दूध को लेकर देशव्यापी सर्वे के चौंकाने वाले नतीजे, 41% सैम्पल क्वालिटी के मामले में फेल

0
241

दूध को लेकर देशव्यापी सर्वे के चौंकाने वाले नतीजे, 41% सैम्पल क्वालिटी के मामले में फेल

पशुधन प्रहरी नेटवर्क,
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर 2019,

देश में दूध की गुणवत्ता को लेकर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्स अथॉरिटी (FSSAI) के सर्वे में 41% सैम्पल क्वालिटी और सेफ्टी के मानकों पर फेल साबित हुए हैं। इनमें से 7% नमूने स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पाए गए हैं। FSSAI ने सर्वे के लिए कच्चे और पैकेज्ड दोनों तरह के दूध के नमूने लिए थे। FSSAI के सीईओ पवन अग्रवाल के मुताबिक, दूध के सैम्पलों में न सिर्फ मिलावट पाई गई है, बल्कि ये हानिकारक पदार्थों से दूषित भी हैं। प्रोसेस्ड दूध के नमूनों में एफ्लॉक्सिन-एम1, एंटीबायोटिक और कीटनाशक ज्यादा मिले हैं।

एक तरह का फफूंद मिला, जिसके इस्तेमाल की इजाजत नहीं

कुल 6,432 नमूनों में से 368 में एफ्लॉक्सिन-एम1 की मात्रा तयशुदा मानकों से ज्यादा मिली है, जो कुल सैम्पलों का 5.7% है। दिल्ली, तमिलनाडु और केरल के नमूनों में इसकी मात्रा सबसे ज्यादा है। एफ्लॉक्सिन-एम1 एक तरह का फफूंद है, जिसका इस्तेमाल मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।

दूध के 7% नमूने मानव उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं

सर्वे के मुताबिक, कुल सैंपलों के 1.2% में एंटीबायोटिक निर्धारित सीमा से ज्यादा है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश उन राज्यों में शामिल हैं, जहां दूध में एंटीबायोटिक की मात्रा ज्यादा पाई गई है। इसके साथ ही 7% नमूनों में स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से खतरनाक तत्वों की मिलावट है और इन्हें मानव उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं पाया गया है। 41% नमूने दूध की क्वालिटी के दो मानकों, लो फैट और सॉलिड्स नॉट फैट (एसएनएफ) पर खरे नहीं उतरे हैं। राहत की बात ये है कि 6,432 में से 5,976 नमूनों में मिलावट के बावजूद, मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक तत्व नहीं मिले हैं। इस तरह 93% नमूने मानव सेवन के लिए सुरक्षित माने गए हैं।

READ MORE :  REPORT ON COMPREHENSIVE REFRESHER PROGRAMME (CRP) CONDUCTED BY CENTRE OF EXCELLENCE FOR AHIMAL HUSBANDRY, ANIMAL HUSBANDRY ACADEMY OF INDIA, HESSARGHATTA, BENGALURU, 56008 FROM 24TH TO 28TH APRIL, 2023

1 जनवरी, 2019 तक क्वालिटी कंट्रोल करने के निर्देश

ताजा नतीजों के बाद, FSSAI ने डेयरी उद्योग को क्वालिटी मानकों का कड़ाई से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही 1 जनवरी, 2020 तक हर स्तर पर निरीक्षण और परीक्षण सुनिश्चित करने को कहा है। आपको बता दें कि FSSAI ने मई से अक्टूबर, 2018 के बीच 1,103 शहरों और कस्बों से दूध के नमूने लिए थे। कुल 6,432 नमूनों की जांच की गई थी। दूध के ये सैम्पल सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संगठित और असंगठित क्षेत्र के डेयरी उद्योग से लिए गए थे। जाहिर है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है। 2017-18 के दौरान देश में प्रतिदिन 1763.5 लाख टन दूध उत्पादन दर्ज किया गया था। सरकार ने 2022 तक इसे बढ़ाकर 2543.5 लाख टन करने का लक्ष्य तय किया है।

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON