मित्रों, मैं अपने को एकांतवास में रखते हुए यह निर्णय लिया है कि पशुपालकों को अपनी सेवा सोशल मीडिया के माध्यम से घरेलू पशुधन चिकित्सा पद्धति विधि द्वारा आज से प्रदान करूंगा। हमने व्यक्तिगत तौर पर यह देखा है कि कुछ इमरजेंसी केस को यदि छोड़ दें तो पशुपालन संबंधित होने वाली अधिकांश बीमारियों का निदान घरेलू चिकित्सा पद्धति यानी कि इथनो वेटनेरी प्रैक्टिसेस को अपनाकर सफलतापूर्वक कर सकते हैं। क्यों न इस वैश्विक महामारी संकट में इस पद्धति का सदुपयोग करें। इससे पशुपालकों को यह फायदा होगा कि उनको घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी तथा कम खर्च में इलाज भी हो जाएगा ना तो पशुपालकों को अपने पशुधन के इलाज हेतु किसी और पर निर्भर रहना पड़ेगा। यह विधि देहात क्षेत्र के पशुपालकों के लिए ज्यादा कारगर साबित होती है , जहां का पशुधन देसी है। हमने 75 से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप बना रखी है तथा साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से पशुपालकों के समस्याओं का समाधान बताया जा रहा है। आमतौर पर प्रतिदिन सोशल मीडिया तथा इंटरनेट के माध्यम से मुझे पशुपालकों का 50 से 100 कॉल आते हैं जिसका मैं कोशिश करता हूं कि समुचित उत्तर देने का। मेरी इस मुहिम में यदि कोई जुड़ना चाहते हैं या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो उनका सुझाव स्वागत तथा अपेक्षित है।
तो आइए एकांतवास में रहिए, सुरक्षित रहिए, स्वस्थ रहिए तथा अपना योगदान / फर्ज देश के प्रति निभाऐ
डॉ राजेश कुमार सिंह ,पशु चिकित्सक ,जमशेदपुर, झारखंड 9431309542,rajeshsinghvet@gmail.com