झारखंड के पोल्ट्री व्यवसायियों पर संकट
पशुधन प्रहरी नेटवर्क ,3 मार्च 2020
रांची . कोरोना वायरस की अफवाह के कारण मुर्गियों की बिक्री काफी में घट गई है. उसके कारण पोल्ट्री फार्म व्यवसायी संकट में घिर गए है. शहर के अधिकांश लोग कोरोना बीमारी के डर से मुर्गा, मटन खाने से कतरा रहे है. जिसके चलते प्रदेश के अधिकांश शहरों के मुर्गियों की दूकानों में आम तौर पर भीड़ देखी जाती थी वह अब कम ही दिखाई दे रही है. शहर के लोगों में कोरोना वायरस को लेकर भ्रम बना है. अधिकांश लोग मुर्गा, मुर्गी न लेकर मछली लेते दिखाई दे रहे हैं. शहर में कई लोग सोश्ल मीडिया पर अफवाह फैला रहे है. कोरोना बीमारी के चलते पोल्ट्री फार्म के व्यवसाय में आई कमी के कारण इससे जुड़े व्यवसायी मुर्गियों को कम दामों में बेचने को मजबूर हैं.
जनजागृति की जरूरत
उल्लेखनीय है शहरों से सटे ढेर सारे ग्रामो के किसान भी मुर्गियों का व्यवसाय करते हैं. कोरोना वायरस की अफवाह के कारण बिक्री के लिए लाखों का माल तैयार होने के बावजूद भी व्यापारी कम दाम में मुर्गियों की मांग कर रहे हैं. कई पोल्ट्री फार्म व्यवसायियों ने होली त्योहार को देखते हुए बड़े पैमाने पर अपना माल तैयार कर लिया है.जिन्हें एक किलो की मुर्गी तैयार करने के लिए आम तौर पर 120 से 125 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, किंतु व्यापारी कोरोना बीमारी को देखते हुए काफी कम दामों में मुर्गियों की मांग कर रहे हैं. इस कारण मुर्गी पालन का व्यवसाय करने वाले किसानों पर कर्ज का बोझ है. किसानों पर भुखमरी की नौबत आ गई है. व्यवसायियों ने मांग की है कि सरकार जनजागरण कर मुर्गी व्यवसाय को नुकसान होने से बचाएं व कोरोना वायरस का भ्रम नागरिकों से दूर करे. ईसी क्रम मे झारखंड महिला पौल्ट्री उत्पादक संघ ने गत 28 फरवरी को रांची मे चिकेन मेला का आयोजन किया जिसमे शहर के आम जनता हजारो की संख्या मे शामिल हुये तथा स्वादिस्ठ चिकेन का लुफ़्त उठाया । झारखंड महिला पौल्ट्री उत्पादक संघ के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ पंकज दास ने बताया की आगामी 6 मार्च को जमशेदपुर मे भी चिकेन मेला का आयोजन किया जाएगा ।झारखंड पशुपालक संघ के सचिव श्री श्रीनिवाश सिंह तथा मुर्गी येवम मत्स्य उत्पादक संघ, झारखंड के सचिव ,श्री प्रवीण श्रीवासत्व ने आह्वान किया की प्रस्तावित चिकेन मेले मे अधिक से अधिक संख्या मे शहर के चिकेन प्रेम सपरिवार सिरकत करे ।