बाढ़ में पशुओं के राहत एवं बचाव कार्य के लिए आगे आया बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय

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बाढ़ में पशुओं के राहत एवं बचाव कार्य के लिए आगे आया बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय

राजधानी पटना में भीषण जलजमाव की स्थिति एवं इससे उतपन्न समस्याओं से मनुष्य के साथ ही साथ पशुओं को भी भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है। बहुत सारे पालतू एवं सड़क किनारे रहने वाले पशुओं को भोजन एवं बीमारियों की समस्या से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के वेटेरिनरी इमरजेंसी रिस्पांस इकाई(वेरु) ने पशुओं में राहत एवं बचाव का कार्य प्रारंभ कर दिया है, वेरु के समन्वयक डॉ पंकज एवं डॉ सरोज ने पशुपालन विभाग के पदाधिकारियों के साथ मिलकर राजेंद्र नगर, कंकड़बाग जैसे इलाकों में जहाँ अभी भी स्थिति सामान्य नहीं है , मंगलवार से ही राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है।

प्रभावित पशुओं को फंसे हुए इलाकों से निकालना, बीमारियों का टीका, इलाज एवं मिनरल मिक्सचर का वितरण किया जा रहा है। जो पशु गम्भीर रूप से बीमार हैं उन्हें विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में लाकर इलाज किया जा रहा है। डीन डॉ जे के प्रसाद ने नगरवासियों से अपील की है की यदि कोई पशु आपदा की स्थिति में दिखे तो सहायता के लिए वेरु प्रभारी के मोबाइल संख्या 9835676663 पर तत्काल सूचना दें, वेरु द्वारा तत्काल चिकित्सीय एवम अन्य सहायता दी जाएगी। वेरु के प्रभारी डॉ पंकज कुमार ने कहा की पशुओं में बीमारी फैलने से मनुष्यों में भी बीमारी की समस्या हो सकती है । वेरु पटना के सदस्य डॉ सरोज कुमार ने बताया कि बारिश रुकने के बाद अब पानी रिहायशी इलाकों से उतरने लगा है ऐसे में चारों और कीचड़ एवम गन्दगी से निपटना और संक्रामक रोग से बचाव मुख्य चुनौती होगी। पशुओं में संक्रामक रोग नही फैले इसके लिए टीकाकरण अभियान भी चलाया जाएगा।इस बचाव कार्य में डॉ ज्ञानदेव सिंह के अलावा विश्वविद्यालय के कई विद्यार्थी शामिल है ।

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