कुक्कुट की विभिन्न नस्लें
डाँ. गिर्राज गोयल, डाँ. एस.एस.अतकरे, डाँ. लक्ष्मी चौहान
कुक्कुट विज्ञान विभाग, पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, जबलपुर
कुक्कुटों का वर्गीकरण
कुक्कुटों को कई वर्गों एवं प्ररूपों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक वर्ग में विभिन्न उपजातियों से युक्त अनेक नस्लें हैं और प्रत्येक उपजाति में भिन्न-भिन्न विभेद हैं।
व्यापारिक महत्व के उत्पाद को उत्पन्न करने की कूक्कूट की क्षमता पर किए गए वर्गीकरण से संबन्धित होता है। प्ररूप के अनुसार वर्गीकरण निम्नलिखित कारकों पर आधारित होता है- (ए) अंडा (बी) मांस एवं (सी) विविध। प्ररूप वर्गीकरण को उपयोगिता वर्गीकरण के रूप में भी जाना जाता है।
कुक्कुट के मुख्य वर्ग निम्नलिखित हैं :
- अमेरिकन वर्ग्
- इंगलिश वर्ग
- भूमध्यसागरीय वर्ग
- एशियाटिक वर्ग
कुक्कुटों को दो प्ररूपों में विभाजित किया जा सकता है : (1) देशी और (2) विदेशी
(1) देशी कुक्कुट : देशी शब्द ऐसे सभी देशी कुक्कुटों को सूचित करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है, जिनके नाम स्थानीय या सुस्पस्ट अभिलक्षण होते है, जैसे कड़कनाथ, असील आदि। देशी कुक्कुटों के आकार एवं रूप में पर्याप्त विभिन्नता पाई जाती है और एक छोटे से ग्रुप में भी सामान्यत: विभिन्न रंगों एवं बनावट के कुक्कुट देखे जाते है। फिर भी, भारत में उनकी संख्या बहुत अधिक है और अंडे देने वाली मुर्गियों के रूप में उनका महत्व कम है। तथापि, देशी मुगियां उत्तम जनक होती है।
कड़कनाथ
- समानार्थक शब्द– कालामासी ( कालामांस ) ।
- प्रकार– गोल्डन , जेटब्लैक और पेंसिल
- उत्पत्ति – मध्यप्रदेश के पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों : जिले- धार , झाबुआ एवं अलीराजपुर ।
- पंखरंग – नीला काला , सुनहरा , स्पेंगलेड चांदी ।
- पिण्डली / पैर की अंगुली की त्वचा- भूरा विभिन्न प्रकार के ।।
- धुन की , गलचर्म , जीभ – बैगनी से नीले रंग की।
- आंतरिकअंग – हल्के से गहरे काले रंग के।
- मांस – हल्के से गहरे काले रंग का। ,
- चूजे का वजन -30 ग्राम।
शारीरिक वजन
- 6 सप्ताह -380 ग्राम ( नर ) , 305 ग्राम ( मादा ) ।
- 20 सप्ताह -1300 ग्रा ( नर ) , 1100 ग्रा ( मादा ) ।
- 40 सप्ताह -1450 ग्रा ( नर ) , 1700 ग्राम ( मादा ) ।
- लैंगिक परिपक्वता पर आयु -170 दिन ( गहन प्रणाली ) ।
- अंडा वजन ( 40 सप्ताह ) -47 ग्राम ( गहन प्रणाली ) ।
- अंडा उत्पादन ( 40 सप्ताह ) -51 अंडे ( गहन प्रणाली ) ।
- ( 72 सप्ताह ) -126 अंडे ( गहन प्रणाली ) ।
पोषकमान
- प्रोटीन की मात्रा 25 प्रतिशत से अधिक , सामान्य पक्षी में यह 18-20 प्रतिशत के बीच रहती है। कम कोलेस्ट्रश्वल की मात्रा
( 0.73-1.05 प्रतिशत ) , सफेद चिकन में यह 13-25 प्रतिशत के बीच रहती है ।
- 18 एमिनो एसिड की उच्च स्तर जिनमें से 8 मानव के लिए अति आवश्यक हैं।
- हार्मोन की मात्रा भी अधिक होती है।
- विटामिन बी 1 , बी 2 , बी 6 , बी 12 , सी और ई , नियासिन , प्रोटीन , वसा , कैल्शियम , फास्फोरस , लोहा , निकोटीनिक एसिड आदि की मात्रा भी प्रचुर होती है।
- औषधीय गुण– कडकनाथ रक्त मानव में अल्प रक्तता पुरानी बीमारी के उपचार और उस के मांस के रूप में कामोत्तेजक ( मर्द में शक्ति को बढ़ावा देने के लिए विश्वास ) के लिए प्रयोग किया जाता है । वियाग्रा या सिल्डेनाफिल साइट्रेट मूलरूप से दिल में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के लिए बनाया गया रक्त की शिराओं को फैलाने वाला है और कड़कनाथ में मेलेनिन पिगमेंट भी ऐसा ही करता है। इसलिये , हृदय रोगियों के लिए उपयुक्त है क्योंकि यह हृदय को रक्त की आपूर्ति को बढ़ाता है । महिलाओं की बीमारी जैसे कि अल्प रक्तता बाँझपन , मेनोजेनिक ( असामान्य माहवारी ) , अभ्यस्त गर्भपात के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है ।
नर्मदानिधि
नर्मदानिधि नस्ल का लालन – पालन
ग्रामीण परिवेश , आदिवासी / जनजातीय क्षेत्रों , शहरी झुग्गी झोपड़ियों व आंगन बाड़ी इत्यादि के कठोर वातावरण में मुर्गीपालन हेतु कृषकों की आवश्यकता के अनुरूप अखिल भारतीय समन्वित कुक्कुट प्रजनन अनुसंधान परियोजना , कुक्कुट विज्ञान विभाग , पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय , नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा बहु उपयोगी द्विकाजी बहुरंगी संकर नस्ल विकसित की गई है जिसका नाम विश्वविद्यालय द्वारा ” नर्मदानिधि” रखा गया है।
नर्मदानिधि की मुख्य विशेषतायें
- इसके पंखों का रंग देशी मुर्गियों के सदृश्य भूरा , काला , चितकबरा , मिश्रित रंगीन तथा दिखने में आकर्षक होती है।
- मजबूत शरीर रचना एवं लम्बी टांगों के कारण भागने में तेज होने से ग्रामीण क्षेत्र में परभक्षी से बचाव करने में सक्षम है ।
- ग्रामीण परिवेश को आसानी से अपना लेती है , अतःबैकयार्ड एवं छोटे पैमाने पर मुर्गीपालन हेतु अति उपयुक्त है।
- पोषण की कमी एवं ग्रामीण वातावरण में भी बेहतर तरीके से जीवित रहती है।
- इनके अण्डे देशी मुर्गी के समान हल्के भूरे रंग के परन्तु बड़े आकार ( 2 ग्रा . ) के स्वादिष्ट होते हैं क्योंकि मुर्गियाँ प्राकृतिक आहार पर निर्भर रहती है।
- मुर्गेमात्र 9 से 10 सप्ताह की उम्र में 1 कि . ग्रा. , 20 सप्ताह की उम्र में 1550-2210 ग्रा . तथा मुगी 1310 से 1730 या . वजन प्राप्त कर लेती है।
- ये मुर्गियाँ देशी मुर्गी ( 45 अण्डे ) की तुलना में चार गुना अधिक 181 अण्डे प्रतिवर्ष उत्पादित करती है।
- इस नस्ल में व्याधियों के विरुद्ध उत्तम सहनशीलता है , एवं ग्रामीण वातावरण में पालन हेतु अनुकूल है।
जबलपुर कलर मुर्गी – यह मुर्गी बहुरंगी मुर्गियों से चयन कर विकसित कि गयी है। इस मुर्गी मे अधिक वृधि एवं अंडा देने कि क्षमता होती है। यह मुर्गी 151 दिनों कि उम्र मे परिपक्व होती है एवं सालाना 260 से अधिक अंडा उत्पादन करती है। इसका उपयोग बैकयार्ड मुर्गी के तौर पर किया जाता है।
(2) विदेशी कुक्कुट : इस पद को उन्नत नस्लों, अथवा सामान्यत: विदेशी नस्लों एवं भारत में आयातित कुक्कुट, जैसे ह़वाइट लगहार्न्, रोड आइलैड रेड आदि की अपेक्षाकृत आधुनिक नस्लों के लिए प्रयोग में लाया जाता है। तथापि, भारत में शुद्ध वंशज आयातित कुक्कुटों की संख्या बहुत कम है और यह देश की कुल कुक्कुट संख्या का केवल 1.5 प्रतिशत है।
भारत में उपलब्ध मुख्य विदेशी नस्लों का परिचय
मुख्य विदेशी नसलों का परिचय निम्नलिखित है :
- लेगहार्न: विश्व की सर्वोत्म व सबसे लोकप्रिय, अंडा उत्पादक नस्ल है। ये सफेद अंडे देती है। मुर्गे तथा मुर्गी का औसत भार क्रमश: 00 व 1.5 कि.ग्रा. होता है। लेगहार्न लगभग 200 या अधिक अंडे प्रति वर्ग देती है।
- रोड आइलैंड रेड: इन विषेशताओं के कारण यह अंडा एवं मांस उत्पादन के लिए अच्छी समझी जाती है। ये भूरे रंग की अंडे देती है। मुर्गी तथा मुर्गे का औसत भार क्रमश:0 व 3.0 कि.ग्रा. होता है। इनका औसत उत्पादन लगभग 190 अंडे प्रति वर्ष होता है।
- आस्ट्रालोर्प: यह मांस व अंडा, दोनों के लिए उपयोगी है। यह भूरे रंग की अंडे देती है। नर व मादा का औसत भार क्रमश: 0 से 2.0 कि.ग्रा; होता है। इनका औसत अंडा उत्पादन लगभग 190 अंडे प्रति वर्ष होता है।
- प्लाइमाउथ राक: यह अमेंरिका में मांस के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय जालियों में से एक है इसका इस्तेमाल कॉर्निश के साथ संकरण में मादा वंशक्रम के यप मे किया जाता है।
- 5. कार्निश: यह इंगलैण्ड में मांस के लिए सबसे लोकप्रिय व प्रसिद्ध नस्ल है। नर व मादा का औसत भार क्रमश: 0 व 3.0 कि.ग्रा. होता है।
- न्यू हैम्पशायर: यह मांस एवं अंडा उत्पादन के लिए प्रसिद्ध एक अमरीकी जाति है। अंडों का रंग भूरा होता है। इसका औसत उत्पादन 175 अंडे प्रति वर्ष है। नर व मादा का औसत भार क्रमश: 4.0 एवं 3.0 कि.ग्रा. होता है।