झारखण्ड में प्रतिदिन 70-80 लाख अण्डों की खपत होती है. लेकिन स्थानीय उत्पादन बेहद कम होने की वजह से( पूरे झारखंड में लगभग तीन लाख अंडा का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा है )इसकी आपूर्ति के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है. इसे देखते हुए ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत जेएसएलपीएस द्वारा जोहार परियोजना के अंतर्गत सखी मंडल की महिलाओं को अंडा उत्पादन से जोड़ा गया है. हाल ही में शुरू की गई इस पहल के तहत ये महिलाएं प्रतिदिन 55 हज़ार अण्डों का उत्पादन कर रही हैं.
आने वाले समय में इस गतिविधि को गति देने के लिए सखी मंडल की महिलाओं को लेकर गठित किए जा रहे विभिन्न ग्रामीण अंडा उत्पादन स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड के माध्यम से उत्पादन क्षमता बढ़ाकर राज्य को अंडा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इससे जहां ग्रामीण महिलाओं को आजीविका का एक नया ज़रिया मिलेगा, वहीं उनकी आमदनी में वृद्धि होगी.
#स्वावलंबी_महिलाएं
#आत्मनिर्भर_झारखण्ड
Home Animal Husbandry News-पशुपालन समाचार ग्रामीण अंडा उत्पादन स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड के माध्यम से उत्पादन क्षमता...