दूध और फैट घटने बढनें के कारक।

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दूध और फैट घटने बढनें के कारक।

लेखक -सविन भोगरा, पशुधन विशेषज्ञ, हरियाणा

दूध की गुणवत्ता व उत्पादन पर निम्न कारक असर डालते हैं जिसके कारण दूध की मात्रा कम व अधिक हो जाती है तथा उसकी गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है

पशु की नस्ल:-

दूध और फैट कि पैदावार नस्ल और वातावरण पर निभ्रर करती है।

पशु की जाति:-

दूध का अधिक उत्पादन व गुणवत्ता अलग अलग जाति के पशुओं में अलग अलग होती है जैसे:- भैंस के दूध में fat % अधिक तथा गाय के दूध में फैट % कम होता है

व्यक्तिगत अंतर:-

पशु एक ही नस्ल व जाति के होते हुए भी वह अपने भार के हिसाब से अधिक व कम दूध देते हैं ऐसा माना जाता है कि गाय अपने शारीरिक भार का 8-10 % दूध देती है

उम्र(age):-

ऐसा माना जाता है कि 8 से 9 वर्ष की उम्र तक दूध बढ़ता है तथा बाद में घट जाता है इसी प्रकार फर्स्ट से थर्ड lactation में fat का प्रतिशत बढ़ता है तथा बाद में कम हो जाता है

दुग्ध काल:-

पशु के प्रसव के तुरंत बाद के दूध (खीस) में वसा व प्रोटीन अधिक होता है जैसे ही लेक्टेशन बढ़ता है दूध भी एक सीमा तक बढ़ता है लेकिन उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद दूध कम हो जाता है

दुग्ध दोहन का अंतराल :-

पशु को दिन में दो बार के स्थान पर तीन बार दुग्ध दोहन करना है जिससे लगभग 10-25% दुग्ध उत्पादन बढ़ जाता है

क्षमता :-

पशुओं में 4-5 ब्यात तक दूध देने की क्षमता बढ़ती है लेकिन इसके बाद दूध देने की क्षमता कम होने लगती है

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पशु का स्वास्थ्य :-

स्वस्थ पशु हमेशा अधिक दूध देता है और यदि पशु तनाव युक्त हो तो दूध का उत्पादन कम हो जाता है

गर्भकाल :-

जब पशु 5 माह के ऊपर गर्भित होता है तो उसका दुग्ध उत्पादन कम हो जाता है

व्यायाम:-

पशु को हल्का व्यायाम कराते हैं तो 0.2-0.3% तक बिना दूध कम हुए वसा का % बढ़ जाता है लेकिन जब अधिक व्यायाम कराते हैं तो दुग्ध उत्पादन व वसा का % कम हो जाता है

वे गाय जो अधिक दूध देती हैं उनमें fat % कम होता है तथा जो कम दूध देती है उनमें fat %अधिक होता है

दुग्ध दोहन विधि:-

Full hand method (पूर्ण हस्त विधि) से दुग्ध दोहन करने से दूध बढ़ता है

मदकाल या तनाव :-

जब पशु हिट में होता है तो प्रायः एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण दुग्ध उत्पादन कम हो जाता है

शुष्क काल या dry period:-

जिन मादा पशुओं में शुष्क काल का अभाव होता है वे अगले ब्यात में कम दूध देती हैं तथा जीन मादा गर्भित पशुओं में शुष्ककाल होता है तो उनसे अगले व्यात या प्रसव में अधिक दूध प्राप्त होता है

मौसम :-

गर्मियों में पशुओं में प्रायः दूध कम होता है तथा सर्दियों में व बरसात में जब हरा चारा अधिक मात्रा में उपलब्ध रहता है तो पशु अधिक दूध देता है

बीमारी:-

जब पशु बीमार होता है तो दुग्ध उत्पादन हमेशा कम होता है तथा स्वस्थ Animals में दूध उत्पादन अधिक होता है

कुछ और बिन्दुओं पर सभी पशुपालक साथीं अपनें अनुभव साझा करे।

धन्यवाद।

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