राष्ट्रीय कामधेनु आयोग गौ संरक्षण संवर्धन में कौशल विकास को प्राथमिकता देगा

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राष्ट्रीय कामधेनु आयोग गौ संरक्षण संवर्धन में कौशल विकास को प्राथमिकता देगा-
भारतीय युवा पीढ़ी को आगे लाना पहली प्राथमिकता-
मथुरा वृंदावन में आदर्श गौशाला केंद्र स्थापित किया जाएगा:डॉ. वल्लभभाई कथीरिया

पशुधन प्रहरी नेटवर्क ,

रिपोर्ट:डॉ.आर.बी. चौधरी
(विज्ञान लेखक एवं पत्रकार, पूर्व मीडिया हेड एवं प्रधान संपादक- एडब्ल्यूबीआई, भारत सरकार)

13 अगस्त, 2019; वृंदावन(उत्तर प्रदेश)

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग देश के गौशालाओं के पुनरुद्धार के लिए इस समय देश के छोटी बड़ी गौशालाओं का भ्रमण कर उनकी व्यथा सुनने में लीन है ताकि मौजूदा समस्याओं को मद्दे नजर रखते हुए उसके समाधान हेतु नीति निर्धारण एवं कार्यक्रम संचालन के लिए कदम उठा सके. इस उद्देश्य  के  लिए हुए आयोग के अध्यक्ष ,डॉ. वल्लभभाई कथीरिया उत्तर प्रदेश में स्थित है श्री मथुरा वृंदावन हांसानंद गोचर भूमि ट्रस्ट गौशाला , मथुरा पहुंचे जहां गौशाला के स्थापना इतिहास को दोहराते हुए एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया और डॉ.कथीरिया ने अपने संबोधन में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि एवं सांस्कृतिक विरासत के रूप में जाने पहचाने जाने वाले श्री मथुरा वृंदावन हांसानंद गोचर भूमि ट्रस्ट गौशाला को एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में आदर्श केंद्र बनाने का विचार रखा. उन्होंने कहा कि गो कृषि एवं गौ संस्कृति के जागरण के लिए मथुरा -वृंदावन से बेहतर जगह कहां हो सकता है जहां गौ संरक्षण संवर्धन की अस्मिता भारत की इतिहास बन गई.

 

 

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष डॉ.कथीरिया ने अपने उद्बोधन में बताया कि भगवान कृष्ण के जीवन की लीला स्थली मथुरा वृंदावन के पावन धरती से गौ संरक्षण संवर्धन के नए इतिहास की शुरुआत की जाएगी जिसके लिए गौ कृषि संस्कृति को पुनः जागृत करने की आवश्यकता है. आज समूचे दुनिया में गुणात्मक भोज्य सामग्री के उत्पादन की व्यवस्था चरमरा गई है. जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण की मार को हमारी अब खाद्य श्रृंखला सहन नहीं कर पाएगी. शुद्ध पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन की परिकल्पना को साकार रूप देना होगा जिसका सिर्फ एक आधार है गोकृषि – संस्कृति.डॉ.कथीरिया ने “वसुधैवकुटुंबकम” के विचारधारा की सार्थकता को बताते हुए गो संवर्धन को वर्तमान वैश्विक आवश्यकता बताया और यह भी कहां कि गाय पर फोकस कम होने की वजह से भारतीय कृषि दुर्दशा का शिकार हो गई है और किसान बदहाली का शिकार हो गए हैं.डॉ.कथीरिया ने देश के युवाओं को जोड़ने के लिए कौशल विकास की योजना का विवरण दिया और बताया कि इस माध्यम से देश में गौ क्रांति लाई जाएगी.

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इस आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सर कार्यवाहक डॉ कृष्ण गोपाल जी ने बताया कि यह गौशाला भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय के द्वारा वर्ष 1935 में स्थापित की गई थी जो आज तकरीबन 700 से अधिक गौओं की सेवा- श्रूषा करते एवं अपने स्तित्व को बनाए रखते हुए देश तथा विदेश के तमाम गौ भक्तों एवं अनुयायियों के द्वारा आज भी सफलता पूर्वक संचालित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर यह गौशाला एक राष्ट्रीय धरोहर के रूप में देश का एक आदर्श गौशाला केंद्र स्थापित किया जाता है तो अवश्य गौर संरक्षण संवर्धन के साथ साथ गौ महिमा का संदेश समूचे विश्व में जाएगा. जिसका मूल कारण यह है कि ब्रज की माटी में से हमेशा गौ सेवा ki खुशबू आता है. इस दिशा में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष द्वारा यहां आदर्श केंद्र स्थापना का निर्णय अवश्य ही गौ संरक्षण संवर्धन को युवाओं को सामने लाने तथा कौशल विकास से जोड़ने वाली उत्कृष्ट योजना है. वर्तमान परिवेश में डॉ.कथीरिया के आदर्श केंद्र स्थापना के अनुपम सूझ-बूझ की सराहना की.

इस संगोष्ठी में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के सलाहकार डॉ. के. पी. सिंह भदौरिया सहित अन्य कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

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