रोग/disease – थीलेरिओसिस / theileriosis
यह रक्त मे उपस्थित एक प्रोटोजोआजनित रोग है, जो गौवंश ,भेड़ व बकरियो मे मुख्य रूप से होता है यह रोग चीचडो (ticks) द्वारा फैलाया जाता है,
रोग कारक / etiology
प्रोटोजोआ परजीवी – Theileria annulata
लक्षण/symptoms
इस रोग का incubation period लगभग 1-3 सप्ताह का होता है, तथा इसके लक्षण निम्न प्रकार है,
1,तेज बुखार (high fever )
2 ,लसिका ग्रन्थियो का आकार बढ़ जाना ( enlargement of lymph glands) e.g.pre-scapular,pre-femoral,parotid ets.
3,आँख व नाक से स्राव (ocular and nasal discharge)
4,सांस लेने मे परेशानी ( dyspnoea)
5,दस्त व एनिमिया ( diarrhoea and anaemia )
6, अधिक खतरनाक स्थिती मे रोगी पशु की मृत्यु भी हो सकती है, जो asphyxia के कारण होती है,
उपचार /treatment
उपचार मे प्रयुक्त औषधिया
1. Buparvaquone ( Butalex) – 2.5mg ./kg.b.w.t ( drug of choice )
2.oxytetracycline – 10-20mg./kg.b.w.t
इसके अतिरिक्त पशु का लक्षणात्मक व सहारात्मक उपचार भी किया जाना चाहिए ,
रोकथाम / control
रोकथाम के लिए पशुओ का vaccination करवाए
inj-Rakshavac-t प्राथमिक टीकाकरण 2 month,,,