by Dr. Amandeep Singh
किसानों के लिए, बरसात का मौसम आनंदमयी होता है और वह बारिश के आगमन पर फिर से जीवंत हो उठते हैं। मॉनसून समस्त वनस्पतियों और मिट्टी में जीवन लाता है। लेकिन बरसात के मौसम के सभी संभावित फायदों के बीच, कुछ सावधानियां हैं जिनका विशेष रूप से पशुपालकों द्वारा ख्याल रखा जाना चाहिए। लंबे गीले मौसम में, जानवर कई चुनौतियों के प्रति संवेदनशील होते हैं और यदि कोई किसान सावधानी नहीं बरतता तो जानवर बीमारियों से मारे जा सकते हैं। इसलिए, पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन को अनुकूलित करने के लिए निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए:
जिन शैडों में पानी टपकता हो उनकी मरम्मत करें
उचित वेंटिलेशन बनाए रखें
पशुओं को पेट के कीड़ों तथा किलनियों से बचाव के लिए दवाई दें
पशुओं के शैड से मक्खी और मच्छरों को दूर रखें और इनके फैलाव को रोकें
पशुओं की फ़ीड को सवाधानी से सूखी जगह पर स्टोर करें
फ़ीड पर कवक/उल्ली के विकास की जांच करें
पशुओं के थनों की जाँच करें तथा दूध निकलने के बाद किसी एंटीसेप्टिक से धोएं
जानवरों के शैड को रोज़ साफ़ करें तथा फिनाइल का इस्तेमाल कर धोएं
पशुओं को रोज़ नेहलायें ताकि उनके शरीर पर गोबर या अन्य अपशिष्ट वस्तु न लगी रहे
पशुओं के बाड़े को सूखा रखें
प्रति पशु पर्याप्त स्थान प्रदान करें
एक शैड में अधिक पशु न रखें
पशुओं को हुए घावों का ख़ास ध्यान रखें तथा एंटीसेप्टिक का प्रयोग करें
पशुओं को अधिक हरी घास न चरने दें नहीं तो दस्त हो सकते हैं
पशुओं को नयी पनपी घास न चरने दें अन्यथा विषाक्तता हो सकती है
बरसात के समय बढ़े हुए चयापचय को पूरा करने के लिए संतुलित राशन दें
बरसात के पानी की निकासी सुनिश्चित करें अन्यथा उस पानी में अनेक प्रकार के मच्छर तथा कीड़े पनप जायेंगे जो की पशु के स्वस्थ्य के लिए हानिकारक हैं
पशुओं के मल तथा मूत्र का सही ढ़ंग से निपटान करें नहीं तो ये भी बीमारी फैला सकते हैं
बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें
प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए इम्यूनो-स्टीमुलैंट दें
टीकाकरण से रोगों को दूर रखा जा सकता है
बरसात के पहले निम्नलिखित टीकाकरण कराएं
गाय और भैंस में
खुर पका मुंह पका
लंगड़ा बुखार
गल घोटूं
बकरी और भेड़ में
खुर पका मुंह पका
पी.पी.आर
एंटेरोतोक्सीमिया
सूकरों में
खुर पका मुंह पका
स्वाइन फीवर