पशुधन प्रहरी नेटवर्क, रांची
22 अप्रैल2020
झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के महासचिव द्वारा निदेशक पशुपालन
झारखण्ड सरकार को
पशुचिकित्सकों के गैर विभागीय कार्यों में प्रतिनियुक्ति के कारण पशुचिकित्सा एवं अन्य विभागीय कार्यों के सम्पादन में हो रही कठिनाई के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें मुख्य सचिव, झारखण्ड का पत्रांक-350(अनु॰) दिनांक 15@04@2020
संदर्भ गृह मंत्रालय भारत सरकार का आदेश सं॰ 40-3/2020-DM-1(A), दिनांक-15@04@2020 एक प्रसंग का जिक्र करते हुए कहा गया कि
COVID-19 महामारी की त्रासद स्थिति में गृह मंत्रालय भारत सरकार का आदेश सं॰ 40-3/2020-DM-1(A), दिनांक- 15@04@2020 का दिशानिर्देश एवं तत्संबंधी मुख्य सचिव झारखण्ड सरकार का पत्रांक-350(अनु॰) दिनांक 15@04@2020 द्वारा इसे कड़ाई से अनुपालन का पत्र निर्गत किया गया है।
स्पष्ट है कि भारत सरकार (गृह मंत्रालय) के दिशा निर्देशों की कंडिका-5 (V) Veterinary Hospitals, dispensaries, clinics, pathology labs sale and supply of vaccine and medicine. की उपकंडिका (IX) Movement (inter and intra State, including by air) of all medical and veterinary personnel, scientists, nurses, Para-medical staff, lab technicians, and other hospital support services including ambulances द्वारा पशुचिकित्सा कार्यों को आवश्यक एवं आकस्मिक सेवाओं की श्रेणी में रखा है। परंतु वर्तमान में पशुपालन विभाग के अधिकतर पशुचिकित्सक राज्य भर के जिलों में बनाए गए चेकपोस्टों, थानों इत्यादि स्थानों पर विधि व्यवस्था संधारण जैसे गैर तकनीकि कार्यों में व्यस्त है।
ऐसी परिस्थिति में पशुचिकित्सा सहित अन्य विभागीय कार्यों के सम्पादन में कठिनाई उत्पन्न हो रही है जिससे राज्य के गरीब पशुपालक पशुचिकित्सा से बंचित हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि संघ ने अपने पत्रांक-11 दिनांक-24@03@2020 द्वारा पशुपालन एवं पशुचिकित्सा सेवाओं के लिए आवश्यक Advisory जारी करने का अनुरोध कर चुका है।
उन्होंने कहा कि संघ, निदेशक महोदय पशुपालन विभाग से पुनः निवेदन करना चाहता है कि उपर्युक्त भारत सरकार (गृह मंत्रालय) के सदर्भाधीन आदेश एवं मुख्य सचिव झारखण्ड के प्रसंगाधीन पत्र के आलोक में विभागीय तकनीकि कार्यों के सम्पादन हेतु स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करना चाहेंगे। साथ ही सभी उपायुक्त झारखण्ड को निदेशित करना चाहेंगे की पशुचिकित्सकों को विधिव्यवस्था/गैर विभागीय कार्यों से विमुक्त करें जिससे पशुचिकित्सालय एवं विभगीय कर्यों का सम्पादन हो सके।
स्रोत- डॉक्टर शिवानंद काशी ,प्रचार प्रसार मंत्री, पशु चिकित्सा सेवा संघ, झारखंड