दूधारू पशुओं का आधार; संतुलित पशु आहार

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दूधारू पशुओं का आधार: संतुलित पशु आहार

डॉ धर्मेंद्र सिंह1 डॉ केशव कुमार2, डॉ विद्या शंकर सिन्हा3 , डॉ सत्यम सिंह4,  डॉ अवनीश कुमार गौतम5, डॉ अजीत कुमार झा6, डॉ मनीष कुमार7

  1. Ph.D Scholar (VAN) WBUAFS, Kolkata, 2. M.V.Sc, VGO, 3. SMS(Vet and Animal Sc.), KVK Sheikhpura, Bihar, 4. M.V.Sc, VBC, 5. Assistant Prof. BVC, BASU,Patna, 6. Ph.D Scholar, VOG, WBUAFS, Kolkata 7. M.V.Sc VAN, WBUAFS

 

ऐसा आहार जो पशु के आवश्यक पोषक तत्वों- प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण तथा विटामिन के उचित अनुपात एवं मात्रा मे प्रदान करें, जिससे पशु का बढबार, स्वास्थ्य, दुग्ध उत्पादन, प्रजनन आदि अच्छा हो, संतुलित पशु आहार कहलाता है।

पशु का शरीर जल,प्रोटीन, खनिज पदार्थ एवं कार्बोहाइड्रेट का बना होता है। बढ़ती उम्र में जल की मात्रा में कमी तथा वसा की मात्रा में अधिकता आती है।

संतुलित पशु आहार न केवल पशु के जरूरतों को पूरा करता है बल्कि दुग्ध उत्पादन की लागत को भी कम करता है।

संतुलित पशु आहार खिलाने के फायदे:-

  • गाय भैंस अधिक समय तक एवं ज्यादा मात्रा में दूध देती है
  • यह काफी स्वादिस्ट एवं पौष्टिक होता है
  • इससे पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे पशु जल्दी बीमार नहीं होता है तथा दवा का खर्च बचता है
  • पशुओं मे बांझपन नहीं होता है तथा समय पर गाभिन होती है
  • बछड़े बछड़ी का तेजी से विकास होता है

संतुलित पशु आहार शुष्क पदार्थ के आधार पर विभिन्न आहारिक पदार्थ जैसे हरा चारा , सूखा चारा एवं दाना मिश्रण( रातिव मिश्रण) आदि की मात्रा निर्धारित कर बनाया जाता है।

आज कल बहुत सी कंपनियाँ पशु आहार(दाना मिश्रण) जैसे कपिला पशु आहार, सुधा दाना, अनमोल फीड, अमृत फीड आदि के नाम से बनाकर किसानों को बेच रही है। लेकिन यह आहार पशुपालकों को महंगा पड़ता है जिससे दूध उत्पादन की लागत बढ़ जाती है तथा पशुपालकों का मुनाफा कम होता है।

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अगर पशु पालक अपने घर पर ही उपलब्ध सामाग्री से निम्न बताए गए विधि से तैयार करते है तो उत्पादन लागत मूल्य कम होगा और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।

100 किलोग्राम दाना मिश्रण बनाने के लिए सामाग्री-

  • सर्वप्रथम मक्का, जौ, गेहूं, बाजरा जो भी प्रचुर मात्रा एवं सस्ते दाम मे मिले उसकी लगभग 35 किलो, यदि उपरोक्त में सभी या एक से अधिक प्रकार के दाने उपलब्ध हो तो सभी दानों को थोड़ा-थोड़ा मिला कर दरदरा कर लें।
  • खल्ली ( सरसों, मूँगफली, बिनोला, अलसी आदि) 32 किलो जो उपलबद्ध हो अकेले या थोड़ी-थोड़ी सभी खल्ली की दानों में मिला सकते हैं।
  • गेहूं का चोकर, किसी भी दाल की भूसी अथवा चावल की भूसी लगभग 30 किलो मिलाना चाहिए
  • खनिज-लवण मिश्रण 2 किलो और नमक 1 किलो

इन सभी को अच्छी तरह मिला कर किसी बोरी मे भरकर नमी रहित जगह पर रखे और अपने पशु को उचित मात्रा में खिलाये। चूंकि प्रत्येक पशु का खुराक अलग होता है इसलिये पशुपालक को यह जानना जरूरी है कि किस पशु को कितनी मात्रा में दाना दें।

  • पशु के शरीर की देख-भाल के लिए- गाय के लिए5 किलो प्रति-दिन व भैंस के लिए 2 किलो प्रति-दिन
  • 10 लीटर तक दूध देने वाली गाय को 3 लीटर दूध पर 1 किलो दाना मिश्रण तथा 10 लीटर से ऊपर दूध देने वाली गाय को 2.5 लीटर दूध पर 1 किलो दाना एवं भैंस को 2 लीटर दूध पर 1 किलोग्राम दाना देना चाहिए।
  • यदि गाय या भैंस 6 महीने से अधिक की गाभिन हो तो5 किलोग्राम दाना मिश्रण प्रतिदिन अतिरिक्त देना चाहिए।
  • बछड़े एवं बछड़ियों के लिए 1 किलोग्राम से लेकर5 किलोग्राम तक दाना मिश्रण प्रतिदिन उनके वजन के अनुसार देना चाहिए।
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गाय एवं भैंसों के पाचन तंत्र को सामान्य रूप से काम करने के लिए चारे की न्यूनतम मात्रा जरूरी है। उत्तम चारे जैसे बरसीम, ल्यूसर्ण, मक्का, जौ, लोबिया आदि देने से दाना मिश्रण में कमी की जा सकती है। एक सामान्य फॉर्मूला (1 किलो दाना मिश्रण = 6 किलो दलहनी चारा = 12 किलो अदलहनी चारा) को पशुपालक ध्यान में रखें तो चारे की उपलबद्धता के अनुसार दाना मिश्रण को घटा-बढ़ा सकते हैं।

अतः हम कह सकते है कि दुधारू पशुओं का मूल आधार संतुलित पशु आहार है।

 

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