नकुल-सहदेव पशु सेवा सम्मान

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 नकुल-सहदेव पशु सेवा सम्मान

इंसान के साथ ही पशु-पक्षियों समेत सभी जंतुओं के उपचार की विधि कलयुग ही नहीं अन्य युगों में भी अपनाई जाती रही है। अथर्ववेद में संग्रहीत कुल 20 कांडों में से 114 श्लोक में पशु चिकित्सा को समाहित किया गया है। महर्षि शालिहोत्र, महराज नकुल -सहदेव सहित कई ऋषियों व महापुरुषों ने पशु चिकित्सक के रूप में भी अपनी सेवा दी है। नकुल तो शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में सिद्धहस्त माने जाते रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पशुधन प्रहरी द्वारा पशुओ के सेवा मे लगे हुये योद्धाओ जैसे की पशु मित्र , पशुधन सहायक ,कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता ,पेट्स ट्रेनेर्स ,पेट्स ग्रूमर्स ,पेट्स ब्रीडर्स ईत्यादी जो अपने क्षेत्र मे उत्कृस्त कार्य कर रहे है, को समाज मे उनका उचित सम्मान दिलाने तथा उन्हे प्रोत्साहित करने हेतु “नकुल –सहदेव पशु सेवा अवार्ड” की स्थापना की गई है ।

यह अवार्ड LITD के स्थापना दिवस 15 जनवरी को प्रत्येक साल दी जाएगी । ईस अवार्ड के नोमिनेश्न हेतु तीन कटेगारी बनाई गई है

  1. सर्वश्रेष्ठ पारा भेट अवार्ड (PARAVET/LIVESTOCK ASSISTANT OF THE YEAR)
  1. सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता (AI WORKER OF THE YEAR)
  2. . सर्वश्रेष्ठ पेट्स ट्रेनेर्स ( PETS TRAINERS,BREEDERS & GROOMERS OF THE YEAR)

1.सर्वश्रेष्ठ पारा भेंट अवार्ड:

यह पुरस्कार उन पारा वेट्स को प्रदान की जाएगी जो अपने क्षेत्र में पशु सेवा में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं

2.सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता:

यह अवार्ड उन कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता को प्रदान की जाएगी जो कृत्रिम गर्भाधान में उत्तम मापदंड को अपनाते हुए सर्वश्रेष्ठ सफलता हासिल कर रहे हो

3.सर्वश्रेष्ठ पेट ट्रेनर्स ,ब्रीडर्स तथा ग्रूमर्स

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वैसे पालतू पशुओं से जुड़े हुए कार्यकर्ता जो सर्वश्रेष्ठ कार्य कर रहे हैं अपने अपने क्षेत्र में।

अवार्ड नॉमिनेशन हेतु विहित प्रपत्र:

1.नाम

2.पद नाम

3.पता

4.मोबाइल नंबर

5.आधार नंबर

6.नॉमिनेशन की कैटेगरी

7.पशुधन प्रहरी मेंबरशिप नंबर

8.ट्रेनिंग से संबंधित प्रमाण पत्र की छाया प्रति (पीडीएफ फाइल में)

9.मैट्रिक तथा टेन प्लस टू के सर्टिफिकेट की छाया प्रति (पीडीएफ फाइल में)

10.अपने क्षेत्र के पशु चिकित्सक (जो भीसीआई के द्वारा रजिस्टर्ड हो )से कार्य में उत्कृष्टता का प्रमाण पत्र

  1. अपना संक्षिप्त परिचय 500 शब्दों में

मेल करे :litd.jsr@gmail.com

अधिक जानकारी केलिए संपर्क करे -7004042177

नकुल-सहदेव

नकुल के नाम का अर्थ है परम विद्वान। उनके पिता अश्विनकुमार की तरह की नकुल ने धर्म, नीति और चिकित्साशास्त्र में दक्षता हासिल की थी। मूल रूप से वे पशु चिकित्सक थे। नकुल ने यह शिक्षा गुरु द्रोणाचार्य से ली थी। उन्होंने इसके अलावा अश्‍व विद्या और चिकित्सा में भी निपुणता हासिल की थी।

अज्ञातवास के दौरना नकुल ने भेष बदलकर ‘ग्रंथिक’ नाम से महाराज विराट की राजधानी उपपलव्य की घुड़शाला में शाही घोड़ों की देखभाल करने का काम किया था। नकुल तलवारबाजी और घुड़सवारी की कला में पारंगत थे। माना जाता है कि वह वर्षा में बिना जल को छुए घुड़सवारी कर सकते थे।

सहदेव : पाण्डु पत्नी माद्री के जुड़वा पुत्र में से एक सहदेव हैं। इनके भाई का नाम नकुल है। यह भी अपने पिता और भाई की तरह पशुपालन शास्त्र और चिकित्सा में दक्ष थे और अज्ञातवास के समय विराट के यहां इन्होंने भी पशुओं की देखरेख का काम किया था। ये गाय चराने का कार्य भी करते थे।

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नोट- कुछ व्यक्तिगत कारणों के चलते है यह अवार्ड अनिश्चित काल के लिए स्थगित की जाती है। जैसे ही अवार्ड की तिथि निर्धारित होगी वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी।

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