झारखंड में लॉकडाउन का सबसे प्रतिकूल असर पशुओं पर : खाने के पड़ रहे लाले, दूध उत्पादक एवं मुर्गी पालक सबसे ज्यादा प्रभावित

0
617

प्रवीण श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ,
पशुधन प्रहरी नेटवर्क। जमशेदपुर

Mar 27, 2020

पशुपालन सचिव ने उपायुक्‍तों से आपूर्ति सुनिश्‍च‍ित करने को कहा”

लॉकडाउन का असर आम लोगों के साथ-साथ पशुओं पर भी पड़ रहा है। उन्‍हें खाने के लाले पड़ रहे हैं। उनके लिए चारा और खाद्य की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। पशुपालन सचिव पूजा सिंघल ने सभी जिलों के उपायुक्‍तों से इसकी आपूर्ति सुनिश्‍च‍ित करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दि‍या है।

दुग्ध उत्पादकों की परेशानियां

देश में पूर्ण रुप से लकडाउन के बाद राज के सभी होटलों ,रेस्टोरेंट तथा मिठाई की दुकानों को प्रशासन द्वारा पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है जिसके चलते वहां पर सप्लाई होने वाले दूध तथा दूध उत्पाद पूर्ण रूप से बंद हो गए हैं। जिसके चलते पशु पालकों का दूध की बिक्री नहीं हो पा रही है तथा पूरा दूध बर्बाद हो जा रहा है। चुकी दुधारू गायों का दूध का उत्पादन रोका नहीं जा सकता है तथा पशुओं का आहार की आपूर्ति अन्य राज्यों से नहीं हो पा रही है जिसके चलते पशुओं के आहार की उपलब्धता में काफी कठिनाई हो रही है तथा आहार का कीमत में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। धान की कुटी ,लॉकडाउन के पहले लगभग ₹3 प्रति केजी के दर से मिलता था जो फिलहाल ₹12 की दर से भी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में पशुपालक, अपने दुधारू पशुओं को भूखा रखने के लिए मजबूर हो जा रहे हैं। दूध उत्पादकों का कहना है कि उनके गौशाला से उपभोक्ता तक दूध पहुंचाने हेतु सरकार को अनुमति जारी करनी चाहिए जिससे कि ग्वाला, दूध को उपभोक्ता के घरों तक आसानी से बिना रोक-टोक के पहुंचा सके साथ ही इसकी सूचना प्रत्येक थाने में ग्राम स्तर तक जानी चाहिए।

READ MORE :  No data to suggest humans can contract novel coronavirus from pets: AIIMS Director

मुर्गी पालकों की परेशानियां

जबसे कोरोना महामारी तथा मुर्गी मांस के संबंधित अफवाह सोशल मीडिया मे भाइरल होने लगा तब से मुर्गी का रेट बाजार में धड़ाम से गिर गया । इसकी स्थिति और भयावह हो गई जब पूरे देश में संपूर्ण लकडाउन की घोषणा हो गई। मुर्गियों की दुकानें बंद हो गई। मुर्गियों के लिए आहार जोकि मुख्यतः पड़ोसी राज्यों पश्चिम बंगाल ,उड़ीसा ,बिहार से ट्रक के माध्यम से आता था, पूरा बंद हो चुका है। मुर्गियां दाने के अभाव में मर रही है। जिस एक किलोग्राम मुर्गी के उत्पादन में लगभग 80 से ₹90 का खर्चा आता है उस मुर्गी का कीमत आज बाजार में 20 से ₹30 किलो हो गया है। मुर्गी पालक कठिन दौर से गुजर रहे हैं। मुर्गियों की गाड़ियों को पूर्णता बंद कर दिया गया है।

पशुपालकों ने दी ये सूचना

सचिव ने इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें उन्‍होंने कहा है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के पशुपालकों द्वारा ऐसी सूचना दी जा रही है कि पशुओं के लिए बाजार में चारा और खाद्य सामग्रियों उपलब्ध होने में कठिनाई हो रही है। उनके द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि पशुओं के लिए चारा और खाद्य सामग्रियों का अधिकतर हिस्सा का आपूर्ति पड़ोसी राज्य बिहार एवं पश्चिम बंगाल तथा उड़ीसा से सड़क मार्ग के द्वारा होता है।

चारा की आपूर्ति बाधित

विदित हो कि Novel Corona Virus (Covid 19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए 21 दिनों तक संपूर्ण देश में Lockdown की घोषणा की गई है। इससे आकस्मिक सेवाओं को मुक्त रखा गया है। इस क्रम में राज्य में भी सरकार द्वारा सभी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर पूर्णतया Lockdown कर दिया गया है। ऐसी परिस्थिति में पशुओं के लिए चारा और खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति और उपलब्धता बाधित हो सकती है।

READ MORE :  अब शहर तथा गांव में पशुपालक नहीं खोल पाएंगे व्यवसायिक डेयरी फार्म

आपूर्ति सुनिश्‍च‍ित करायें

सचिव ने कहा है कि यहां यह भी उल्लेखित करना है कि पशुओं के जीवन रक्षार्थ पशु-चारा और खाद्य सामग्री अति आवश्यक है। पशुओं के लिए पड़ोसी राज्यों से आपूर्ति होने वाले चारा और खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति सुगमतापूर्वक हो सके, इसके लिए अपने स्तर से अग्रेतर कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे।

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON