी शामिल हुए। कार्यशाला का विषय तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से डेयरी पशु की दुग्ध उत्पादकता को बढ़ाना था।
हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील कुमार गुलाटी ने कहा कि सरकार का ध्यान किसानों की आय को दोगुना करने पर है। किसानों को तकनीकी सुविधाएं प्रदान करने पर जोर दिया। पशुओं के समुचित प्रबंधन के लिए सभी जन्म रिकॉर्ड को डिजिटल किया जाना चाहिए। इस तरह के रिकॉर्ड दूध उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ डेयरी पशुओं में विशेष बीमारी की पहचान के लिए सहायक होंगे।
एनडीआरआइ के निदेशक डॉ. आरआरबी सिंह ने कहा कि इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को पशुपालन और डेयरी विकास अधिकारियों को एक अवसर प्रदान किया है। यहां वे एनडीआरआइ के वैज्ञानिकों के साथ-साथ विषय वस्तु विशेषज्ञों के साथ क्षेत्र की परिस्थितियों के तहत उभरती हुई समस्याओं और डेयरी के मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं। क्षेत्र से संबंधित समस्याओं निवारण के लिए उचित रणनीति को विकसित करने के लिए काम करें।
इस संस्थान ने अत्याधुनिक तकनीक विकसित की है, जो दूध और दुग्ध उत्पादों में मिलावट का पता लगाने के लिए है। संस्थान उद्यमी और किसानों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। डॉ केएस कादियान ने कहा कि भारत के सभी राज्यों से लगभग 150 प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में भाग लिया।
साभार -जागरण संवाददाता, करनाल