बबेसिओसिस (Babesiosis) पशुओं में होने वाला रोग है जो रक्त प्रोटोज़ोआ के कारण होता है जो एककोशिकीय जीव है। यह मलेरिया-जैसा रोग है जो बबेसिया (Babesia) नामक प्रोटोजोवा के संक्रमण के कारण होता है। स्तनपोषी जीवों में ट्राइपैनोसोम (trypanosomes) के बाद बबेसिया दूसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला रक्त परजीवी है। मनुष्यों में यह रोग बहुत कम पाया जाता है।
बबेसिया प्रजाति के प्रोटोज़ोआ पशुओं के रक्त में चिचडियों (किलनी या कुटकी/ticks) के माध्यम से प्रवेश कर जाते हैं तथा वे रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं में जाकर अपनी संख्या बढ़ने लगते हैं जिसके फलस्वरूप लाल रक्त कोशिकायें नष्ट होने लगती हैं। लाल रक्त किशिकाओं में मौजूद हीमोग्लोबिन पेशाब के द्वारा शरीर से बाहर निकलने लगता है जिससे पेशाब का रंग कॉफी के रंग का हो जाता है। कभी-कभी पशु को खून वाले दस्त भी लग जाते हैं। इसमें पशु खून की कमी हो जाने से बहुत कमज़ोर हो जाता है पशु में पीलिया के लक्षण भी दिखायी देने लगते हैं तथा समय इलाज ना कराया जाय तो पशु की मृत्यु हो जाती है।
उपचार व रोकथाम:-
यदि समय पर पशु का इलाज कराया जाये तो पशु को इस बीमारी से बचाया जा सकता है। इसमें बिरेनिल के टीके पशु के भार के अनुसार मांस में दिए जाते हैं तथा खून बढाने वाली दवाओं का प्रयोग कियस जाता है। इस बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए उन्हें चिचडियों के प्रकोप से बचना जरूरी है क्योंकि ये रोग चिचडियों के द्वारा ही पशुओं में फैलता है।