गौ संरक्षण-संवर्धन के सफल कार्यों को सुनकर मुख्यमंत्री प्रभावित हुए: गिरीश जे. शाह

0
529

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश के गौसंवर्धन अभियान में समस्त महाजन को जुड़ने का आमंत्रण दिया
समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी गिरीश शाह की एक अंतरंग वार्ता
गौ संरक्षण-संवर्धन के सफल कार्यों को सुनकर मुख्यमंत्री प्रभावित हुए: गिरीश जे. शाह
****************
रिपोर्ट:डॉ. आर.बी. चौधरी
(विज्ञान लेखक एवं पत्रकार ,पूर्व प्रधान संपादक एवं मीडिया हेड- एडब्ल्यूबीआई, भारत सरकार)

30 जुलाई 2019 ; मुंबई (महाराष्ट्र),पशुधन प्रहरी नेटवर्क
*****************
मुंबई की एक जीव दया, ग्राम्य विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के दिशा में समर्पित संस्था समस्त महाजन अपने सेवा कार्यों के उत्कृष्ट प्रयास के कारण देश भर के पशु प्रेमियों द्वारा बड़े ही सम्मान की निगाह से देखा जा रहा है. संस्था के मैनेजिंग ट्रस्टी एवं भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य , गिरीश जे. शाह की एक हाल की मुलाकात में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गौशाला संचालन एवं स्वावलंबन के विषय पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ. शाह ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि गुजरात की गौशाला जैसा उत्तर प्रदेश की गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए क्योंकि यहाँ पर प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है . इस बात से मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अत्यंत प्रभावित हुए और उन्होंने समस्त महाजन के प्रयास को उत्तर प्रदेश में सफल बनाने के लिए हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री ने इस विचार-विमर्श में शामिल भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड की सचिव- डॉ. नीलम बाला से कहा कि गौ संरक्षण के साथ- साथ कुत्तों एवं बंदरों की आबादी प्रबंधन एवं पुनर्वास के दिशा में भी प्रयास किया जाना चाहिए.

शाह अपने सफल प्रयास की चर्चा करते हुए यह अवगत कराया कि समस्त महाजन गौशाला स्वाबलंबन की दिशा में तकरीबन दो दशक से काम कर रहा है और गुजरात के तमाम गौशालाओं को इस अभियान से जोड़ कर सफलता दिलाई है. अब यह प्रयोग राजस्थान में जोर-शोर से चलाया जा रहा है जिसमें भारी जनसमर्थन प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि समस्त महाजन पहले गौशाला प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देता है फिर उन्हें अपने निगरानी में हर प्रकार का सहयोग-समर्थन प्रदान करता है. अभी कुछ दिन पहले यूनाइटेड नेशन के द्वारा आयोजित योगा दिवस में शिरकत करके लौटते ही इस अभियान के छोटे से प्रयास को बड़े अभियान के रूप में बदलते हुए पाया है जिसे देखने के लिए जब राजस्थान 5 दिन का सघन भ्रमण किया और छोटे से प्रयास को बड़े अभियान में बदलते हुए रखा है.उन्होंने आश्चर्य करते हुए बताया कि कार्यक्रम संचालित क्षेत्र की आवाम उन्हें यह जननेता जैसे पेश आ रही थी. यह नजारा देखते ही बनता था क्योंकि सूखे और अकाल से तड़पते पशु मालिक अपने पशुओं के प्राण रक्षा के लिए अपने सामने खड़े इंसान को जननायक समझ रहे थे. शाह अपने पांच दिवसीय कार्यक्रम में तकरीबन 800 किलोमीटर की यात्रा कर 18 गौशालाओं का भ्रमण किया जहां समस्त महाजन के द्वारा संचालित जल संचय व्यवस्था हेतु तालाबों की खुदाई, वृक्षारोपण, पानी के टैंकों का निर्माण और हरे चारे के प्रबंधन की दिशा में किए गए कार्यों का अवलोकन और समीक्षा किया.

READ MORE :  NDDB PROMOTES "PASHU AYURVEDA " TO CONTROL ANIMAL DISEASES

इस भ्रमण के दौरान शाह की 7 सदस्य की टीम साथ-साथ चल रही थी और जिस जगह पर कार्य चल रहा था वहां के प्रतिनिधि भी साथ -साथ चल रहे थे . उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार समस्त महाजन राजस्थान के बबूल प्रभावित तकरीबन 5,000 एकड़ जमीन को 25 जेसीबी उपलब्ध कराकर साफ कराने में उल्लेखनीय योगदान किया जिसका नतीजा है कि आज वहां तालाब खुदवाने वृक्षारोपण और चरागाह विकसित करने का काम किया जा रहा है. शाह जहां जहां गए वहां के गौशाला और गांव के प्रतिनिधियों से मिलकर के सफलता की रणनीति पर बातचीत की. उन्होंने बताया कि समस्त महाजन के इस अभियान में राजस्थान के दर्जनों धर्मगुरु, व्यवसाई, पत्रकार और प्रबुद्ध वर्ग शामिल हो हो चुके हैं. जिस दिन यह राजस्थान प्रयोग पूरा हो जाएगा उस दिन गौ संरक्षण -संवर्धन की एक बहुत बड़ा फार्मूला लोगों के बीच में ले जाया जाएगा क्योंकि गौ संरक्षण संवर्धन का कार्य जहां एक ओर जन सहयोग से चलता है वही संस्थाओं को स्वावलंबी बनाना अत्यंत आवश्यक है. समस्त महाजन के फार्मूले के अनुसार गौशालाओं में स्वाबलंबन के लिए जल प्रबंधन, चारागाह, वृक्षारोपण और गो आधारित उत्पादन का निर्माण एवं विपणन एक महत्वपूर्ण संसाधन है. शाह का मानना है कि देसी गाय कभी भी अनोत्पादक हो ही नहीं सकती वह मरते दम तक कामधेनु है.

शाह समस्त महाजन के कार्य पद्धति को पूरे देश में पहुंचाना चाहते हैं क्योंकि स्वाबलंबन के इस फार्मूले का प्रयोग करके वह देख चुके हैं और अब गुजरात ,महाराष्ट्र एवं राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश के गौशालाओं पर उनका प्रयोग आरंभ होगा.शाह का मानना है कि गौसंरक्षण-संवर्धन में उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश वबनाया जा सकता है और इस दिशा मेंअब समस्त महाजन की बिगुल बज गई है जहां सबसे पहले पशु प्रेमियों एवं गौशाला प्रबंधको/ प्रतिनिधियों को जागरूक करने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाता है फिर उन्हें व्यावहारिक तौर पर कार्य करने का तरीका बताया जाता है. इसी तौर तरीके पर आधारित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन गत 22 से 24 जुलाई 2019 को लखनऊ में आयोजित किया गया था जो प्रदेश के पशु प्रेमियों तथा स्थानीय मीडिया का आकर्षण बन गया है. . इस अवसर पर भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के पूर्व सहायक सचिव/मीडिया हेड एवं प्रधान संपादक, डॉ. आर.बी. चौधरी , उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव भिखारी प्रजापति एवं बोर्ड के मानद जनपद जीव जंतु कल्याण अधिकारी ओम प्रकाश यादव भी मौजूद थे. डॉ. चौधरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बोर्ड के द्वारा बोर्ड के सदस्य के रूप में सेवा देने, गोरक्षनाथ मंदिर में राष्ट्रीय गोवंश आयोग के गठन के पूर्व की शुरुआती चर्चा तथा आयोग के सिफारिशों के साथ गोधन क्रांति फिल्म को तत्कालीन प्रधानमंत्री को प्रस्तुत करने की याद भी दिलाई जो उन्हें एक- एक घटनाएं स्मरण थी.गोसंरक्षण- संवर्धन पर पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री गंभीर अध्ययन और अनुसंधान काबिले तारीफ रहा और सभी लोग उनकी बातें सुनते रहे. गौसंरक्षण परिचर्चा के बाद एक सन्यासी- मुख्यमंत्री का खड़े होकर आभार प्रदर्शन न केवल सबको चौका दिया बल्कि सम्मान की ऐसी पायदान पर पहुंचा दिया जिससे बड़ा सम्मान क्या हो सकता है. इस क्षण एक ऐसी प्रेरणा और ऊर्जा भर दिया जो कभी कोई भूल नहीं सकता.

READ MORE :  झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ ने कृषि मंत्री श्री बादल पत्रलेख से पशु चिकित्सा सेवा मे पुनर्गठन की मांग रखी

 

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON