डेरी बिज़नेस और पशु जीवन में  पशु आहार की भूमिका

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डेरी बिज़नेस और पशु जीवन में  पशु आहार की भूमिका

 

 

  1. मिश्रित पशु आहार:
    मिश्रित पशु आहार विभिन्न खाद्य सामग्रियों को उपयुक्त अनुपात में मिलाकर बनाया गया एक मिश्रण है| मिश्रित पशु आहार मुख्यतः अनाज, चोकर, खलियाँ, दाल चुनियाँ, कृषि औधोगिक सह उत्पादों, खनिज पदार्थों और विटामिनों से मिलकर बनता है| यह पशुओं को जरुरी पोषक तत्व उपलब्ध कराने का सस्ता स्रोत है, यह चूरी, गोलियाँ, मुरमुरा या घनाकार आदि के रूप में होता है|

मिश्रित पशु आहार बढ़ते बछड़ों/ बछियों के लिए, वयस्क पशुओं के लिए, सूखे, दुधारू एवं गाभिन पशुओं के लिए संतुलित तथा स्वादिष्ट पोषक आहार का काम करता है| इसे निर्धारित मात्रा में नियमित प्रयोग करने से दुग्ध उत्पादन की लागत को कम किया जा सकता है एवं किसानों की शुद्ध आय को बढ़ाया जा सकता है|

मिश्रित पशु आहार की मात्रा निम्नप्रकार से तय की जा सकती है:

मिश्रित पशु आहार गायों के लिए
(400 किलोग्राम शारीरिक भार) भैंसों के लिए
(500 किलोग्राम शारीरिक भार)
भरण पोषण के लिए 1.5 – 2.0 कि.ग्रा. 2.0 – 2.5 कि.ग्रा.
दुग्ध उत्पादन के लिए (प्रति लीटर) 400 ग्राम 500 ग्राम
गर्भावस्था के लिए 2.0 कि.ग्रा.(अंतिम दो महीनो में ) 2.0 – 2.5 कि.ग्रा.(अंतिम दो महीनो में)

इस समय, भारत में दुधारू पशुओं के लिए केवल दो प्रकार (टाइप । और टाइप ।।) के मिश्रित पशु आहार बनाये जा रहे हैं| दूध उत्पादन में वृध्दि, विभिन्न क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों की उपलब्धता एवं किसानों की पसंद को ध्यान में रखते हुए इस समय कई प्रकार के मिश्रित पशु आहार बनाने की आवश्यकता है| एनडीडीबी विभिन्न प्रकार के मिश्रित पशु आहारों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है जैसे कि बछड़ों/ बछियों के लिए दाना (calf starter), बढ़ते बछड़ों/ बछियों के लिए (calf growth meal), ज्यादा दूध देने वाले पशुओं के लिए, कम दूध देने वाले पशुओं के लिए, भैंसों के लिए, तथा सूखे गर्भावस्था वाले पशुओं के लिए अलग अलग प्रकार का पशु आहार बनाना|

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एनडीडीबी कच्चे माल और तैयार खाद्य सामग्री की गुणवत्ता के बारे में दिशा-निर्देश प्रदान करके सहकारी पशु आहार सयंत्रों को अपनी सेवाएं देती है| पशु आहार सयंत्रों को कम लागत में पशु आहार बनाने, खरीद निर्देशों एवं पशु आहार में इस्तेमाल कच्चे माल, तैयार माल और खनिज मिश्रण के परीक्षण के तरीके बताकर भी सहायता की जाती है|

  1. क्षेत्र विशेष खनिज मिश्रण:
    डेरी पशुओं के चारे और आहार में दुग्ध उत्पादन और प्रजनन के लिए जरुरी सभी खनिज शामिल नहीं होते। चारे और आहार में खनिजों का स्तर क्षेत्र से क्षेत्र में बदलता रहता है। अतः विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों के लिए खनिज मानचित्रण कार्यक्रम पर आधारित क्षेत्र विशिष्ट खनिज मिश्रण तैयार करना जरूरी है। राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड ने विभिन्न राज्यों के लिए खनिज मानचित्रण पूर्ण कर लिया है तथा डेरी पशुओं के आहार के पूरक हेतु क्षेत्र विशिष्ट खनिज मिश्रण फोर्मुलेशन विकसित किए हैं। राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड ने खनिज मिश्रण की उत्पादन प्रक्रिया और संयंत्र डिजाइन को मानकीकृत किया है । राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की मदद से विभिन्न राज्यों में विभिन्न एजेंसियों ने बढ़ते हुए तथा स्तनपान कराने वाले पशुओं के लिए क्षेत्र विशिष्ट खनिज मिश्रण का उत्पादन और बिक्री शुरू की है।

डेरी सहकारी समितियों एवं अन्य एजेंसियों को 12 और 25 मीट्रिक टन/प्रतिदिन क्षमता वाले खनिज मिश्रण संयंत्र स्थापित करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।

पूरक आहार के विकास के लिए अनुसंधान तथा विकास पहल

डेरी पशुओं में गर्मी में न आने /गर्भाधान के पश्चात गर्भित न होने की समस्या के इलाज हेतु पशु पोषण ग्रुप ने “गर्ममिन गोलियां” विकसित की है। साथ ही दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए कैल्शियम, फोस्फोरस और विटामिन डी3 की पूरक खुराक के लिए ‘केलसागर’ आहार की गोलियां भी विकसित की हैं। डेरी पशुओं में गर्भाधान दर तथा दुग्ध उत्पादन में सुधार के लिए राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की प्रयोगशाला ने बायपास फैट के साथ रूमेन सुरक्षित कोलाइन क्लोराइड को पूरक आहार के रूप में विकसित किया है। प्रजनन करने वाले सांडों के वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाने के लिए विटामिन आधारित पूरक आहार तथा उप नैदानिक थनैला एवं खनिज की कमी कम करने के लिए एक पूरक आहार पर विभिन्न स्थानों पर प्रयोग किए जा रहे हैं।

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पशु आहार को हम तीन भागों में बांटते हैं –
1 जीवन निर्वाह के लिए पशु आहार
पशु को आहार स्वस्थ रखने के लिए दिया जाता है यह आहार शरीर के तापमान को संतुलित करता है तथा पाचन क्रिया ,रक्त परिवहन ,श्वसन ,उत्सर्जन चयापचय आदि के लिए काम करता है।
इससे उसका वजन भी संतुलित रहता है यह आहार देना बहुत आवश्यक है।
खलियाँ 25—35%
(मूंगफली, सरसों, तिल
बनौली, अलसी)
मोटे अनाज 25—35%
(गेहूँ, मक्का, जौं
ज्वार)
अनाज के बाइ प्रोडक्ट 10—30%
(चोकर, चुन्नी, चावल की
फक)
खनिज मिश्रण 1%
(ग्रोमिन फोर्ट प्लस)
आयोडीन युक्त नमक 2%
विटामिन ए, डी,. 3 का मिश्रण 20—30 ग्राम
ग्रोवर पावर प्रति 100 किलो
इस आहार के अभाव में पशु कमजोर हो जाता है तथा उसकी उत्पादकता व प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है।
2 उत्पादन के लिए आहार
उत्पादन आहार-विहार है जो अधिक दूध उत्पादन के लिए दिया जाता है यह जीवन निर्वाह के अलावा दिया जाने वाला आहार है ।स्थानीय गायों( जेबू )के लिए प्रति 2.5 किलोग्राम दूध के उत्पादन के लिए जीवन निर्वाह आहार के अलावा 1kg देना चाहिए।
शंकर/देसी दुधारू, गाय या भेसों के लिए यही मात्रा 2 केजी दूध के लिए दी जाती है।
अच्छे दूध उत्पादन के लिए गायों को दिन में कम से कम 3 बार ताजा व स्वच्छ पानी दिया जाना चाहिए।
3 गर्भावस्था के लिए आहार
गायों का भैसों के गर्व काल के पांचवे महीने से अतिरिक्त आहार दिया जाता है क्योंकि इस समय बच्चे का विकास बहुत तेजी से होता है अतः बच्चे के विकास तथा वृद्धि के लिए वह अगले ब्यांत में अच्छे दूध उत्पादन के लिए इस आहार को देना आवश्यक है।
स्थानीय गायें 1.25 किलो
संकर नस्ल की गायें 1.75 किलो
व् भैंसें
इतनी मात्रा में इनको अतिरिक्त दाना दिया जाना चाहिए। पशु के ब्याने से 6 सप्ताह पहले चार से पांच केजी दाने की मात्रा पशु आहार के अतिरिक्त देनी चाहिए।

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