न्यूमोनिया (pneumonia)

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न्यूमोनिया (pneumonia)

यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण रोग है जो सभी प्राणियों मे हो सकता है ! यह फुफ्फुसीय ऊतकों (pulmonary parenchyma) का शोथ या सूजन है जिसके साथ साधारणतः श्वसनिकाओं का शोथ (inflammation of bronchioles) व pleuritis भी होते है !

रोगकारक (etiology) :
(A).जीवाणु कारक(bacterial agents)-
e.g. pasteurella spp. , haemophilus somnus ,mycoplasma spp. , Escherichia coli , Enterobacter spp., streptococcus spp. , Actinobacillus spp. , Corynebacterium spp., Mycobacterium spp. etc.

(B). विषाणु जनित (viral):
e. g. Adenovirus , para-influenza virus-3 , Rhinovirus , Reovirus , Retrovirus harpes virus , Influenza virus etc.

(C) कवक जनित (fungal) – Aspergillus spp., chlamydia spp.etc.

(D).परजीवी जनित (parasitic) – Lung worm , Ascarid larvae etc.

(E).भौतिक कारक (physical agents):
* पशु जब एकाएक ठण्डे व आर्द्रता वाले वातावरण के सम्पर्क मे आता है !
* पशु मे गैंसो व रासायनिक पदार्थ का श्वास के साथ फेंफड़ों मे प्रवेश करना !
* चोट लगना !

लक्षण (symptoms):
1. पशु के श्वास की गति तेज हो जाती है पशु को बार-बार खाँसी आती है !
2. इलाज नही मिलने पर पशु को श्वास लेने मे दिक्कत हो जाती है ,रोगी पशु मुँह खोल कर , जीभ को बाहर निकाल कर श्वास लेता है !
3. श्वास के साथ-साथ गर्र-गर्र (grunting) आवाज आती है !
4. नाको से पतले पानी से गाढा सफेद पीला व मवाद जैसा स्त्राव आता है !
5. रोगी प्राणी सुस्त व तनावग्रस्त हो जाता है !
6. गम्भीर स्थिती व समय पर इलाज नही मिल पाने की स्थिती मे रोगी पशु की मृत्यु हो जाती है !

उपचार(treatment) :
* एन्टीबायोटिक जैसे – Amoxycillin , Amoxycillin- cloxacillin , enrofloxacin , Ceftriaxone , strepto-penicillin , Oxytetracycline , Sulpha-trimethoprim combinations , Tiamulin etc.
परजीवी संक्रमण मे albendazole , tetramisole , fenbendazole , व कवकीय संक्रमण मे amphotericin-B , griseofulvin , काम मे ली जा सकती है !
* इसके अलावा antihistaminic (CPM, zeet) व bronchodilator (aminophylline, atropine sulphate , clenbuterol) तथा NSAIDs (meloxicam, nimesulide )आदि भी काम मे ली जाती है !
* बाजार मे बने कफ पाउडर आते है ! जैसे – Caflon , koflix , cofmix आदि !
* गर्म पानी मे दवा डालकर ,नीचे मुँह करके पशु को बफारा निम्न औषधियो का दें – Vicks , Tr.benzin, oil terpentine आदि !
* रोगी पशु को उपरोक्त उपचार के अलावा सहारात्मक व लक्षणात्मक उपचार भी प्रदान किया जाना चाहिए !

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