पेट के साथ एरोप्लेन में यात्रा कैसे करें
अगर आपका पैट (Pet) सामान के साथ सीट के नीचे बैठ सकता है, तो फिर ठीक है, वो आपके साथ एयरप्लेन केबिन में साथ में जा सकता है। साथ ही, आपका पैट 9 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए और आप अपने बड़े पैट के लिए एक्स्ट्रा सीट न बुक कर सकते न खरीद सकते।
अगर आपका पैट (Pet) सामान के साथ सीट के नीचे बैठ सकता है, तो फिर ठीक है, वो आपके साथ एयरप्लेन केबिन में साथ में जा सकता है। साथ ही, आपका पैट 9 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए और आप अपने बड़े पैट के लिए एक्स्ट्रा सीट न बुक कर सकते न खरीद सकते। बड़े पैट के लिए, आपको उसे चेक्ड लगेज में ले जाना होगा। हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका की ह्यूमेन सोसाइटी सुरक्षा कारणों से पालतू जानवरों को यात्री के साथ केबिन में जाने की सलाह देती है। और, कुछ एयरलाइंस इस कारण से पालतू जानवरों को कार्गो के रूप में जाने की अनुमति नहीं देती हैं। जेटब्लू एयरवेज और साउथवेस्ट जैसी एयरलाइंस कुत्तों और बिल्लियों जैसे छोटे पालतू जानवरों के लिए केवल इन-केबिन (in-cabin) उड़ानों की अनुमति देती हैं। चलिए कुछ इसी तरह की जानकारी आपको देते हैं –
जिस बॉक्स में आपका पैट जा रहा है, उस एयरलाइन की अपनी अपनी विस्तृत आवश्यकताएं होती हैं। ये बॉक्स या तो क्रेट कैरियर होंगे या फिर कैनल होंगे। आमतौर पर, इन्हें बड़े स्पेस में रखने की सलाह दी जाती है, जिससे आपका पैट खड़ा हो सके या आराम से उसके अंदर घूम सके।
आप प्लेन से अपने पालतू कुत्ते-बिल्ली को ले जा सकते हैं. हालांकि, इसके लिए तमाम तरह के नियम हैं. जैसे जानवर खूंखार नहीं होने चाहिए. सभी वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट भी हों. आपका पालतू पेट एक कंटेनर में होना चाहिए, जिसका कुल वजन 5 किलो से अधिक नहीं होना चाहिए. ज्यादा वजन है तो कार्गो में ले जाना होगा. इसके अलावा, कुछ सीक्रेट टिप्स हैं, जिसे आपको जानना चाहिए.
एक अनुमान के मुताबिक, हर साल 20 लाख से ज्यादा पालतू जानवर प्लेन में सफर करते हैं. अमेरिका जैसे देशों में तो यात्रियों को यह सहूलियत दी जाती है कि वे अपने जानवरों को साथ लेकर सफर कर सकते हैं. हालांकि, साइज का बंधन है, लेकिन ज्यादातर देशों में इन्हें कार्गो में ही ले जाया जाता है.
4 महत्वपूर्ण टिप्स -. पहला, आप चेकइन कम से कम 1 घंटे पहले करें तो उसके पास तक पहुंचने की कोशिश करें. उससे बात करके शांत करें. दूसरा, जानवरों को एक बड़े बॉक्स में रखें, जिसमें वह कम से कम मुड़ तो सकें. तमाम लोग पैसे बचाने के मकसद से काफी छोटा बॉक्स इस्तेमाल करते हैं, जिससे जानवरों को दिक्कत होती है. थोड़ा पैसा ज्यादा लगेगा लेकिन उन्हें दिक्कत नहीं होगी. तीसरी टिप है कि उनके साथ पानी की एक बोतल और उसमें खाने के लिए कुछ जरूर रखें. कोशिश करें कि ऐसी चीज हो जो उसकी पसंद का हो. बहुत से लोग ऐसा नहीं करते और इससे दिक्कत आती है. चौथा और सबसे महत्वपूर्ण टिप्स, अगर आप लंबी छुट्टी पर न जा रहे हों तो जानवरों को अपने साथ ले जाने से बचें. छोटी उड़ान में तो हमेशा यही करना चाहिए.
घरेलू उड़ानों स्पाइस जेट, इंडियन एयरलाइंस और जेट लाइट में आपका पालतू जानवर कार्गो होल्ड में यात्रा कर सकता है। पायलट को उड़ान से पहले लिखित रूप में सूचित किया जाना चाहिए कि कार्गो होल्ड में एक जीवित जानवर है और वह उसके लिए होल्ड में तापमान समायोजित करता है। 10 सप्ताह से कम उम्र के पालतू जानवरों को उड़ान से यात्रा करने की अनुमति नहीं है। विमान में आपके पालतू जानवर की यात्रा का शुल्क आपके पालतू जानवर के वजन पर निर्भर करता है और हर एयरलाइन में अलग-अलग होता है।
- पालतू जानवरों के साथ हवाई यात्रा करने पर आपको कुछ एयरलाइनों में भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। कुछ सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइंस इन-केबिन पालतू जानवरों के लिए $125 तक का शुल्क लेती हैं। इसके अलावा, आपको अपने कैरी-ऑन बैग की जांच के लिए भुगतान करना पड़ सकता है क्योंकि आपके पालतू जानवर को कैरी-ऑन बैगेज के रूप में गिना जाएगा।
- एक पालतू जानवर को कार्गो के रूप में उड़ाने के लिए आपको केबिन से भी अधिक खर्च करना होगा। पालतू जानवरों को सामान के रूप में चेक करने के लिए आपको कुछ एयरलाइनों में $200 तक का भुगतान करना पड़ सकता है।
- अतिरिक्त शुल्क में एक पालतू वाहक का खर्च और एक अनुशंसित प्रीफ्लाइट पशु चिकित्सा यात्रा शामिल हो सकती है।
- जब आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रा कर रहे हों तो पालतू जानवरों के साथ उड़ान भरना बेहद मुश्किल होता है। इसके लिए पहले से प्लानिंग की जरूरत है। पालतू जानवरों के साथ उड़ान भरने के तरीके के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपनी एयरलाइन से बात कर सकते हैं।
- प्रति यात्री केबिन में केवल एक बिल्ली या छोटे कुत्ते की अनुमति है।
- आपका पैट कम से कम 12 सप्ताह का होना चाहिए और दूध पीने की आदत न हो।
- सीट के नीचे रखे बंद पालतू वाहक में हर समय रहना चाहिए।
- आपको अपनी उड़ान के लिए चेक-इन समय से पूरे 30 मिनट पहले पहुंचने की जरूरत है, क्योंकि चेक-इन के दौरान एजेंट आपकी अच्छे से जांच करेगा।
- पालतू जानवरों के साथ पैसेंजर ऑनलाइन के जरिए चेक इन नहीं कर सकता।
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पालतू जानवर के टोकरे/पिंजरे पर | |||||
टोकरे में उड़ान की जानकारी, गंतव्य, आगमन संपर्क नाम और नंबर के साथ-साथ संचालकों के लिए किसी विशेष निर्देश के साथ एक लेबल संलग्न करें। कम से कम एक इंच ऊंचे अक्षरों में “जीवित जानवर” शब्दों वाले लेबल लगाएं, जिसके सभी तरफ सीधे तीर हों और शीर्ष पर तीर रहित एक अतिरिक्त लेबल हो। हमारा सुझाव है कि शीर्ष पर एक मैत्रीपूर्ण नोट इस प्रकार मुद्रित हो: “नमस्कार, मैं उड़ान # पर जा रहा हूं। मेरी अच्छी देखभाल करने के लिए धन्यवाद।” |
सवाल- इंटरनेशनल फ्लाइट्स यानी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में पालतू जानवरों को ले जाने के नियम क्या हैं?
एअर इंडिया की वेबसाइट के अनुसार-
- अगर आप विदेशी यात्रा में अपने पेट को ले जाना चाहते हैं, तो आपको घरेलू उड़ान के सारे नियमों को फॉलो करना पड़ेगा।
- इसके अलावा आप जिस देश जा रहे हैं, वहां से एडवांस में ही पालतू जानवर लाने की इजाजत लेनी होगी।
- यह भी ध्यान रहे कि यह पॉलिसी एअर इंडिया की है। अगर आप किसी और एयरलाइन कंपनी की फ्लाइट से यात्रा करते हैं, तो वहां के नियम अलग हो सकते हैं।
- हो सकता है कि वह अपनी फ्लाइट में पालतू जानवरों को लेकर यात्रा की अनुमति न देते हों।
सवाल- क्या पालतू जानवर का भी पासपोर्ट बनेगा और वीजा लगेगा?
जवाब- नहीं। पालतू जानवर आपके साथ एक बैगेज की तरह जाएगा, इसके लिए आपको पहले ही दूसरे देश से इजाजत लेनी होगी। इजाजत के बाद आपको उस देश की तरफ से एक सर्टिफिकेट मिलेगा, वही आपके पेट को साथ रखने के लिए जरूरी होगा।
अब बात रेलवे की। क्योंकि भारतीय लोग सबसे ज्यादा रेलवे से सफर करते हैं, तो आखिर रेलवे ने पालतू जानवरों के लिए क्या नियम तय किए हैं। बहुत से लोगों को ये पता होगा और बहुत से लोगों को नहीं। इसलिए जिन्हें नहीं पता वो ये नियम जान लें-
सवाल- क्या ट्रेन में पालतू जानवरों को ले जाने की इजाजत है?
जवाब- जी हां, भारतीय रेल में कुछ कोच पालतू जानवरों यानी पेट्स के लिए हैं। जिसमें उन्हें ले जाया जा सकता है।
सवाल- ट्रेन के किस कोच में पालतू जानवर यानी पेट्स को ले जाने की इजाजत नहीं है?
जवाब- AC-टू टियर, AC-थ्री टियर, AC- चेयर कार, स्लीपर क्लास और सेकेंड क्लास में पालतू यानी पेट्स एनिमल को ले जाने की इजाजत नहीं है।
सवाल- क्या ट्रेन में भी पालतू जानवर यानी पेट के वजन को लेकर कोई नियम है?
जवाब- जी हां, बिल्कुल है। अगर आपका पेट गार्ड के पास एनिमल बॉक्स में रहता है, तो 30 रुपए प्रति किलो ग्राम के हिसाब से चार्ज देना होगा। अगर वो AC-फर्स्ट में आपके साथ बैठकर जाता है, तो 60 रुपए प्रति किलो ग्राम के हिसाब से चार्ज लगाया जाएगा।
सवाल- मान लीजिए मैंने अपने पेट की बुकिंग नहीं की और ऐसे ही उसे अपने साथ ट्रेन में ले जाऊं, तो क्या होगा?
जवाब- अगर ऐसा आपने किया और चेकिंग के दौरान पकड़े गए, तो आप पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है।
पेट्स को लेकर रेलवे के यह नियम भी जान लें
- अगर आपको अपने पेट ट्रेन से कहीं ले जाना है, तो सबसे पहले पार्सल ऑफिस से संपर्क करना होगा।
- पार्सल ऑफिस में उसके शेप और वजन के हिसाब से आपसे चार्ज लिया जाएगा और एक बुकिंग स्लिप दी जाएगी।
- यही स्लिप उसकी टिकट होगी। पेट चाहे ट्रेन के कंपार्टमेंट में जाए या लगेज वैन में, पर उसके लिए इस स्लिप को साथ रखना यात्री के लिए जरूरी होगा।
- रेलवे नियमों के अनुसार जानवरों के गुम होने, नुकसान, चोट लगने या फिर उनकी डिलीवरी न हो पाने पर इसके लिए भारतीय रेल जिम्मेदार नहीं होगा।
Compiled & Shared by- Team, LITD (Livestock Institute of Training & Development)
Image-Courtesy-Google
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