पाइका/pica
(allotriphagia)
इस रोग मे पशु अखाध पदार्थो को खाने लग जाता है ! जैसे-
गाय, भैस ,भेड़ व बकरी – मिट्टी , गोबर , कपड़ा ,चमडा , प्लास्टिक तथा दिवार को चाटना आदि
घोड़ा – लकड़ी , ठांण , मिट्टी
कुत्ते – मल , घास , कागज , जूते !
कारण (etiology):
इस रोग के होने का मुख्य कारण रोगी प्राणी के आहार मे पोषक पदार्थो की कमी होना है जिसके अन्तर्गत पोषक तत्व , तन्तु , नमक , कोबाल्ट , फास्फोरस (phosphorus) , आयरन , प्रोटीन आदि पदार्थ शामिल हैं !
* इसके अलावा पेट मे कीड़ों का संक्रमण होने पर भी यह रोग हो सकता है !
* इसके अतिरिक्त पशुओ को अधिक लम्बे समय तक अकेला बन्धे रहना भी उनमे यह रोग पैदा कर सकता है !
* पशु के रेबीज नामक रोग हो जाये !
# नोट : स्वयं या अन्य पशुओ को काटना एक मुख्य कारण पशुओ को आवास हेतु आवश्यकता से कम जगह उपलब्ध करवाना व पशु आवास मे अधिक भीड़-भाड़ होना हो सकता है !
उपचार(treatment):
* पशु की बीमारी के कारण का पता लगावे व कारणों को दूर करे !
* पशु को प्रतिदिन 30gm. नमक अवश्य दे ( भेड़ व बकरी मे मात्रा कम दे)
* कृमिनाशक दवा दे ! जैसे- albendazole ,fenbendazole , levamisole , piperazine. !
* रोगी प्राणी को आवश्यकतानुसार vit-B complex व मिनरल मिक्चर दे !
* इंजेक्सन- Tonophosphen लगवाना चाहिए ,जिसे अच्छे परिणाम मिलेगे !
नियंत्रण (control):
* समय- समय पर पेट के कीड़ो की दवा देते रहें !