पशुपालन के हर क्षेत्र मे इंटरप्रुनरशीप डवलप करें, नए आयाम सोचें एवं उन पर आगे बढ़ें- प्रो. विष्णु शर्मा कुलपति, राजस्थान पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर

0
256

बीकानेर / दिनांक 18/07/2019 पशुपालन के हर क्षेत्र इंटरप्रुनरशीप डवलप करें, नए आयाम सोचें एवं उन पर आगे बढ़ें, ऐसा आवाहन प्रो. विष्णु शर्मा कुलपति, राजस्थान पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर ने राष्ट्रीय अश्व अनुसन्धान केन्द्र के बीकानेर परिसर पर “स्वदेशी घोड़ों के अनुवांशिक उन्नयन के लिए नेटवर्क परियोजना” के अंतर्गत पशुचिकित्सकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए किया । उन्होंने युवा पशुचिकित्सकों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने आप को स्थापित करने के लिए प्रेरित किया । इस अवसर पर प्रभारी अधिकारी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के निदेशक डॉ एस सी मेहता ने बताया की घोड़ों के संरक्षण, उन्नयन एवं संवर्धन के लिए अब समय आ गया है की हम अतिरिक्त प्रयास करें, चाहे इसके लिए पुरे देश में नेटवर्क की स्थापना करनी हो, चाहे अनुसन्धान कार्यों को जमीन पर उतारना हो या चाहे पशुपालन अथवा अश्व पालन को आज की आवश्यकताओं के मुताबिक ढालना हो । इस केंद्र पर जो नेटवर्क हमने अश्व संवर्धन का बनाया है उसमे अधिकतम सरकारी तंत्र का प्रयोग कर न्यूनतम किमत पर गरीब एवं अमीर सभी प्रकार के अश्व पालकों को लाभ पहुँचाना सुनिश्चित किया है। उन्होंने प्रशिक्षण में आये पशुचिकित्सकों को अपना एम्बेसेडर बताते हुए बताया की कैसे आप इस कार्यक्रम के टू-वे सिस्टम का हिस्सा बनाकर देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हो । उन्होंने यह भी कहा की आप राजस्थान एवं पंजाब को छोड़ कर अन्य दूरस्थ राज्यों जैसे केरल, छतीस गढ़ एवं उत्तराखण्ड आदि से भी आये हो, इससे हमें अपनी बात वहाँ के लोगों एवं सम्बन्धित अधिकारीयों तक पहुँचाने में मदद मिलेगी । इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. टी राव तालुरी ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए एवं कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए बताया की प्रयोगशाला से पशुपालकों के मध्य की दुरी को कम करने के उद्देश्य से ही यह कार्यक्रम किया जा रहा है । उन्होंने अपने लेक्चर में घोड़ों में कृत्रिम गर्भाधान की बारीकियों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में डॉ जितेन्द्र सिंह ने प्रायोगिक जानकारियाँ दी एवं पशु चिकित्सकों को घोड़े के प्रजनन की विशेषताएँ बताई । आज के विशेष लेक्चर में प्रधान वैज्ञानिक डॉ सुमंत व्यास ने अश्वों के प्रजनन पर फोटो परियोडीसिटी के असर के बारे में बताया । कार्यक्रम में अश्व अनुसंधान केंद्र के सभी स्टाफ ने भाग लिया एवं धन्यवाद प्रस्ताव श्री कमल कुमार सिंह ने दिया ।

Please follow and like us:
Follow by Email
Facebook

Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON
READ MORE :  राष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन एवं पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास हरिद्वार द्वारा निर्मित उच्च कोटि के पशु आहार का शुभारंभ