मध्यप्रदेश / 6 रु. में तैयार सिंथेटिक दूध 40 रु. लीटर बेचते थे, हर माह 1.8 करोड़ का कारोबार

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मध्यप्रदेश / 6 रु. में तैयार सिंथेटिक दूध 40 रु. लीटर बेचते थे, हर माह 1.8 करोड़ का कारोबार

·         भिंड-मुरैना के तीन लोगों के खिलाफ भोपाल में केस दर्ज, विधानसभा में गूंज

  • मुख्यमंत्रीबोले- ऐसे लोग मानवता के दुश्मन, कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी

 

पशुधन प्रहरी नेटवर्क -Jul 21, 2019, 10:52 AM IST

भोपाल/ग्वालियर. एसटीएफ ने भिंड-मुरैना में सिंथेटिक दूध का काराेबार करने वाले तीन लोगों के खिलाफ धाेखाधड़ी (420) एवं अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। इनमें मुरैना का एक डेयरी संचालक, भिंड के लहार का एक चिलिंग सेंटर का संचालक और एक आइस फैक्टरी का मालिक शामिल है। भिंड-मुरैना से राेजाना प्रदेश के अलग-अलग शहरों में 15 हजार लीटर सिंथेटिक दूध सप्लाई किया जाता था।

एसटीएफ और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अफसराें ने बताया कि 40 रु. लीटर की दर से सिंथेटिक दूध की सप्लाई की जाती थी, जबकि इसकी एक लीटर बनाने की लागत 6 से 8 रुपए के बीच हाेती थी। सिंथेटिक दूध बेचने से डेयरी काराेबारी को एक लीटर दूध पर 32 से 34 रुपए और राेजाना करीब 5 लाख रुपए का अतिरिक्त मुनाफा हाेता था। अनुमान के मुताबिक सिंथेटिक दूध काराेबारी हर महीने राज्य के विभिन्न शहराें में जहरीला दूध बेचकर 1 कराेड़ 80 लाख रुपए का काराेबार करते थे।

पकड़ में न आए इसलिए असली दूध में की जाती थी मिलावट

फूड लेबाेरेटरी टेस्ट अाैर दूसरी जांचाें में सीधे ताैर पर सिंथेटिक दूध पकड़ में न अाए, इसके लिए सिंथेटिक दूध की सप्लाई असली दूध के साथ मिलाकर की जाती थी। यह खुलासा एसटीएफ अाैर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अफसराें ने शुरूआती जांच में किया है।

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एसटीएफ एसपी (ग्वालियर) अमित सिंह ने बताया कि मुरैना के अंबाह में वनखंडेश्वर डेयरी के संचालक देवेंद्र गुर्जर, भिंड जिले के लहार में संचालित गिर्राज चिलिंग सेंटर के डायरेक्टर संताेष सिंह अाैर गाेपाल अाईस फेक्टरी के सचंालक राजीव गुप्ता के खिलाफ धाेखाधड़ी, फूड सेफ्टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। जल्द ही आराेपियाें की गिरफ्तारी कर, सिंथेटिक दूध के खरीदाराें के बारे में जानकारी जुटाकर कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि अंबाह की वनखंडेश्वर डेयरी से टीम ने आठ सैंपल लिए थे। जबकि लहार की दोनों फर्माें से सात सैंपल लिए थे। इनमें अंबाह की डेयरी से 14500 लीटर सिंथेटिक दूध अाैर लहार की दाेनाें डेयरी-चिलिंग सेंटर से 4100 लीटर सिंथेटिक दूध और 1500 किलाे पनीर जब्त किया था। एसटीएफ ने अभी केमिकल और शैंपू बेचने वाली फर्माें पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

ऐसे जांचें नकली दूध

  • दूध काे बर्तन में तेजी से चम्मच से हिलाएं। सिंथेटिक दूध हाेगा ताे बर्तन में झाग बनेगा, जाे थाेड़ी देर बाद खत्म हाेगा। तत्काल नहीं।
  • सिंथेटिक दूध काे छूकर भी पहचाना जा सकता है। इस दूध में अंगुली चलाकर निकालें। अंगुली पर साबुन के पानी की जैसी चिकनाहट मिलेगी। एेसा केवल सिंथेटिक दूध में हाेता है।
  • सिंथेटिक दूध, असली दूध की अपेक्षा कड़वा हाेता है। इसे चखने पर शुद्ध दूध के जैसी मिठास का स्वाद नहीं मिलेगा।

सीएम बोले- ऐसे लोग मानवता के दुश्मन, कड़ी कार्रवाई होगी

सिंथेटिक दूध का मामला शनिवार को विधानसभा में भी गूंजा। सदस्यों ने केमिकल युक्त दूध को बच्चों और लोगों के लिए खतरा बताया और कड़ी कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि कैमिकल युक्त दूध लोगों के लिए बड़ा खतरा है। बाद में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि इस काले कारोबार से जुड़े लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जनता के स्वास्थ्य के साथ धोखा व खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। कोई नहीं बचेगा। ऐसे लोग समाज व मानवता के दुश्मन हैं।

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NB-BEWARE! Synthetic milk has flooded the market

It is not milk
It is made up of urea, caustic soda, refined oil (cheap cooking oil) and common detergents.
Detergents are used as they emulsify and dissolve the oil in water giving the frothy solution, the characteristic white color of milk. Refined oil is used as a substitute for milk fat. Caustic soda is added to the blended milk to neutralize the acidity and preventing it from turning sour during transport. Urea/ sugar are added for solid–not–fat (SNF), to provide whiteness in milk and natural milk taste.
It looks like natural milk, except in taste and nutritional qualities.
It is normally mixed with milk and then sold in the market
It is carcinogenic in humans
Urea and caustic soda can harm liver and kidneys.
Caustic soda with high sodium content is harmful for patients with high blood pressure.
Caustic soda also deprives the body from utilizing lysine, an essential amino acid in milk, which is required by growing babies.

सभार– Dainik Bhaskar

 

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