*अपनी दुधारू गाय खुद तैयार कीजिये – भाग 17*
आपकी गाय बच्चा दे चुकी है। गाय ने बच्चे को चाट कर साफ भी कर दिया है। बच्चे को साफ करने में कुछ सहायता आपने भी की है। जन्म के पहले चार घण्टों के अंदर आपने बच्चे को खीस भी पिलवा दिया है। मगर गाय ने जेर अभी तक नहीं डाली है। यहाँ ध्यान देने योग्य यह बात है कि गाय ने जेर गिराई हो या ना गिराई हो आपको बच्चे को दूध तुरंत ही पिलवा देना है। जेर गिरने का इंतज़ार नहीं करना है।
अगर आपकी गाय स्वस्थ है और गर्भावस्था के दौरान उसकी खिलाई पिलाई भरपूर हुई है और प्रसव सामान्य हुआ है तो सामान्यतः जेर 5 से 6 घँटे के अंदर डाल दी जाती है।
अगर 12 से 24 घण्टों के बाद भी जेर ना डाली जाए तो इसे जेर का रुक जाना या रिटेंशन ऑफ प्लेसेंटा कहते हैं। मगर अभी भी घबराने के कोई बात नहीं है। इस समय कुछ आयुर्वेदिक दवाओं को देने से जेर आसानी से बाहर आ जाती है।
तमाम प्रयास करने के बाद भी अगर ब्याने के 36 घँटे बाद तक भी गाय जेर ना डाले तो उसकी सफाई करवाना आवश्यक हो जाता है।
जेर की सफाई बहुत ही संवेदनशील कार्य है अतः इस काम के लिए आपको किसी योग्य पशुचिकित्सक से ही सम्पर्क करना चाहिए जो समस्त सावधानियों को अपनाते हुए इस कार्य को सम्पन्न करेगा। अगर इस समय लापरवाही हुई तो समझो कि आपने उस गाय को प्रजनन सम्बन्धी रोगों के कुचक्र में फंसवा दिया है।
गाय ब्याने के बाद एक काम तो आपको करना है कि उसे पांत पकाकर देनी है। आपकी स्थानीय भाषा में इसका कुछ अन्य नाम भी हो सकता है। इसे बनाने के लिए चावल, गेहूं, मोटे अनाज को मिलाकर बनाये गए दलिया को पानी, गुड़, सरसों के तेल, मेथी, काला जीरा, सोंठ पाऊडर (सूखा अदरख पाऊडर) और हींग के साथ पकाया जाता है। इसकी जितनी मात्रा गाय आसानी से खा सके उतनी देनी होती है। इसके अलावा उसे मुलायम हरा चारा और पीने के लिए साफ हल्का गर्म पानी दिया जाना चाहिए। साथ ही कम से कम 100 ग्राम अच्छी गुणवत्ता का विटामिन मिनरल मिक्सचर भी दिया जाना चाहिए। इसे देने से गाय को जेर गिराने में सहायता मिलेगी।
अगर 12 से 24 घण्टों के अंदर भी जेर नहीं डाली जाती है तो उसे कोई भी यूटराइन टॉनिक देना है जैसे यूटरोटोन या फिर यूटरोलीन या वो कोई भी यूटराइन टॉनिक जो स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो। इसकी 100 से 125 मिलीलीटर दवा दिन में दो बार देनी है चार से पांच दिन तक। जेर तो पहले ही गिर जाएगी मगर फिर भी इस दवा को देते रहना है। इन सभी यूटराइन टॉनिक्स में कुछ जड़ी बूटियों के साथ कुछ मिनरल्स भी होते हैं जो जेर गिरने की प्रक्रिया में सहायक होते हैं।
ऊपर बताई गई पांत के साथ साथ यह दवा देते रहिये और जेर गिरने का इंतजार कीजिये। छत्तीस घँटों बाद भी जेर ना गिरे तो पशुचिकित्सक से सम्पर्क कीजिये।
मगर जेर रुकने की समस्या आई ही क्यों? इस पर चर्चा कल करेंगे।
क्रमशः
*डॉ संजीव कुमार वर्मा*
*प्रधान वैज्ञानिक (पशु पोषण)*
*केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ*