गायों की संख्या बढ़ाने और बछड़ों की संख्या पर नियंत्रण के लिए भारत में आएगी अमेरिकी तकनीक

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गायों की संख्या बढ़ाने और बछड़ों की संख्या पर नियंत्रण के लिए भारत में आएगी अमेरिकी तकनीक

पशुधन प्रहरी नेटवर्क ,नई दिल्ली (3 सितंबर):

देशभर के पशुधन में बछड़ों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण करने और दुधारू गायों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए पशुपालन और मतस्य मंत्रालय अमेरीकन तकनीकि सेक्स सोर्टेड सीमेन का सहरा लेगी। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत मंत्रालय देशभर में इसके लिए तेरह आधुनिक लैब की शुरुआत कर रहा है, जिसके सालान करीब 40 लाख सीमेन प्रोड्यूस होगा। सेक्स सोर्डेट सीमेन तकनीक में एक्स और वाई क्रमोजोम में डीएनए का अनुपात संतुलित कर नर और मादा की जन्मदर को नियंत्रित किया जाता है। समान्य तौर पर सीमेंन में एक्स और वाई दोनो ही तरह से क्रोमोजोम होते हैं जिसमें बिना सॉर्टेड कर के सीमेंन ट्रांसप्लॉट करने के हाताल में बछड़ों के पैदा होने पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता था। पर ऐसे में अमरीका कनाडा जैसे विकसीत देशों में ईजाद की गई इस नई तकनीकि से दोनों एक्स वाई क्रोमोजोम को अलग कर दिया जाता है और गर्भाधान करने के लिए लैब में विकसीत विशेष सीमेंन एक्स-एक्स कोमोजोम के साथ गर्भाधान कराया जाता हैं जिसमें नतिजन बछड़ा पैदा होने की शंका खत्म हो जाती हैं ।

उत्तराखंड के ऋषिकेश और पुणे में शुरू की गई इस विशेष लैब में उत्तर अमेरिकी देशों में पाई जाने वाली होल्सटीन फ्रीसियन और जर्सी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने के लिए सीमेंन डेवलप किया जा रहा है, अब इसका इस्तेमाल साहीवाल, हरियाणा, रेड सिंधी, राठी और गिर आदि देसी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने में होगा।मौजूदा समय में देश का पहला सेक्स सार्टेड सीमेंन सेंटर उत्तराखंड के ऋषिकेश के श्यामपुर और महाराष्ट्रा के पुणे जिले के उरूली कंचन में खोला गया हैं, इसके साथ ही देशभर के अलग अलग राज्यों में कुल 13 सेंटर खोलने का काम हो रहा हैं जिसमें उत्तरप्रदेश के हापुड़ के बाबूगढ़ में, पंजाब के नाभा में, हरियाणा के हिसार में, गुजरात के पाटन में तेलंगना के करीमनगर, में तामिलनाडु के ऊटी में मध्यप्रदेश के भापोल में और महाराष्ट्रा के औरंगाबाद के साथ साथ हिमांचल प्रदेश के पालमपुर में सेंटर की डेवलप किया जा रहा है।

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इन सेंटरो को खोलने में केंद्र सरकार के पशुपालन और मतस्य मंत्रालय के तरफ से कुल लागत 50 करोड़ में से 60 फीसदी हिस्सा राज्यों को मदद के तौर पर दिया जा रहा है वही राज्य सरकारों के तरफ से बाकिं का 40 फीसदी हिस्सा देना होगा। सेक्स सार्टेड सिमेंन की कीमत किसानो को करीब 650 रूपयें प्रति युनिट देना होगा। शुरुआती दौर में सालान इन सेंटरों से 3लाख प्रति युनिट सीमेंन तैयार किया जायेगा। जो की सालाना 39 से 40 लाख युनिट होगा। मंत्रालय का लक्ष्य है की आईवीएफ तकनीकि से दिये जाने वाले गर्भाधान का कम से कम 5 फिसदी इस तकनीकि से किया जाये। जिससे पशुधन के लिंगानुपात पर नियंत्रण किया जा सके साथ ही गायों की संख्या को बढ़ाये जा सके।

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