जैविक पंचगव्य यानी DAP से 5 गुणा ज्यादा गुणवत्ता
1-गौ गोबर या भैस 40 किलो
2- गौ मूत्र या भैस 40 ली
3-माखन या सरसो तेल500 ग्राम
4-दूध गौ या भैस का ढाई ली या 3 ली
5-मट्ठा या दही गौ या भैस का 8ली दही को आप 4 किलो में 4 ली पानी मिलाकर पतला होने पर 8 ली , भी ले सकते
6-चना बेसन,मटर बेसन,मसूर की दाल का आटा इनमे से किसी एक को लेना हैं जो मिल जाये 1किलो
7-मेथी दाने का पाउडर 1 किलो
8-गुड़ 2 किलो
9-केला खूब पके हुए जो खाने लायक न हो 1 किलो
10-सरसो खली 2 किलो
11-बरगद के नीचे की मिटटी और केले के पेड़ के पास की मिटटी 2-2 किलो दोनों की मिटटी लेना
गोबर में पहले तेल और मट्ठा या दही को मिलाये फिर उसमे गुड़ को 2-3 ली पानी में घोल कर इसी गोवर में मिलाये फिर 200 ली प्लास्टिक ड्रम में इसको डाल दे फिर सभी चीजो को ड्रम में डाल कर डंडे से सभी बची हुई सामग्री डाल दे और मूत्र को भी डाल दे सरसो खली को पाउडर कर के डाले फिर बरगद और केले की मिटी को भी डाल दे पके केले को मसल कर पेस्ट बना कर मिला दे और सभी सामग्री को 15 मिनट तक डंडे से चलाये रोज सुबह शाम को 15 मिनट सीधा और फिर उल्टा चलाये
7-10 दिन में ये तैयार हो जायेगा
फिर 100 ली पानी इसमें मिला ले और खेतों मे छिड़के या वालू में या गोवर की सड़ी हुई खाद 5 बोरी या कण्डे व् उपले की राख 4 से 5 बोरी में इसको मिलाकर खेत में छिड़काव करे इस प्रकार से आप हर बार इसको बना कर इस्तेमाल कर सकते है पंप से जब फसल पर छिड़काव करना हो तब इसको चला कर फिर कपडे से छान कर 1 ली लेना है और 15 ली पानी में इसको मिला कर स्प्रे करे
कद्दू वाली फसलो पर सिर्फ 200 ml से 300 ml ही 15 ली पानी में मिलाकर स्प्रे करें
स्प्रै 10 दिन से 15 दिन पर फसल की ग्रोथ देख कर प्रयोग करे
नोट*** ऊपर जो सामग्री बताई गई है उसमे 10 किलो गौ कंडे या उपले की राख को शामिल कर इसको और ताकत वर बनाने के लिए इसमें 10 किलो गौ उपले या कण्डे की राख को भी मिला दे
डॉ जितेंद्र सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी ,कानपुर देहात ,उत्तर प्रदेश