पशुओं/मुर्गियों का टीकाकरण कलेण्डर

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पशुओं/मुर्गियों का टीकाकरण कलेण्डर

डॉ. योगेश आर्य (नीम का थाना)

पशुओं का टिकाकरण करके उनमे रोग विशेष के लिए प्रतिरक्षा उत्पन्न की जाती हैं| पशुओं का टिकाकरण उचित समय पर किया जाना चाहिए| टिकाकरण करवाते समय निम्न बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए-

  1. टिकाकरण हमेशा स्वस्थ पशु-पक्षियों का ही किया जाना चाहिए|
  2. टिकाकरण करवाने के एक सप्ताह पूर्व ही कृमिनाशन करवाकर पशु का वर्म-लोड कम कर लेना चाहिए| इसी प्रकार जूं-चिचड़ भी साफ कर लेने चाहिए|
  3. एक स्टैंडर्ड कंपनी की वैक्सीन ही काम मे ली जानी चाहिए जिसको उचित तापमान पर भंडारित किया गया हों|  निःसंक्रमित सुई-सिरिन्ज से ही टिकाकरण किया जाना चाहिए|
  4. गाय, भैंस, भेड़ बकरियों और मुर्गियों का टिकाकरण निम्नानुसार किया जाना चाहिए-

    गाय-भैंस का टीकाकरण कलेण्डर

    गाय-भैंस का रोगों से बचाव के लिए, स्वस्थ पशुओं का निम्नानुसार टिकाकरण करवाना चाहिए-

    बीमारी पशु की उम्र टीकाकरण का उपयुक्त मौसम/महिना
    मुहंपका-खुरपका रोग 3 माह से बड़े सभी पशु मार्च और सितम्बर (वर्ष में दो बार)
    गलगोठूँ 3 माह से बड़े सभी पशु मई-जून (मानसून से पूर्व)
    लंगड़ा बुखार 3 माह से बड़े सभी पशु मई-जून (मानसून से पूर्व)
    एंथ्रेक्स 3 माह से बड़े सभी पशु वर्ष मे एक बार
    ब्रूसेलोसिस 6-9 माह की बछड़ी/पाड़ी को जीवन काल मे केवल एक बार
    थिलेरियोसिस 3 माह से बड़े पशु वर्ष मे एक बार (केवल विदेशी/ संकर -नस्ल के पशुओं का टिकाकरण)
    आई.बी.आर.

    Infectious-Bovine-Rhinotracheitis (I.B.R.)

    1 माह से बड़े पशु, इसके 3 माह बाद बूस्टर डोज़ लगाए वर्ष मे एक बार

    भेड़ का टीकाकरण-कलेण्डर

    बीमारी टीकाकरण का उपयुक्त मौसम/महिना
    भेड़ माता दिसम्बर
    मुहंपका-खुरपका मार्च और सितम्बर (वर्ष में दो बार)
    फड़कीया मानसून से पूर्व अथवा जरुरी होने पर
    लंगड़ा बुखार मई-जून (मानसून से पूर्व)
    गलगोठूँ मई-जून (मानसून से पूर्व)
    ब्लैक डिजीज वर्ष में एक बार कभी भी
    रिंडरपेस्ट सर्दियों में

    नोट- पी.पी.आर. रोग से बचाव के लिए 3 वर्ष में एक बार टीकाकरण करवाना आवश्यक हैं|

    बकरियों का टीकाकरण-कलेण्डर

    महिना बीमारी प्राथमिक टीकाकरण के समय उम्र
    जनवरी-फ़रवरी कन्टेजीयस केप्राइन प्लूरो न्युमोनिया 3 माह
    मार्च- अप्रैल मुहंपका-खुरपका 4 माह
    मई- जून फड़कीया, लंगड़ा बुखार एवं गलगोठूँ 4-6 माह
    सितम्बर-अक्टूबर मुहंपका-खुरपका 4 माह
    नवम्बर-दिसम्बर बकरी-पॉक्स 3 माह

     

    नोट- एंथ्रेक्स प्रभावित क्षेत्रों में, बकरियों में वर्ष में एक बार एंथ्रेक्स रोग का टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए| इसी प्रकार पी.पी.आर. (बकरी-प्लेग) रोग से बचाव के लिए 3 वर्ष में एक बार टीकाकरण करवाना आवश्यक हैं|

    ब्रोयलर्स” मुर्गियों के लिए टीकाकरण-कलेण्डर

    बीमारी   उम्र टीकाकरण करने का तरीका
    मारेक्स रोग 1 दिन चमड़ी मे लगाया जाता हैं
    रानीखेत (एफ-स्ट्रेन) 1 सप्ताह नाक या आँख में ड्रॉप डालकर
    गमबोरो रोग 2-3 सप्ताह आँख द्वारा/पीने के पानी में डालकर
    रानीखेत (एफ-स्ट्रेन का बूस्टर डोज़) 4-5 सप्ताह नाक या आँख में ड्रॉप डालकर

     

    “लेयर्स” मुर्गियों के लिए टीकाकरण-कलेण्डर

    बीमारी उम्र टीकाकरण करने का तरीका
    मारेक्स रोग 1 दिन नाक/आँख में ड्रॉप डालकर
    रानीखेत (एफ-स्ट्रेन) 1 सप्ताह नाक/आँख में ड्रॉप डालकर
    गमबोरो रोग 2-3 सप्ताह आँख द्वारा/पीने के पानी में डालकर
    संक्रमित ब्रोंकाइटिस 4 सप्ताह आँख द्वारा/पीने के पानी में डालकर
    रानीखेत (एफ-स्ट्रेन का बूस्टर डोज़) 5-6 सप्ताह आँख द्वारा/पीने के पानी में डालकर
    रानीखेत (आर2बी- स्ट्रेन) 8-9 सप्ताह चमड़ी मे लगाया जाता हैं
    मुर्गी पोक्स 10-11 सप्ताह खरोंच कर
    संक्रमित ब्रोंकाइटिस (बूस्टर डोज़) 14-16 सप्ताह आँख द्वारा/पीने के पानी में डालकर
    मुर्गी पोक्स (बूस्टर डोज़) 16-17 सप्ताह खरोंच कर
    रानीखेत (आर2बी- स्ट्रेन का बूस्टर) 18 सप्ताह चमड़ी मे लगाया जाता हैं
    गमबोरो रोग (बूस्टर डोज़) 18-20 सप्ताह पीने के पानी में डालकर
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