गुजरात / गाय के 1000 टन गोबर से बना रहे लकड़ी, यह दाह संस्कार और औद्योगिक जरूरतें पूरी कर सकती है

0
565

गुजरात / गाय के 1000 टन गोबर से बना रहे लकड़ी, यह दाह संस्कार और औद्योगिक जरूरतें पूरी कर सकती है

 

  • जामनगर की आणदाबाबा सेवा संस्थान ने यह पहल की है, तैयार गो-काष्ठ में छेद होते हैं, जिससे यह आसानी से जलता है
  • 4 से 6 फीट लंबे गौ-काष्ठ में कैलोरिफिक वैल्यू 8000 केजे होती है, इसे बढ़ाया भी जा सकता है

पशुधन प्रहरी नेटवर्क 

जामनगर. गुजरात के जामनगर में आणदाबाबा सेवा संस्थान ने गाय के गोबर से लकड़ी बनाने की शुरूआत की गई है। गो-शालाएं इस तकनीक को अपना कर राजस्व का नया स्रोत खोज सकती हैं। सामान्यत: पेड़ की लकड़ी में नमी 12 से 15 प्रतिशत होती है, जबकि गो-काष्ठ में सिर्फ 2 से 3 प्रतिशत। इसका एक लाभ ये है कि अंतिम क्रिया में इस काष्ठ का प्रयोग करने की स्थिति में घी सहित अन्य पदार्थ का कम प्रयोग करना होगा। इतना ही नहीं गो-काष्ठ में कैलोरिफिक वैल्यू 8000 केजे (किलोजूल्स) होती है। औद्योगिक जरूरतों के हिसाब से लकड़ी -कोयले का चूरा मिला कर गो-काष्ठ की कैलोरिफिक वैल्यू बढ़ाई जा सकती है।

जामनगर के शरदभाई शेठ ने बताया कि- एक मशीन की मदद से हम यह काम कर रहे हैं। मशीन छोटी है, लेकिन हर दिन 1000 टन गोबर को गौ-काष्ठ के रूप में तब्दील कर देती हैं। गो-काष्ठ का जो टुकड़ा बनता है उसमें छेद होते हैं। इससे यह सूखने में ज्यादा वक्त नहीं लेता। यह छेद इसके जलने में मददगार हैं। 4 से 6 फीट लंबे गो-काष्ठ 2 से 3 दिन में सूख जाते हैं। इनकी मूवमेंट करना भी आसान है।

 

ये राज्य गो काष्ठ का उपयोग कर रहे हैं

READ MORE :  METABOLIC PROFILE TESTING IN DAIRY COWS

राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में मशीन की मदद से गोबर को लकड़ी में बदल रहे हैं। आणदाबाबा सेवा संस्थान के महंत देवप्रसादजी को जामनगर के शरदभाई शेठ ने गो-काष्ठ के बारे में बताया। उन्होंने मशीन मंगवा कर संस्थान में गो-काष्ठ तैयार करवाना शुरू किया है। इस काम से जुड़े लोगों का कहना है कि व्यापक स्तर पर गो-काष्ठ का प्रयोग किया जाए तो पर्यावरण संतुलन में बड़ा योगदान होगा। दाह संस्कार में  गो-काष्ठ को अपनाए तो पर्यावरण संतुलन में सहयोग होगा।

source-Dainik Bhaskar

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON