विकसित भारत–2047 में पशु चिकित्सक और पशुधन क्षेत्र की भूमिका
डॉ0 नीना त्रिपाठी
अतिरिक्त उपसंचालक
पशुपालन एवं डेयरी विभाग
म0प्र0 शासन
प्रमुख शब्द-पशु चिकित्सक, पशुधन, विकसित भारत, पशुपालन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन |
देश के विभिन्न अंचलों में शासकीय सेवा में, पशु चिकित्सा के क्षेत्र में स्थापित राष्ट्र स्तरीय शीर्ष संस्थानों में, वैज्ञानिक, शिक्षविद् वन्य प्राणियों के स्वास्थ्य और अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्र में अग्रणी संस्थाओं, फार्मा कम्पनियों में, स्वयं सेवी संस्थाओं और प्रायवेट क्लीनिक में पशु चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके साथ ही जूनोटिक रोगों का निदान, खाद्य सुरक्षा, गौशाला प्रबंधन एवं जैविक खेती जैव चिकित्सा अनुसंधान, स्वास्थ्य शिक्षा का प्रचार प्रसार, पशु चिकित्सा प्रयोशालाओं के स्वास्थ्य पहलुओं का प्रबंधन, जैविक उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स का उत्पादन एवं नियंत्रण, सरकारी और विधायी गतिविधियॉं आदि में पशु चिकित्सकों की भूमिका प्रमुख है। इस प्रकार पशुपालन क्षेत्र में अर्थिक विकास में पशु चिकित्सकों की भूमिका अग्रणी है।
पशुधन क्षेत्र भारत की अर्थ व्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है। भारत की स्वतंत्रता के 100वें वर्ष यानी वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाने के लिये पशुधन क्षेत्र की प्रमुख भूमिका रहेगी। इसी को दृष्टिगत रखते हुए अगले 25 वर्षो में भारत के विकास के लिये नीति आयोग और कैबिनेट ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एन एल एम) में पशुधन क्षेत्र में अतिरिक्त गतिविधियों को शामिल करने की मंजूरी दी है। राष्ट्रीय पशुधन मिशन की संशोधित योजना के प्रमुख उद्देश्यों में रोजगार पैदा करना, उद्यमिता को बढ़ावा देना, प्रति पशु उत्पादकता बढ़ाना और मांस, अंडा, बकरी का दूध, ऊन तथा चारे के उत्पादन केा बढ़ाना प्रमुख है। रोजगार पशुधन क्षेत्र द्वारा करीब 8.8 प्रतिशत आबादी को रोजगार प्राप्त होता है। पशुधन क्षेत्र में जुड़े छोटे किसान परिवारों कीआय का 16 प्रतिशत और ग्रामीण परिवारों की आय में 14 प्रतिशत का हिस्सा पशुपालन क्षेत्र से जुड़े कार्यों से प्राप्त होता है। पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र देश में पोषण सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता है। पशुधन से दुग्ध मॉंस और अंडे से पोषक तत्व मिलते है जिससे पोषण सुरक्षा सुनिश्चित होती है। इसके साथ ही खेती की जमीनों की मृदा उर्वरता को बनाए रखने में पशुधन से मिलने वाले अपशिष्टों का पुनचक्रण बहुत महत्वपूर्ण घटक है। इस प्रकार स्पष्ट है इस डिजिटल ईरा में पशुधन के उत्पादों और इससे जुड़े लघु उद्योगों को बड़ उद्यमों में बदला जा सकता है इससे गरीब पशुपालक वैश्विक बाजार की अर्थव्यवस्था में शमिल हो सकते है।
पशु चिकित्सा की दुनिया लगातार विकसित हो रही है तथा टेलीमेडिसिन से लेकर आनुवंशिक अनुसंधान तक तकनीकि प्रगति ने पशु रोग निदान और उपचार के तरीकों को बदल दिया है, ऐसे में पशु चिकित्सकों की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गयी है।
Telemedicine and Digital Health का उपयोग करके जानवरों के मालिको को जूनोटिक रोगो के बारे में जागरूक कर सकेगें। Data Analysis के उपयोग से जूनोटिक रोगों के प्रसार को ट्रेक कर सकते है जिससे पूर्वानुमान करके जानवरों को बीमार होने से बचाया जा सकेगा। नए जूनोटिक रोगों का पता लगाया जा सकता है और उसके फैलने को रोकने में भी हम ज्यादा सक्षम हो पायेंगे। International collaboration से जूनोटिक रोगों से नियंत्रण में ग्लोवल समुदायों की मदद भी ली जा सकेगी। पशुओं में होने वाली कई रोग मनुष्यों में होने वाले रोग के समान है। इन समस्याओं के बुनियादी जैव चिकित्सा अनुसंधान से ऐसे समाधान मिलते है जो पशुओं और मनुष्यों दोनो के लिये ही लाभकारी सिद्व हो सकते है। पशु चिकित्सको द्वारा मानव चिकित्सा के लिएअपनाई गयी नवीन चिकित्सकीय प्रगति से पशुओं को भी लाभ मिल रहा है। इस विकास को पशु चिकित्सा के क्षेत्र में पहले की तुलना में तेजी से अपनाया जा रहा है।
आज के परिवेश में बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण हम जलवायु परिवर्तन, जूनोटिक बीमारियो, रोणाणुरोधी प्रतिरोध जैसे वैश्विक समस्याओं से जूझ रहे है।अभी हाल ही में कोरोना जैसी त्रासदी ने हमें हर क्षेत्र में नए तरीके से सोचने पर मजबूर कर दिया है। पालतू पशुओं के संक्रामक और असंक्रामक रोगों के खतरे के बारे में जनता को जागरूक करना पशु चिकित्सकों की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। जनता के बीच उचित ज्ञान और जागरूकता फैलाने के लिये पशु चिकित्सक डिजिडल मीडिया का सहारा लेकर बड़ी संख्या में जन समुदायों को पशुओं से फैलने वाले रोगों के बारे में शिक्षित कर रहे हैं और आने वाले समय में विकसित हो रहे भारत-2047 में पशु चिकित्सा क्षेत्र में भी AI(Artificial Intelligence) व Machine Learning का उपयोग करके पशु चिकित्सा क्षेत्र पहले से बेहतर हो रहा है और यह तो शुरूआत है, इसके लाभदायक परिणाम सामने आ भी रहे हैं।
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(लेख में उपयोग हेतु चित्र मेल में संलग्न हैं। चित्र आभार-सार्वजनिक स्वास्थ्य में पशु चिकित्सकों की भूमिका- डोनाल्ड एल. नोआ, डी वी एम संस्करण दिसंबर-2022 एवं एमर्क मैनुअल- 2023)