07 April, 2020
पशुधन प्रहरी नेटवर्क
देशभर को कोरोना संकट से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया है. इस बीच सभी अपने घरों में कैद हैं. कोरोना वायरस से बचाव के लिए सैनेटाइज़र, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और खान-पान पर ध्यान रख रहे हैं. इन सबके बीच मध्य प्रदेश सीहोर से एक अनोखी तस्वीर सामने आई है. यहां पशुपालकों को चिंता सता रही है कि वह अपने पुशओं को कोरोना वायरस के संक्रमण से कैसे बचाएं. जब उन्हें कुछ समझ नहीं आया, तो एक अनोखा तरीका अपना लिया.
पशुपालकों ने पशुओं को पहनाया मास्क:
ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों को डर है कि कहीं उनके पशुओं को कोरोना वायरस न हो जाए. इसके लिए पशुपालकों ने अपनी गाय, भैंस, बैल आदि जानवरों को मास्क बनाकर पहना दिया. ग्रामीणों का प्रयास है कि इस तरह वह कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोक पाएंगे.
किसान और पशुपालकों को सता रही चिंता:
आपको बता दें कि इस वक्त खेतों में गेंहू की फसल की कटाई की जा रही है. इस दौरान मवेशियों और बैलों को बैलगाड़ी में बांधकर खेत में ले जाते हैं. ऐसे में पशुओं को कोरोना संकट से बचाना बहुत ज़रूरी है, इसलिए ग्रामीणों ने उन्हें मास्क पहना दिया है.
किसान और पशुपालकों का कहना है कि देश पर कोरोना का संकट मंडरा रहा है. ऐसे में अगर पशु जमीन पर पड़ी गंदी चीजें सूंघ लेते हैं, तो उन्हें और गांव को बीमारी होने का डर है. अगर उन्हें मास्क पहना दिया जाएगा, तो उन्हें खेतों पर जाते और आते समय कोई परेशानी नहीं होगी. इस तरह कोरोना वायरस से पशुओं समेत गांव के लोगों की भी रक्षा हो पाएगी.
खास तरीके से तैयार किया मास्क:
आपको बता दें कि पशुओं के मुंह का साइज काफी बड़ा होता है. उनके लिए बाजार में भी मास्क नहीं मिल सकते हैं. ऐसे में ग्रामीणों ने गांव में ही खास तरीके से मास्क तैयार किए हैं.
पशुधन को कोविड-19 से बचाव के उपाय:
तमिलनाडु वेटनरी यूनिवर्सिटी स्थित सेंटर फॉर एनिमल डिजीज रिसर्च ने कोविड-19 से पशुधन , जंगली जानवरों तथा पालतू जानवर पेट्स की बचाव हेतु एक दिशा निर्देश जारी किया है जो कि निम्न है :
स्रोत- कृषि जागरण