अंडे और चिकन उत्तम पोषक आहार
पशुधन प्रहरी नेटवर्क,6April 2020.
भारत में यूँ तो बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर आयुवर्ग के लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं किंतु 21 से 40 वर्ष के लोगों में कोरोना संक्रमण सबसे ज्यादा पाया जा रहा है,जो एक चिंता का विषय है और सीधे तौर पर यह बात इस तर्क को प्रमाणित करती है कि यह हमारे शरीर में प्रोटीन कुपोषण के कारण उत्पन्न रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के कारण है।
स्वस्थ शरीर जीवन की सबसे बड़ी पूँजी कहलाती है,और शरीर को स्वस्थ रखने हेतु सन्तुलित पोषक आहार अत्याधिक महत्वपूर्ण होता है।हमारे शरीर को प्रोटीन,कार्बोहाइड्रेट, वसा,मिनरल,विटामिन एवं पानी एक सन्तुलित मात्रा में चाहिए होते हैं।शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता, प्रोटीन से बनती है इसलिए हमारा दैनिक आहार प्रोटीन आधारित होना चाहिए, जबकि भारत में इसके विपरीत हमारा दैनिक आहार कार्बोहाइड्रेट आधारित है,और यही कार्बोहाइड्रेट आधारित भोजन कई बीमारियों की जड़ है।एक ताजा सर्वे के अनुसार भारत की लगभग 80%आबादी प्रोटीन कुपोषण की चपेट में है।और जब 80% आबादी की बात होती है तो उसमें सिर्फ गरीब ही नहीं बल्कि मध्यमवर्गीय एवं सम्पन्न परिवार के लोग भी आ जाते हैं।
अंडे और चिकन प्रोटीन के सर्वोत्तम स्त्रोत होने के साथ साथ ये हमारे शरीर के लिए अत्यावश्यक मिनरल्स और विटामिन्स के भी उत्तम स्त्रोत हैं।अंडे एवं चिकन का प्रोटीन जैविक गुणांक समस्त भोज्य पदार्थों में सर्वाधिक होता है,विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार माँ के दूध के बाद अंडा ही प्रकृति में उपलब्ध एकमात्र ऐसा भोज्य पदार्थ है जिसका प्रोटीन जैविक गुणांक 94% होता है,जबकि चिकन का 82% एवं समस्त दालों का मात्र 57% होता है।माँ के दूध का प्रोटीन जैविक गुणांक 100% होता है।प्रोटीन जैविक गुणांक यह प्रदर्शित करता है कि हमारे द्वारा खाये जाने वाले प्रोटीन में और हमारे शरीर के प्रोटीन में कितनी समानता है,अथवा हमारे द्वारा खाया जाने वाले प्रोटीन का कितने प्रतिशत हमारा शरीर पचा लेता है।मतलब अंडा 94% और चिकन 82% पच जाता है और उसके समस्त पोषक तत्व इतनी ही मात्रा में हमारे शरीर को मिल जाते हैं।
हैदराबाद स्थित भारत सरकार का एक संस्थान “राष्ट्रीय पोषण संस्थान” जो कि इस बात की अनुशंसा करता है कि मनुष्य को कैसा भोजन करना चाहिए ताकि वह स्वस्थ रहे।इस संस्थान की अनुशंसा के अनुसार एक भारतीय व्यक्ति को अपने दैनिक आहार को समस्त पोषक तत्वों में सन्तुलित करने हेतु प्रतिवर्ष 180 अंडों का तथा 11 किलोग्राम चिकन का सेवन करना चाहिए।किंतु दुर्भाग्य से हमारे देश में यह आंकड़ा आज दिनाँक तक मात्र 64 अंडो तथा 4.2 किलो चिकन प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष तक ही पहुंच पाया है,और यही अंतर प्रोटीन सहित अन्य पोषक तत्वों के कुपोषण का मुख्य कारण है।
भारत में बाल कुपोषण तथा गर्भवती महिला कुपोषण भी एक बड़ी समस्या है,जिसे आसानी से दूर किया जा सकता है यदि अंडे और चिकन को उनके दैनिक आहार में सम्मिलित कर दिया जाए तो।यही अनुशंसा विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा राष्ट्रीय पोषण संस्थान की भी है।
यह आहार विशेषज्ञों तथा मेडिकल साइंस द्वारा प्रमाणित सत्य है कि अंडे और चिकन का सेवन मानव शरीर को उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है जो उसे विभिन्न बीमारियों से लड़ने में सम्बल प्रदान करती है।
अतः अंडों और चिकन का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए पूर्णतः सुरक्षित एवं स्वास्थ्यवर्धक है।
डॉ. मनोज शुक्ला
पोल्ट्री विशेषज्ञ