पशु आहार : एक अवलोकन

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पशु आहार : एक अवलोकन

डॉ धर्मेन्द्र कुमार, डॉ रघुबर साहू, डॉ रविन्द्र कुमार सोहाने एवं डॉ राजनारायण सिंह

विषय वस्तु विशेषग्य, कृषि विज्ञान केंद्र, बाँका (बिहार कृषि विश्विद्यालय, सबौर)

निदेशक प्रसार शिक्षा,  बिहार कृषि विश्विद्यालय, सबौर

उपनिदेशक प्रसार शिक्षा,  बिहार कृषि विश्विद्यालय, सबौर

 

पोषण का उद्देश्य

शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है, जो उसे आहार से प्राप्त होता है। पशु आहार में पाये जाने वाले विभिन्न पदार्थ शरीर की विभिन्न क्रियाओं में इस प्रकार उपयोग में आते हैं।

  • पशु आहार शरीर के तापमान को बनाये रखने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।
  • यह शरीर की विभिन्न उपापचयी क्रियाओं, श्वासोच्छवास,रक्त प्रवाह और समस्त शारीरिक एवं मानसिक क्रियाओं हेतु ऊर्जा प्रदान करता है।
  • यह शारीरिक विकास, गर्भस्थ शिशु की वृद्धि तथा दूध उत्पादन आदि के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।
  • यह कोशिकाओं और उतकों की टूट-फूट, जो जीवन पर्यन्त होती रहती है, की मरम्मत के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान करता है।

सूखा तत्व/ शुष्क पदार्थ

  • किसी भी जैविक पदार्थ में से अगर पानी की मात्रा या नमी निकल दी जाए तो बचे भाग/हिस्से को शुष्क पदार्थ बोलते हैं
  • पशु के आहार का निर्धारण करते समय पशु शारीर भार का 2 से 4 % की सीमा में शुष्क पदार्थ लेते हैं (उदाहरण:अगर पशु का वजन400 किलोग्राम है तो उसको __  से  __ किलोग्राम तक सुखा तत्व खिला सकते हैं )

इसको दुसरे रूप में इस प्रकार जानते हैं:

टी.डी.एन क्या है (कुल पचनीय तत्व)

  • यह आहार में मौजूदकुल पचनीय तत्वों को दर्शाता है
  • इससे पशु आहार की गुणवत्ता का पता चलता है
  • अधिक टी डी एन मतलब अधिक उर्जा

सी.पी (कच्ची प्रोटीन) क्या है?

यह आहार में मौजूद प्रोटीन को दर्शाता है प्रोटीन शारीर के विकास, शरीर निर्वहन के, प्रजनन और दूध उत्पादन चक्र के लिए जरुरी है

प्रोटीन की कमी के कारण होने वाले प्रभाव :

  1. कम दूध  उत्पादन
  2. दूध काल के प्रथम अवस्था के समय शरीर के वजन में कमी और दूसरे गर्भधारण में बिलम्ब
  3. संक्रमण और चयापचय रोगों का खतरा का बढ़ना
  4. कम प्रजनन क्षमता/ दो ब्यांत के बीच अधिक अंतर

कैल्शियम

  • शरीर में सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाला खनिज तत्व है
  • 1 लीटर दूध  में 1 ग्राम कैल्शियम होता है (इस तरह 15 लीटर दूध  में 15.5 ग्राम कैल्शियम शरीर से बाहर निकल जाता है)
  • इसकी कमी के कारण पशु में मिल्क फीवर, डिसटोकिया, लंगड़ापन होता है
  • स्रोत:फलीदार घास,दालें,मिनरल मिक्सचर

 

फास्फोरस

  • यह केल्सियम और विटामिन डी के साथ हड्डी निर्माण के काम आता है
  • 1 लीटर दूध में 0 ग्राम फास्फोरस होता है (इस तरह 15 लीटर दूध में 15 ग्राम फास्फोरस शरीर से बाहर निकल जाता है)
  • फास्फोरस की कमी खुले स्थानों पर चरने वाले पशुओं में सर्वाधिक पाई जाती है

स्रोत : अनाज, मिनरल मिक्सचर

आहार का वर्गीकरण

कंसेंट्रेट

आहार का ऐसा  मिश्रण जिसमे अधिक मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट एवं फैट उपलब्ध रहती है, लेकिन रेशा की मात्रा 18% से कम होती है.

कंसेंट्रेट के प्रकार

इ)  ऊर्जा से प्रचुर : 18% से कम प्रोटीन

ई) प्रोटीन से प्रचुर : 18 % से अधिक प्रोटीन

अनाज एवं बीज:

अनाज में मुख्य रूप से स्टार्च होते हैं जो कार्बोहाइड्रेट का एक रूप है.

इसमे प्रोटीन की मात्रा 8-12% होती है. लेकिन इसमे लाइसिन एवं मिथिओनिन की कमी होती है.

फैट (तेल) की मात्रा 1-6%, मकई एवं जय में 4-6%, ज्वार में 3-4%, गेहूं, बारली, एवं चावल में 1-3% होती है.

सभी अनाज में विटामिन डी एवं कैल्शियम की कमी होती है लेकिन फास्फोरस एवं विटामिन ई की अधिकता होती है.

 

गुड़:

यह स्वादिष्ट एवं उर्जा का बहुत अच्छा स्रोत है. इसे उर्जा के स्रोत के साथ साथ भूख बढाने के लिए, दाने में पाउडर को कम करने, पेलेट में बंधने का काम, रूमेण में कीड़े की सक्रियता को बढाने के लिए के लिए भी उपयोग की जाती है.

खल्ली एवं मिल:

यह प्रोटीन का उत्तम स्रोत होता है.

खल्ली केक के जैसा होता है  जिसमे तेल की मात्रा २% से अधिक होती है. मिल में तेल की मात्रा १% से  भी कम होती है एवं यह पाउडर के रूप में होता है.

जैसे: सोयाबीन मिल, सरसों की खल्ली, कपास की खल्ली.

रेशा वाले आहार:

रेशा वाले आहार दो प्रकार के होते हैं.

  • सुखा आहार
  • हरा या नमी वाला आहार

 

सुखा आहार हरा या नमी वाला आहार
स्ट्रॉ (भूसा):  इसमे मुख्य रूप से अन्नाज निकालने के बाद जो भाग बच जाता है जैसे कि गेंहूँ का भूसा, धान का पुआल आती है जिसमे पाचन युक्त उर्जा की मात्रा 40-50% होती है. प्रोटीन की मात्रा 2-3% लेकिन पाचन युक्त प्रोटीन की मात्रा ०% होती है. दलहन वर्ग के हरे चारे में प्रोटीन की मात्रा 16-18% होती है, जैसे कि लोबिया, राईस बिन, बरसीम.
स्टोवर: अनाज निकालने के बाद बचे पत्ते एवं डंठल मुख्य रूप से मकई एवं ज्वार के डंठल आते हैं. अनाज वर्ग के हरे चारे: इसमे प्रोटीन इ मात्रा 5-10% होती है.

जैसे कि ज्वार का हरा चारा में 5-8% प्रोटीन होती है. एवं मकई के हरे चारे में 8-10% प्रोटीन होती है.

हे: हरा चारा को सुखाकर पत्ते सहित संगृहीत की जाती है. इसमे नमी की मात्रा सुखाकर 15-20% की जाती है. यह सुखा चारा में सबसे अधिक पौष्टिक होता है. घास: नेपियर घास-  प्रोटीन 8-12%, रेशा 26-28% एवं उर्जा की मात्रा 55-58% होती है.

पैरा घास:यह बहुत ही सुपाच्य एवं पौष्टिक होती है, इसमे प्रोटीन की मात्रा 10-12% एवं रेशा की मात्रा 14% होती है.

 

पशु के लिए आहार का स्रोत

पशु  के लिए उपलब्ध खाद्य सामग्री को हम दो भागों में बाँट सकते हैं – चारा और दाना । चारे में रेशेयुक्त तत्वों की मात्रा शुष्क भार के आधार पर 18 प्रतिशत से अधिक होती है तथा समस्त पचनीय तत्वों की मात्रा 60 प्रतिशत से कम होती है। इसके विपरीत दाने में रेशेयुक्त तत्वों की मात्रा 18 प्रतिशत से कम तथा समस्त पचनीय तत्वों की मात्रा 60 प्रतिशत से अधिक होती है।
चारा

नमी के आधार पर चारे को दो भागों में बांटा जा सकता है – सूखा चारा और हराचारा
सूखा चारा

चारे में नमी की मात्रा यदि 10-12 प्रतिशत से कम है तो यह सूखे चारे की श्रेणी में आता है। इसमें गेहूं का भूसा, धान का पुआल व ज्वार, बाजरा एवं मक्का की कड़वी आती है। इनकी गणना घटिया चारे के रूप में की जाती है।
हरा चारा

चारे में नमी की मात्रा यदि 60-80 प्रतिशत हो तो इसे हरा/रसीला चारा कहते हैं। पशुओं के लिये हरा चारा दो प्रकार का होता है दलहनी तथा बिना दाल वाला। दलहनी चारे में बरसीम, रिजका, ग्वार, लोबिया आदि आते हैं। दलहनी चारे में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। अत: ये अधिक पौष्टिक तथा उत्तम गुणवत्ता वाले होते हैं। बिना दाल वाले चारे में ज्वार, बाजरा, मक्का, जर्इ, अगोला तथा हरी घास आदि आते हैं।  दलहनी चारे की अपेक्षा इनमें प्रोटीन की मात्राा कम होती है। अत: ये कम पौष्टिक होते हैं। इनकी गणना मध्यम चारे के रूप में की जाती है।
दाना

पशुओं के लिए उपलब्ध खाद्य पदार्थों को हम दो भागों में बाँट सकते हैं – प्रोटीन युक्त  और ऊर्जायुक्त खाद्य पदार्थ। प्रोटीन युक्त खाद्य पदाथोर् में तिलहन, दलहन व उनकी चूरी और सभी खलें, जैसे सरसों की खल, बिनौले की खल, मूँगफली की खल, सोयाबीन की खल, सूरजमुखी की खल आदि आते हैं। इनमें प्रोटीन की मात्रा 18 प्रतिशत से अधिक होती है।
ऊर्जायुक्त दाने में सभी प्रकार के अनाज, जैसे गेहूँ, ज्वार, बाजरा, मक्का, जर्इ, जौ तथा गेहूँ, मक्का व धान का चोकर, चावल की पॉलिस, चावल की किन्की, गुड़ तथा शीरा आदि आते हैं। इनमें प्रोटीन की मात्रा 18 प्रतिशत से कम होती है

 पशु आहार में पोषक तत्व की मात्रा  (ग्राम/  किलो)

आहार प्रोटी र्जी कैल्शिंयम फास्फोरस
मिनरल पाउडर 0 0 196 120
दाना 180 585 3.6 2.7
बाजरा का दर्रा 108 694 0.45 1.35
ज्वार का दर्रा 80 720 0.19 0.90
मकई का दर्रा 81 792 0.09 1.26
गेहूं का दर्रा 99 774 0.18 0.99
राबा/छोबा/गुड़ 16 492 1.17 0.74
चावल 91 739 0.09 0.99
चावल ब्रान (राईस पोलिश) 126 765 0.36 5.67
चावल का छिलका (हल्लर राईस ब्रान) 60 540 0.36 5.67
गेहूं का चोकर 144 585 0.9 3.33
सरसों की खल्ली 324 720 3.87 0.99
तील की खल्ली 360 675 7.2 3.24
मग 153 540 1.62 1.08
मसूर 171 540 1.8 1.08
उरद 180 540 0.65 0.32
हरा चारा
बाजरा का हरा चारा 16 110 0.49 0.12
गजराज घास 20 110 0.54 0.20
ज्वार का हरा चारा 16 110 0.32 0.20
बरसीम/लुसर्न 34 130 1.56 0.22
मकई का हरा चारा 15 130 0.54 0.12
अजोला 14 42 0.06 0.03
सुखा घास चारा
धान की पुआल 41 378 1.44 0.27
गेहूं का भूसा 27 396 1.62 0.36
गेहूं का भूसा (उरिया प्रक्रिया) 53 408 1.53 0.34
मकई का सुखा चारा 36 405 1.8 0.59
मकई के बाल का छिलका 20 468 0.11 0.59
मकई का बलुरी 18 360 1.08 0.27

 

 दाना में पौष्टिक तत्व की मात्रा

पौष्टिक तत्व मात्रा (%)
गाय दाना- I गाय दाना -II काल्फ़ स्टार्टर कलफ ग्रोवर भैंस दाना
पानी 11 11 10 10 11
प्रोटीन 22 20 23-26 22-25 22
तेल 4.0 2.5 4.0 4.0 7.0-8.0
रेशा 10 12 7 10 12
बालू 3 4 2.5 3.5 3.0
नमक (NaCl) (Max.) 1.5 1.5
कैल्शियम(Min) 0.8 0.8
कुल फास्फोरस (Min.) 0.5 0.5
फास्फोरस 0.25 0.25
यूरिया 1.0 1.0
विटामिन ए. (IU/किलो) कम से कम 7000 7000
विटामिन  डी3,( IU/किलो), कम से कम. 1200 1200
विटामिन ई (IU/किलो) कम से कम 30 30
अफला टोक्सिन B1(ppb), अधिकतम. 20 20

 

विभिन्न प्रकार की अवस्थाओं के राशन

राशन की चार श्रेणियां हैं :

  1. शरीर निर्वाहके लिए आहार : ये विशेष तौर पर ऐसे पशुओं जो दुध नहीं दे रहे हैं तथा गाभन भी नहीं है उन्हें दिया जाता है. यह आहार पशु के शरीर के सभी जीवन रक्षक अंग को कार्य करने, शरीर के तापमान बनाये रखने, गाय को चलने एवं खड़ा रहने के लिए मांस को उर्जा इत्यादि आवश्यक कार्य के लिए. दूध नहीं देने वाली गाय में यदि शरीर निर्वाह के लिए संतुलित आहार मिल जाती है तब शरीर में प्रोटीन, फैट, एवं मिनरल का संरक्षित होती है. दुधारू पशु का लगभग आधा आहार शारीर के निर्वाह के लिए उपयोग में आती है. शारीर निर्वाह के लिए जरुरी पोषक तत्व पशु के शरीर भार पर निर्भर करता है.
  2. दूध उत्पादन के लिए आहार: दूध देने वाले जानवर को शरीर निभाने वाले अतिरिक्त आहार की जरुरत होती है, यह उसके दूध उत्पादन की मात्रा एवं दूध में मौजूद फैट % पर निर्भर करता है. यदि जरुरत इतना पोषक तत्व पशु को नहीं मिलाती है तब वह शरीर में संरक्षित पोषक तत्व का उपयोग कर दूध उत्पादन कराती है. जब शारीर की संरक्षित पोषक तत्व समाप्त हो जाती है तब वह निर्वाह से अधिक मिल रही पोषक तत्व का उपयोग कर दूध उत्पादन करती है जिसके कारन दूध उत्पादन कम हो जाती है.
  3. शारीरिक विकास विकास के लिए आहार: 4 वर्षसे कम उम्र की जानवर को इस आहार की जरुरत पड़ती है. यह पशु के शरीर के वृद्धि के लिए डी जाती है लेकिन जब शारीर के निर्वाह के लिए पोषक तत्व पूरी हो जाती है तभी वह शरीर के वृद्धि में लगती है. वृद्धि के लिए पोषक तत्व की मात्रा उम्र,नश्ल, लिंग, एवं वृद्धि की अवस्था पर नर्भर करती है. शारीर के वजन के सन्दर्भ में युवा पशु को परिपक्व पशु से अधिक प्रोटीन,उर्जा, विटामिन एवं मिनरल की आवश्यक्ता होती है. इसलिए युवा पशु में पोषक तत्व की कमी का प्रभाव जल्दी दिखती है.
  4. गर्भावस्था के लिए आहार: गर्भावस्थाके अंतिम 3 महीने (7-8-9) में इस आहार की जरुरत पड़ती है. इसकी मात्रा बहुत कम होती है लेकिन इसे नजरंदाज भी नहीं की जा सकती है. इसकी मात्रा बिना गाभिन सुखा पशु से 50-60% अधिक होती है.

 

गाय को पोषक तत्व की आवश्यक्ता

निर्वाह के लिए

प्रोटीन – 295 ग्राम/दिन

उर्जा -2.84 किलो/दिन

दूध उत्पादन (4% फैट)

4% पर दूध उत्पादन=(0.4*4)+15*(दूध उत्पादन*फैट%/100)

प्रोटीन -90 ग्राम/किलो दूध

उर्जा -322 ग्राम /किलो दूध

इसलिए 18-20% प्रोटीन एवं 650 ग्राम उर्जा वाले दाने को 500 ग्राम /लीटर दूध खिलाई जाती है.

उदाहरण: गाय की दूध उत्पादन 8 लीटर/दिन एवं फैट-3.2% है.

4% दूध उत्पादन=(0.4*4)+15*(8*3.2/100)

= (1.6)+15*(25.6/100)

= (1.6)+15*0.256

=1.6+3.84

= 5.44 किलो

प्रोटीन की आवश्यक्ता=295 ग्राम +5.44*90 ग्राम=295+490=785 ग्राम= 3.925 किलो दाना (20%प्रोटीन का)

पशु की खोराक

(400 किलोग्राम वजन वाले पशु के लिये)

1) पशु जो दूध नहीं दे रही हो एवं गाभिन भी नहीं है (7 महिना से कम की गाभिन)

पशु का खोराक किलोग्राम/पशु/दिन
दाना 1.0
हरा चारा *दलहन वर्ग 3.0
*अनाज वर्ग 10.0
सुखा चारा 5-7 (पशु जीतना खा सकता है)

*दलहन वर्ग:बरसीम, लुसर्न, गुआर (काउपी) :

*अनाज वर्ग: मकई, बाजरा, जई, हाइब्रिड नेपिअर, पाराग्रास

2) दूध देने वाली पशु (गाय और भैंस)

) शरीर के निर्वाह के लिये

          पशु का खोराक किलोग्राम/पशु/दिन
दाना 1.0
हरा चारा दलहन वर्ग 4.0
अनाज वर्ग 8.0
सुखा चारा 6-8 (पशु जीतना खा सकता है)

 

) दूध उत्पादन के लिये

गाय: 400 ग्राम दाना/किलो दूध

भैंस: 500 ग्राम दाना/किलो दूध

शंकर गाय को दुसरे वियान तक १ किलोग्राम दाना अधिक देना चाहिये क्योंकि यह कम उम्र में गाभिन हो जाती है. तो इसके शरीर की वृध्धि के लिए अधिक पोषक तत्व की जरुरत होती है.

 

3) गाभिन पशु के लिये

वियान की संभावित तिथि के तीन महीने पहले से पशु को दाना खिलाने की मात्रा धिरे-धिरे बढ़ाना चाहिये, ताकि वियान के समय तक जानवर को इतना दाना मिलना चाहिये जितना वह पिछले वियान के बाद जब सबसे ज्यादा दूध देती थी उस समय उसे मिलता था.

4) सभी पशु को उचित मात्रा में मिनरल पाउडर खिलाना चाहिये:

बाछा/ बाछी:  20-25 ग्राम/पशु/दिन

6 महीने से ज्यादा उम्र वाले बाछा/ बाछी: 30-50 ग्राम/पशु/दिन

पशु जो गाभिन नहीं है : 50 ग्राम/पशु/दिन

दूध देने वाली पशु : 100-200 ग्राम/पशु/दिन (20ग्राम/किलोग्राम दूध)

नोट: जब हरा चारा नहीं हो तो इसके बदले दाना की मात्रा बढ़ा देना चाहिये.

200 ग्राम दाना = 1 किलोग्राम दलहन वर्ग के हरे चारे के बदले.

=4 किलो ग्राम अनाज वर्ग के हरे चारे के बदले

दलहन वर्ग: बरसीम घास, लुसर्न घास, काउपी/गुआर

अनाज वर्ग: ज्वार, मकई, ह्य्ब्रिड नेपिअर, एन बी -21, घास

दाना बनाने की विधि: 

1 किलोग्राम दाना बनाने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थ को निर्देशित मात्रा में मिलायें.
खाद्य पदार्थ मात्रा (ग्राम)
अनाज: मकई/गेहूं/जई/बाजरा 220
तेल की खल्ली: सरसों/तील/ तीसी 300
दाल की चुनी 200
राईस ब्रान/गेहूं का चोकर/चावल का टुकरा 150
राबा/ छोबा/गुड 100
मिनरल पाउडर 20
नमक 10
कुल वजन 1 किलो ग्राम

 

पशु  दाना बनाकर खिलाने से उसे सभी पोषक तत्व संतुलित मात्रा में मिलते हैं. इस दाना को शाम में फूलने दें और सुबह में अपने पशु को खिलाएं.

आदर्श आहार की विशेषतायें

  1. आहार संतुलित होना चाहिए। इसके लिए दाना मिश्रण में प्रोटीन तथा ऊर्जा के स्रोतों एवम् खनिज लवणों का समुचित समावेश होना चाहिए.
  2. यह सस्ता होना चाहिए।
  3. आहार स्वादिष्ट व पौष्टिक होना चाहिए। इसमें दुर्गंध नहीं आनी चाहिए।
  4. दाना मिश्रण में अधिक से अधिक प्रकार के दाने और खलों को मिलाना चाहिये। इससे दाना मिश्रण की गुणवत्ता तथा स्वाद दोनों में बढ़ोतरी होती है।
  5. आहार सुपाच्य होना चाहिए। कब्ज करने वाले या दस्त करने वाले चारे/को नहीं खिलाना चाहिए।
  6. पशु को भरपेट चारा खिलाना चाहिए। पशु का पेट काफी बड़ा होता है और पेट पूरा भरने पर ही उन्हें संतुष्टि मिलती है। पेट खाली रहने पर वह मिट्टी, चिथड़े व अन्य अखाद्य एवं गन्दी चीजें खाना शुरू कर देती है जिससे पेट भर कर वह संतुष्टि का अनुभव कर सकें।
  7. उम्र व दूध उत्पादन के हिसाब से प्रत्येक पशु को अलग-अलग खिलाना चाहिए ताकि जरूरत के अनुसार उन्हें अपनी पूरी खुराक मिल सके
  8. पशु के आहार में हरे चारे की मात्राा अधिक होनी चाहिए।
  9. पशु के आहार को अचानक नहीं बदलना चाहिए। यदि कोर्इ बदलाव करना पड़े तो पहले वाले आहार के साथ मिलाकर धीरे-धीरे आहार में बदलाव करें।
  10. पशु को खिलाने का समय निश्चित रखें। इसमें बार-बार बदलाव न करें। आहार खिलाने का समय ऐसा रखें जिससे पशु अधिक समय तक भूखी न रहे।
  11. दाना मिश्रण ठीक प्रकार से पिसा होना चाहिए। यदि साबुत दाने या उसके कण गोबर में दिखार्इ दें तो यह इस बात को इंगित करता है कि दाना मिश्रण ठीक प्रकार से पिसा नहीं है तथा यह बगैर पाचन क्रिया पूर्ण हुए बाहर निकल रहा है। परन्तु यह भी ध्यान रहे कि दाना मिश्रण बहुत बारीक भी न पिसा हो। खिलाने से पहले दाना मिश्रण को भिगोने से वह सुपाच्य तथा स्वादिष्ट हो जाता है.
  12. दाना मिश्रण को चारे के साथ अच्छी तरह मिलाकर खिलाने से कम गुणवत्ता व कम स्वाद वाले चारे की भी खपत बढ़ जाती है। इसके कारण चारे की बरबादी में भी कमी आती है। क्योंकि पशु चुन-चुन कर खाने की आदत के कारण बहुत सारा चारा बरबाद करती है.

                              

                        https://www.pashudhanpraharee.com/importance-of-balance-ration-in-livestock/                                                      

 

 https://hi.vikaspedia.in/agriculture/animal-husbandry/92a936941913902-91593e-91a93e93093e/93890292494193293f924-92a936941-9069399

 

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