स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर पुरस्कृत की जाने वाली लावारिस जानवरों के लिए समर्पित एक लड़की” प्रीति” की प्रेरक कहानी

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स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर पुरस्कृत की जाने वाली लावारिस जानवरों के लिए समर्पित एक लड़की” प्रीति” की प्रेरक कहानी –

15 अगस्त को सम्मानित किया जायेगा फरीदाबाद स्थित एनजीओ ( पीएफए-प्रीति फॉर एनिमल्स) की अध्यक्षा प्रीती को लेकिन  उन्हें   200 से अधिक  बचाए गए बीमार,अपाहिज  और घायल जानवरों को खिलाने के लिए भारी धनाभाव का सामना करना पड रहा है-अन्होने सभी से  दान का आग्रहकिया है ।

फरीदाबाद (हरियाणा): डॉ आर बी चौधरी

इस बार 15 अगस्त को सम्मानित होने वाली महिला एनिमल वेलफेयर एक्टिविस्ट प्रीति दुबे है। प्रीति फरीदाबाद शहर के जाने माने पशु कल्याण संगठन/एनजीओ – पीएफए-प्रीति फॉर एनिमल्स की अध्यक्षा है और उनकी संस्था तकरीबन 200 से अधिक  रेस्क्यू किए गए बीमार, घायल, अपंग और बूढ़े जानवरों को खिलाने-पिलाने  के लिए समर्पित है लेकिन उन्हें वर्तमान में धन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा हैऔर वह हिमालय जैसी डटी हुई हैं। यह बता दें कि उनके सेंटर पर पल रहे  एसे जानवर मिलेंगे जिन्हें सड़क पर खुले छोड़ दिया गया है और प्रीती उन्हें पाल रही हैं। उनकी संस्था एफए हर कठिन परिस्थिति में होते हुए भी जानवरों के सेवा के लिए समर्पित है।धनाभाव के कठिन परिस्थिति में प्रीति ने  लोगों से एसे  पशुओं की  देखभाल करने और इस मिशन को जारी रखें हेतु सहयोग करने  की अपील की है ताकि उनके असहाय जानवरों की जान बचाई जा सके। कोई भी दानदाता जो उनके संगठन को सहयोग करना चाहता है वह निम्नलिखित साइट से दान कर सकता है :  https://www.donatekart.com/PFA-Faridabad/Support-PFA-Faridabad/    अथवा  अपना दान  संबंधी  संदेश – 88510 93969 भेज सकता  है। इस वर्ष उन्हें बड़ी  ख़ुशी है कि उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए इस बार स्वतंत्रता दिवस-15 अगस्त को  भारतीय जीव जंतु कल्याण आंदोलन के नायक के रूप में सम्मानित किया जाएगा ।

एक बड़ी रोचक एवं प्रेरक बात है कि पीएफए (प्रीति  फार एनिमल्स) की स्थापना वर्ष 2013 में एक आईएएस परीक्षा उम्मीदवार युवा लड़की  प्रीति दुबे द्वारा किया गया । जब वह सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा पास कर मेन की तैयारी कर रही थी और आईएएस अधिकारी बनने के सपने देख रही थी । लेकि नइसी बीच एक घटना ने उनके उद्देश्यको  बदल दिया और उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का लक्ष्य  छोड़ दिया। प्रीती ने एक पशु कल्याण कार्यकर्ता बनने का फैसला लिया। दरअसल, ऐसा हुआ कि एक  पिल्ला  बीच सड़क पर गाडी से  कुचल कर मर गया  और उसकी मां मदद के लिए शव के चारों ओर घूम रही थी।वह अत्यंत बेचैन थी और उसकी पीड़ा कोई समझ नहीं रहा था । जैसे ही प्रीती की नजर पिल्लै की माँ पर पड़ी , वह  मदर डॉगी की पीड़ा महसूस की और चल पड़ी बचाने । बड़े  दौड़ -धूप से उसे बचा लिया । तभी से  ऐसे जानवरों के इलाज और उनकी जान बचाने के लिए वह संकल्प लिया । सबसे पहले पृथ्वी ने एक पशु अस्पताल  स्थापित किया। और, सिविल सेवा (मुख्य) में शामिल होने  का  सपना छोड़ कर  पशु कल्याण के क्षेत्र में कूद पड़ी। आज उनकी संस्था पीएफए को 10,000 से अधिक जानवरों   को बचाने का श्रेय मिल चुका  है । यह उपलधि उनें  ऍमम्पिलैंड कार्यक्रम के प्राप्त  एनिमल एम्दाबुलेस के विशेष सहयोग के साथ साथ एक छोटे से पशु अस्पताल की बेहतर व्यवस्था और अत्यंत समर्पित कर्मचारियों तथा स्वयंसेवकों के सहयोग से यह सफलता अर्जित किया ।

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आज परिस्थिति वश फंड की कमी  और सुविधाओं  के आभाव के  कारण, उनकी संस्था अपने पशु आश्रय के महत्वपूर्ण कार्यक्रम जैसे रेस्क्यू कार्य , पशु स्वास्थ्य देखभाल तथा  शेल्टर प्रबंधन  गतिविधियों को  चलाने में अत्यंत परेशानी हो रही है। संस्था को  चलाने के लिए वह सभी से सहायता मांग रही  है क्योंकि शेल्टर के जानवरों की जीवन रक्षा कार्य अब  रुकने के कगार पर है। उन्हें संस्था  की  दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को जारी रखने के लिए धन और सुविधाओं की अत्यंत आवश्यकता है ताकि  मौत और जीवन के लिए संघर्ष कर रहे जानवरों को बचाया जा सके । इस समय आश्रय- शेल्टर की स्थिति बहुत दयनीय हो गयी है । कर्मचारी अब बिना वेतन/मानदेय के काम कर रहे हैं। धन की कमी के कारण , चल रहे सभी कार्यक्रम जैसे दैनिक पशु भोजन वितरण कार्य और आन सपाट ट्रीटमेंट जैसे कई नियमित कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं और संस्था  की प्रचार तथा संपर्क  गतिविधियां भी लगभग बंद हो गई हैं । संस्था  दानवीरों से अनुरोध कर रही  है कि वह अपना यथासंभव सहयोग -सहायता प्रदान करें ।

वैसे देखा जाए तो पीएफए,यूनिट-2 फरीदाबाद, हरियाणा की सेवायें अभूतपूर्व हैं । संस्था के महत्वपूर्ण  कार्यक्रम में जानवरों को बचाने के लिए तत्काल स्वास्थ्य देखभाल सुविधा प्रमुख  हैं ताकि उनके जीवन को बिना देर किये बचाया जा सके । सनसथा की सेवाओं में  सड़क पर घायल होने  वाले आकस्मिक केस के अलावा   बीमार और जख्मी  जानवरों को बचाना भी मुख्य है  क्योंकि इसमें उन पशुओं की सेवा की जाती है जिन्हें पशु मालिकों ने  लावारिस जीवन जीने के लिए सड़क पर छोड़ दिया है। संस्था अवैध परिवहन से बचाए जानवरों से लेकर अवैध वध के लिए ले जाने वाले जानवरों का जीवन बचाव , कठिन  समस्याओं से पीड़ित पशु पक्षी,पशुओं के आपातकालीन मामले और अपंग और विकलांग पशुओं की रक्षा करने के लिए समर्पित है जो पशु पशु सामान्य जीवन जीने में असमर्थ हैं। संस्था  द्वारा  इस  प्रकार की कई  जीवन रक्षा गतिविधियाँ का  संचालन किया जा रहां  हैं। संस्था  शहर और आस-पास के कस्बों  के  कुत्तों की देख-भाल कर रही है । इसके लिए  कुत्तों  की आबादी के नियंत्रण और स्ववास्थ प्रबंधन  के लिए पशु नसबंदी (पशु जन्म नियंत्रण / एंटी रैबीज-एबीसी / एआर)  जैसे  महत्वाकांक्षी परियोजना का भी संचालन पूरे निष्ठा के साथ किया जा रहा हैं। वर्तमान में संस्था का रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम भारतीय जीव जंतु  कल्याण बोर्ड-एडब्ल्यूबीआई, भारत सरकार और फरीदाबाद नगर निगम (एफएमसी) के प्रोत्साहन  से चलाया जा  रहा है । संस्था  के पास फिल्ड वर्क के लिए  जीवन रक्षक एवं आधुनिक  पशु अस्पताल बनाने की  महात्वाकाँक्षी योजना है।

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इस समय संस्था के पास  550 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल  का जमींन   है जिस पर  पशु जन्म नियंत्रण / एंटी रेबीज टीकाकरण कार्य के लिए केनेल, गोवंश हेतु गोशाला , स्वस्थ रक्षा हेतु क्लिनिक – छोटा अस्पताल, रसोई घर , स्टोर रूम, प्रार्थना कक्ष और मंदिर, लॉन, अलगाव केंद्र, पोस्ट और प्री-ऑपरेटिव केयर रूम संचालित  है। . वर्तमान में, संगठन में अनुभवी पशु चिकित्सक और प्रबंधन कर्मचारी  आदि सहित 9 सेवाकर्मी सेवाधीन  हैं। संस्था  ने वर्ष 2016 से  फरीदाबाद और निकट के कस्बों के  जानवरों को बचाने के लिए एम्बुलेंस सेवा शुरू की है और इस प्रकार वह  सेवा आज भी जारी है। यह गर्व की बात है कि पीएफए , फरीदाबाद ने 26 क्रूरता के मामले दर्ज कवाये हैं  जिसमें  पशुओं को  मारना-पीटना , पीड़ा देना , जान लेना , भोजन नहीं देना , ओवरलोडिंग करना, लावारिस  छोड़ना, पानी में डुबोना या जलाना आदि शामिल है। वर्तमान में संस्था द्वारा किए गए प्रयास में पशु  क्रूरता या  पशु हत्या और यातना से संबंधित 11 मामले अदालत में हैं। .

संस्था के सबसे लोकप्रिय एवं नवीन  कार्यक्रमों में फुल बाउल प्रोजेक्ट (लावारिस  कुत्ते – बिल्ली को खिलाने का कार्यक्रम), डॉग फीडर पॉइंट प्रोजेक्ट संचालन जो अभिनेत्री आयशा जुल्का के मॉडल पर आधारित कार्यक्रम को फरीदाबाद शहर में संचालित किया गया है। नए कार्यक्रमों में एंटी-रेबीज वैक्सिनेसन आदि शामिल हैं। कुत्ते की जनसंख्या नियंत्रण और प्रबंधन के लिए विशेष अभियान के रूप में फरीदाबाद में पब्लिक सपोर्ट से  रेबीज वैक्सिनेसन को  वर्ष 2018-2021 के लिए सफल बनाया गया है । आज  तक़रीबन  11,000 से अधिक एंटी-रेबीज टीके लगाए गए हैं। फरीदाबाद शहर के विभिन्न क्षेत्रों में समर्पित सेवा के लिए विभिन्न रेजिडेंट एसोसिएशन , स्थानीय प्रशासन और एडब्ल्यूबीआई द्वारा इस तरह के अभियान की सराहना की गई है। उनकी संस्था की  उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कई सम्मान तथा  पुरस्कार मिले हैं। लेकिन, फंड  और संसाधन  की कमी के कारण आज संस्था की अध्यक्षा प्रीति प्रतिकूल परिस्पथिति वश पशुओं  की भोजन व्यवस्था, स्वास्थ्य की देखभाल और उनके  खिलाइ-पिलाई के लिए परेशान है। संस्था की ओर से प्रीति ने देश भर के दानवीरों से सहयोग मांगा है है।

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संस्था के प्रमुख ने बताया कि पीएफए,यूनिट-2 फरीदाबाद जागरूकता पैदा करने और लोगों को शिक्षित करने के लिए नियमित कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करता है जैसे विश्व पशु कल्याण दिवस,  विश्व रेबीज दिवस, पशु कल्याण पखवाड़ा, विश्व शाकाहारी दिवस, विश्व  र्यावरण दिवस आदि । संस्था  जनमानस में जानवरों के प्रति दया और करुणा पैदा करने के लिए नियमित तौर पर जन-जागृति , शिक्षण- प्रशिक्षण और संवेदनशीलता कार्यक्रम नियमित चलाया जा रहा है ।

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