पोल्ट्री उत्पादों का पशु आहार में उपयोग

0
430

पोल्ट्री उत्पादों का पशु आहार में उपयोग

यदि पौल्ट्री उत्पादो (मांश तथा अंडा को छोरकर ) का विवेकपूर्वक उपयोग किया जाये तो बूचडख़ाने को चलाने का खर्च इसी से निकाला जा सकता है। यहां हम कुक्कुट (पोल्ट्री) वधशाला से प्राप्त होने वाले कुछ प्रमुख उत्पादों और उनके उपयोग की चर्चा करेंगे। पक्षियों से मांस उत्पादन के दौरान उनके कई प्रकार के अंग जो कि सामान्यत: खाने के काम नहीं आते हैं, निकाल दिए जाते हैं। इन्हें उत्पादों की संज्ञा दी जाती है। पोल्ट्री के पंख, पैर, सिर, चमड़ा, विभिन्न भीतरी अंग आदि को इनकी प्रकृति के अनुसार कई प्रकार की उपयोगी चीजों में बदला जा सकता है। इनमें से कुछ प्रमुख उपोत्पादों का उपयोग निम्नानुसार किया जा सकता हैं।

पंख से पशु आहार—————

मुर्गियों और दूसरे पक्षियों से मांस उत्पादन में बहुत अधिक पंख प्राप्त होते हैं। यह मुख्यत: किरैटिन से निर्मित होते हैं। जो कि आसानी से नहीं पचता है। किन्तु, यह सल्फरयुक्त अमीनो अम्लों से भरपूर होते है। इसे जुगाली करने वाले पशु आहार के रूप में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे पचाने लायक बनाने के लिए धुले हुए साफ पंखों को उच्च दाब 40-50 पौंड प्रति वर्ग इंच पर 30-60 मिनट तक पकाते हैं। इसके बाद इसे 12 घंटे के लिये सूखा (70 डिग्री सेण्टीग्रेड तापमान) लेते हैं। सूखने के बाद इसे पॉलीथीन के थैलो में रख लेते हैं। इसे गाय भैंस और दूसरे जानवरों के पशु आहार के रूप में उपयोग किया जा सकता हैं।

भीतरी अंग का उपयोग————–

इसके अन्तर्गत पक्षियों और मुर्गियों के पाचनतंत्र के विभन्न अंग, पैर और सिर का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के उत्पादों में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के खनिज लवण और विटामिन मांस से भी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इनमें नमी की अधिकता और इनकी विशिष्ट बनावट के कारण बहुत जल्द खराब होने का गुण होता है, इस कारण से इन्हे उत्पादन के तुरंत बाद शीत भंडारित कर लेना चाहिए अथवा यथाशीघ्र उपयोग कर लेना चाहिए। सर्वप्रथम इन्हें साफ पानी से धोकर उच्च दाब (एक किलोग्राम प्रति वर्ग इंच) पर आधे घण्टे के लिए पकाते हैं। ऊपर आई चर्बी की परत को अलग कर लेते हैं। चर्बी निकालने के बाद बचे हुए भाग को सूखा (70 डिग्री सेण्टीग्रेड तापमान पर 6 घंटे) लेते हैं। अच्छी तरह से सूख जाने के पश्चात इसे खराब होने से बचाने के लिये हवा और नमीरोधी लिफाफों में बंद कर रख लेते हैं। इसे गाय, भैंस, सूकर, पोल्ट्री आदि के लिए पशु आहार के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

READ MORE :  ADDRESSING MYTHS AND RUMORS REGARDING CHICKEN MEAT & EGG

रक्त का पशु आहार में उपयोग—————-

पक्षियों के शरीर में 7 से 8 प्रतिशत रक्त पाया जाता है। मांस उत्पादन के दौरान लगभग 3- 4 प्रतिशत रक्त प्राप्त होता है। दूसरें उत्पादों की तुलना में रक्त में वातावरण को प्रदूषित करने की प्रवृत्ति सर्वाधिक पाई जाती है। इस वजह से इसका निपटारा जरूरी हो जाता है। रक्त में शरीर के लिए आवश्यक सभी अमीनो अम्ल और लौह तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इस कारण से पशुआहार के रूप में इसका उपयोग विशेष लाभकारी है। इससे पशुआहार बनाने के लिए 10 प्रतिशत सोडियम सिट्रेट मिलाते हैं। ताकि, रक्त को जमने से रोका जा सके। फिर, इसे 70 डिग्री सेण्टीग्रेड तापमान पर 14-16 घण्टों के लिए सुखाते हैं। इस दौरान ट्रे को बीच-बीच में हिलाते रहते हैं। ताकि, सूखने की प्रक्रिया एक समान हो। सुखाने के बाद इसे पीस कर पॉलिथीन बैग में पैक कर रख लेते हैं। सामान्यत: रक्त से बना आहार पशुओं को कम रुचिकर लगता है । किन्तु , उच्च पोषकता होने के कारण इसे अधिकतम 10 प्रतिशत तक बिना स्वाद में विशेष परिवर्तन के इस्तेमाल किया जा सकता है। रक्त का उपयोग जलघर की मछलियों के लिए भोजन तैयार करने के लिए भी किया जा सकता है।

अंडे के छिलकों का उपयोग———————-

अंडे का छिलका अथवा जर्दी अंडे का लगभग 11 प्रतिशत भाग का निर्माण करता है। वह कैल्शियम और मैग्रिशियम का अच्छा और सस्ता स्रोत हैं। इसे पशुआहार में उपयोग करने के लिए सबसे पहले अण्डे के छिलकों को धोकर साफ कर लेते हैं। अच्छी तरह से साफ छिलकों को 70 डिग्री सेण्टीग्रेड तापमान पर 12 घंटे तक सुखाकर तत्पश्चात पीस कर पालीथीन थैलों में भर लेते हैं। यह पशुओं के लिए कैल्शियम का सस्ता और सुलभ स्रोत है।

READ MORE :  बकरी के दूध का औषधिये गुण –वैज्ञानिक आधार

मांस-हड्डी का उपयोग——————–

यह फॉस्फोरस के अच्छे स्त्रोत है। इसके लिए अखाद्य मांस को एकत्र करके छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेते हैं। छोटे-छोटे टुकड़ों में काटने के बाद इसे 15 पौण्ड दाब पर 15 मिनट के लिए पकाते हैं। ताकि, यह रोगकारक सूक्ष्मजीवों से रहित और सुरक्षित हो जाए। अच्छी तरह से पके हुए पदार्थ के ऊपर से चर्बी की परत को हटा देते है। शेष पदार्थ को सुखाने के पश्चात इसे अच्छी तरह से पीसकर ऑक्सीजन और नमीरोधी पॉलीथीन के थैलों में भरकर रख दिया जाता है। यह फॉस्फोरस और प्रोटीन का उत्तम स्रोत है। जिसे सभी पालतू जानवरों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

सभार - लाइवस्टोक इंस्टीट्यूट आफ ट्रेंनिंग एंड डेवलपमेंट (LITD), टेक्निकल टीम
Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON