अपनी दुधारू गाय खुद तैयार कीजिये – भाग 8
आपकी बछिया बड़ी होकर एक नई बछिया या बछड़े की माँ बन चुकी है और इसमें कुल तीन साल लगे। अब आपको इसके नवजात का पोषण बिल्कुल वैसे ही करना है जैसे इस बछिया का किया था। मगर अब माँ बन चुकी इस गाय को विशेष पोषण चाहिए क्योंकि अब इसे पोषण चाहिए स्वयं के शरीर के मेंटिनेंस के लिए और दूध उत्पादन के लिए। अपने स्वयं के बच्चे के लिए इसे उतना दूध नहीं पैदा करना है जितना इसे आपके बच्चों का ख्याल है।
अगर आपने शेड्यूल के मुताबिक भरण पोषण किया है तो इस ताजी ब्याई गाय की जेर अधिकतम बारह घण्टों में गिर जाएगी। अगर नहीं गिरती है तो आपको किसी योग्य पशुचिकित्सक की शरण में जाना ही होगा। गर्भकाल के दौरान प्रोटीन की कमी होने पर जेर गिरने में समस्या आती है।
प्रसव के समय आने वाले इन व्यवधानों का जिक्र किसी अन्य पोस्ट में करेंगे। अभी इस दुधारू गाय के पोषण की बात करते हैं।
इस समय दुधारू गाय को हम भरपेट हरा चारा देंगे। साथ में देंगे कुछ मात्रा में भूसा और रातिब मिश्रण की एक निश्चित मात्रा।
अब तीन स्थितियां हो सकती हैं….
1. आपके पास हरा चारा बहुत कम है और जो हरा चारा उपलब्ध है वह गैर दलहनी चारा है और आपके पास पर्याप्त भूसा और प्रचुर मात्रा में रातिब मिश्रण उपलब्ध है
2. आपके पास ग़ैरदलहनी हरा चारा भी पर्याप्त मात्रा में है और भूसा भी और रातिब मिश्रण भी
3. आपके पास दलहनी और ग़ैरदलहनी हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, भूसा भी है मगर रातिब मिश्रण लिमिटेड है या बिल्कुल नहीं है।
दुधारू गाय का पोषण उसके दुग्ध उत्पादन और दूध में उपस्थित वसा की मात्रा पर निर्भर होगा। यहां हम आपको तीन उत्पादन स्तर वाली गायों के पोषण के बारे में बताएंगे।
1. पांच लीटर दूध उत्पादन वाली
2. दस लीटर दूध उत्पादन वाली
3. पन्द्रह लीटर दूध उत्पादन वाली
आज बात करते हैं पांच लीटर दूध उत्पादन वाली गाय के तीनों स्थितियों में पोषण की।
स्थिति 1: इस स्थिति में पांच लीटर दूध देने वाली गाय को 5 किलोग्राम गैर दलहनी हरा चारा, 6 किलोग्राम भूसा और 5 किलोग्राम 16 प्रतिशत क्रूड प्रोटीन वाला रातिब मिश्रण देना होगा। चूंकि इसमें रातिब मिश्रण की मात्रा अधिक है इसलिए यह अधिक महंगा साबित होगा और उत्पादन लागत बहुत अधिक होगी। इसकी उत्पादन लागत सभी खर्चे जोड़कर लगभग 50 रुपये प्रति लीटर होगी। लागत मूल्य से अधिक विक्रय मूल्य होने पर ही आप कुछ कमाई कर पाएंगे।
सोलह प्रतिशत क्रूड प्रोटीन वाले रातिब मिश्रण को बनाने की विधि हम कल बता ही चुके हैं। चलो एक बार फिर बता ही देते हैं। सोलह प्रतिशत क्रूड प्रोटीन वाला 100 किलोग्राम रातिब मिश्रण बनाने के लिए मक्का 40 किलोग्राम, गेहूँ का चोकर 40 किलोग्राम, सरसों की खली 17 किलोग्राम, अच्छी गुणवत्ता का विटामिन मिनरल मिक्सचर 2 किलोग्राम और साधारण नमक 1 किलोग्राम को भली भांति मिलाने की आवश्यकता होगी।
स्थिति 2: इस स्थिति में पांच लीटर दूध वाली गाय को 24 किलोग्राम गैर दलहनी हरा चारा, 2 किलोग्राम भूसा और 2.5 किलोग्राम 16 प्रतिशत क्रूड प्रोटीन वाला रातिब मिश्रण प्रतिदिन देंगे। इसकी उत्पादन लागत सभी खर्चे जोड़कर लगभग 42 रुपए प्रति लीटर होगी। दूध पचास रुपये प्रति लीटर बेचकर भी आप कुछ ना कुछ बचा ही लेंगे।
स्थिति 3: इस स्थिति में पांच लीटर दूध देने वाली गाय को 15 किलोग्राम दलहनी हरा चारा, 10 किलोग्राम गैर दलहनी हरा चारा और 6 किलोग्राम भूसा देने से भी सभी पोषण आवश्यकताएं पूरी हो जाएंगी और यह सबसे सस्ता भी होगा। इसकी उत्पादन लागत सभी खर्चे जोड़कर लगभग 35 रुपये प्रति लीटर होगी। यह सबसे अधिक लाभ देने वाली स्थिति है।
कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि हरा चारा और भूसा खिलाकर दूध पैदा करना सबसे सस्ता होता है। साथ ही बिना रातिब मिश्रण खिलाए केवल दलहनी और ग़ैरदलहनी चारा खिलाकर पांच लीटर तक दूध उत्पादन लिया जा सकता है मगर इससे अधिक दूध उत्पादन वाली गायों के लिए रातिब मिश्रण देना आवश्यक हो जाएगा।
दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि दूध उत्पादन जितना ज्यादा होगा उत्पादन लागत उतनी ही कम होती जाएगी। इसलिए किसी भी डेरी की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि कम उत्पादन वाले ज्यादा पशुओं के स्थान पर अधिक उत्पादन वाले कम पशु रखे जाएं। किसान के पास पर्याप्त मात्रा में हरा चारा उपलब्ध हो। साथ ही रातिब मिश्रण स्वयं बनाया जाए। स्वयं बनाया गया रातिब मिश्रण गुणवत्ता में भी अच्छा होगा और सस्ता पड़ेगा। इसके अलावा दूध का विपणन बिचौलियों के माध्यम से ना करके स्वयं किया जाए ताकि उपभोक्ता को भी लाभ हो और आपको भी दूध का उचित दाम मिल पाए। दूध की मार्केटिंग तो आपको हर हाल में सीखनी पड़ेगी।
आज के लिए इतना ही। कल बात करेंगे दस लीटर दूध देने वाली गाय की।
क्रमशः
डॉ संजीव कुमार वर्मा
प्रधान वैज्ञानिक (पशु पोषण)
केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ