डॉ केशव कुमार
M.V.Sc SCHOLAR ,WBUAFS,KOLKATA
पशुओं के विभिन प्रकार के खलि, चावल, सड़ा-गला चारा, आलू, सोयाबीन, बरसीम, आदि खाने के कारण ठीक से पाचन नहीं होता है, फलस्वरूप पशुओं का पेट फूल जाता है। पशुओं का इलाज नहीं किए जाने पर शत-प्रतिशत मृत्युदर हो सकती है।
पशुओं के अधिक मात्रा मे चावल, आलू, सेब एवं सड़ा-गला चाड़ा आदि खाने से अम्लीय अजीर्ण होने की संभावना बढ़ जाती है। Rumen मे शर्करा की मात्रा अधिक हो जाने Streptococcus bovis तथा Lactobacillus की संख्या काफी अधिक हो जाती है, जिसके कारण अधिक मात्रा मे अम्ल का निर्माण होता है फलस्वरूप साइल्यूलाइटिक जीवाणु तथा प्रजीवा नष्ट हो जाते है।
अधिक मात्रा मे सोयाबीन, बरसीम, विभिन्न प्रकार के खलि आदि खाने से क्षारीय अजीर्ण की संभावना बढ़ जाती है। पशु के अधिक मात्रा मे यूरिया उपचारित चाड़ा खाने से भी यह स्थिति उतन्न हो सकती है। उपर्युक्त चाड़ो मे प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जो Amino acid मे बदल कर Amonia बनाती है। Rumen मे उपस्थित माइक्रोफ्लोरा कार्बोहाइड्रेड की उपस्थिती मे प्रोटीन का संश्लेषण कर अपनी बृद्धि करते है। ज्यादा Amonia के कारण Rumen का PH बढ़ जाता है, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
लक्षण
अम्लीय अजीर्ण क्षारीय अजीर्ण
1 पशु सुस्त हो जाता है एवं चाड़ा खाना बंद कर देता है। पशु सुस्त हो जाता है एवं चाड़ा खाना कम कर देता है।
2 बायीं पेट फूल जाती है तथा Rumen गति कम हो जाती है। (सामान्यतः Rumen की गति 2 मिनट मे 3 बार होता है) बायीं पेट फूल जाती है तथा Ruman की गति लगभग बंद हो जाती है।
3 नाड़ी एवं सांस की गति बढ़ जाती है। नाड़ी की गति बढ़ जाती है तथा सांस की गति कम हो जाती है।
4 PH 5 या उससे कम हो जाती है। PH 7.5 या उससे अधिक हो जाती है।
लक्षण तथा पशु के दिये गए चाड़ा, PH आदि के इतिहास से रोग का पता लगाया जा सकता है।
यदि पशु अम्लीय अजीर्ण का लक्षण प्रकट करे तो चिकित्सा निम्न प्रकार से कर सकते है
1. Rumen मे अम्लता दूर करने के लिए खाने का सोडा खिलना चाहिए।
2. 7.5% w/v Sodium Bi-Carbnate injection सिरा के द्वारा लगाना चाहिए।
3. अम्ल उतपन्न करने वाले जीवाणुओं को रोकने के लिए पशुओं मे Broad Spectrum antibiotics समान पानी मे मिलाकर मुंह के द्वारा या Rumen के अंदर डालना चाहिए।
4. Buffer का प्रयोग बड़े पशुओं तथा छोटे पशुओं मे प्रयोग करना चाहिए।
5. Rumen की गति बढ़ाने के लिए Bovirum Bolus या Rumentas Bolus या Bioboost Bolus या Floratone इनमेसे कोई एक का प्रयोग करना चाहिए।
6. हिस्टामीन रोधी दवाएं जैसे Avil, Zeet, Phenergon आदि का प्रयोग करना चाहिए। यदि पशु Pregnant हो तो इसका प्रयोग नहीं करना चाहिय।
7. लिवर एक्सट्रेक्त इंजेक्सन जैसे Belamyl, Livogen, Pepsid आदि का प्रयोग करना चाहिय।
और यदि पशु क्षारीय अजीर्ण लक्षण प्रकट करे तो उपर्युक्त दवाओं के साथ-साथ सिरका(Vinegar)का प्रयोग 1.5-2.0 लीटर तक पिलाना चाहिय।