केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान द्वारा पशुओं में आसानी से गर्भ जांच के लिए लांच की गई किट
केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान ने भैंसों पर रिसर्च के लिए विश्व में देश का नाम रोशन किया है। आमतौर पर देखा गया है कि पशु पालक पशुओं की प्रेगनेंसी को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं क्योंकि गांव में प्रेगनेंसी चैक लगभग 3-4 महीने पर की जाती है जोकि पशु पालकों के लिए बहुत ही नुकसानदायी रहता है। अगर यही प्रेगनेंसी 20 दिन पर चैक हो जाए तो इसका उन्हे बहुत लाभ मिल सकता है क्योंकि अगर पशु प्रेगनेन्ट नहीं है तो समय पर इसका ईलाज करवाया जा सकता है।
डेयरी पशुओं से उनके जीवन काल में ज्यादा दूध उत्पादन लेने के लिए उनका जल्दी गाभिन होना व गर्भ जांच बहुत जरूरी है। ऐसा माना जाता है कि डेयरी पशु का एक ताव चक्र बगैर गाभिन रहे छूट जाए तो किसान को लगभग रूपये 5000-9000 तक का नुकसान हो जाता है। खाली पशु किसान पर एक बोझ की तरह है और ऐसे पशुओं की जल्दी पहचान कर उन्हें गाभिन कराना बेहद जरूरी है। अगर कोई पशु खाली रह जाए तो पशु पालकों को बहुत नुकसान होता है। भैंस पालन से पशु पालकों को तभी लाभ मिल सकता है जब भैंस 13-14 महिने के अन्तराल में दोबारा बच्चा दे दे। अगर यह अन्तराल किसी वजह से ज्यादा हो जाता है तो पशु पालकों को आर्थिक नुकसान होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए कैन्द्रिय भैंस अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने प्रेगनंेसी चैक किट बनाने का निर्णय लिया। जो कि 2-3 साल की अथक प्रयास ओर मेहनत के बाद वैज्ञानिकों ने इसमें सफलता प्राप्त की जो कि किसानों के लिए बहुत ही लाभदायी होने वाली है। इस किट के प्रयोग से 20 दिन की प्रेगनंेसी का आसानी से पता चल जाता है। इसमें केवल पशु के थोडे़ से पेशाब की जरूरत होती है जोकि पशु पालक घर पर आसानी से ले सकता है और प्रेगनंेसी चैक कर सकता है। इस किट से सिर्फ 10 रू में पशुपालन पेंगनेंसी का पता लगा सकते हैं।
टीम के लीडर डाॅ. अशोक बल्हारा ने बताया कि पेशाब से गर्भजांच की किट एक जैवरासायनिक प्रक्रिया पर आधारित टैस्ट है जिसमें पेशाब का रंग कुछ रासायनिक पदार्थ डालने और गर्म करने पर बदल जाता है जिसे एक आम आदमी आसानी से घर पर कर सकता है। इस टैस्ट में किसी उपकरण की जरूरत नहीं पड़ती है और रिजल्ट को आंखों द्वारा आसानी से देखा जा सकता है। पेशाब द्वारा टैस्ट करने की यह विशिष्ट एकमात्र, सस्ती (प्रति टैस्ट मात्र दस रूपये लगभग) व वैकल्पिक विधि है जिससे गर्भजांच आसानी से की जा सकती है।
इस किट को वर्चुअल मीटिंग से आदरणीय केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने रिलीज किया इस किट को रिलीज करते समय मंत्री जी ने सी.आई.आर.बी. के निदेशक ओर वैज्ञानिकों की टीम की बहुत प्रशंसा की ओर उन्हें बधाई दी।
निदेशक महोदय ने बताया कियह हमारे संस्थान के लिए गर्व की बात है कि यह संस्थान पशुपालाकों की सहायता के लिए हमेशा तत्तपर रहता है और पशु पालकों की भलाई के लिए नई-नई खोज करता रहता है।
किट तैयार करने वाली टीम के सदस्य: डाॅ. अशोक बल्हारा, डाॅ. सुशील फुलिया, डाॅ. राकेश शर्मा,