गर्मी में मुर्गियों का प्रबंधन
इस महंगाई के दौर में कम समय और लागत पर अधिक पैसा कमाना कौन नहीं चाहता है। लेकिन कोई भी व्यवसाय शुरू करने के लिए अधिक लागत, समय और जगह की जरूरत होती है, जो की हर व्यक्ति के पास संभव नहीं होता है। ऐसे में लोग नौकरी की तलाश में गांव छोड़कर शहर की तरफ अपना रूख कर रहे हैं। लेकिन देखा जाए तो आज के इस आधुनिक समय में खेती के साथ-साथ पशुपालन और मुर्गीपालन के व्यवसाय से काफी मोटी कमाई कर सकते हैं। देश के कई किसान खेती-बाड़ी के अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन और मछली पालन आदि का बिजनेस कर अच्छी खासी साईड इनकम कमा रहे है। क्योंकि इस काम को कम जगह व खर्च में करके तुरंत लाभ प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे किसान जिनके पास कम जमीन है या फिर वैसे लोग जो भूमिहीन हैं, वो इस काम को करके बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप भी अपने गांव में रहकर खेती-बाडी के साथ-साथ मुर्गी पालन के व्यवसाय से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते है, तो इसकी सही जानकारी के बारे में आपको पता होना बेहद जरूरी है।
मुर्गी पालन का देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान होने के साथ ही यह बड़ी संख्या में किसानों को रोजगार प्रदान करता है। ग्रीष्म ऋतु का समय मुर्गीपालकोंं के लिए सबसे कठिन समय होता है। पोल्ट्री शेड में 35 डिग्री से ऊपर का तापमान शरीर के तापमान को समायोजित करने में समस्या पैदा करता है। गर्मीं में 1 डिग्री तापमान बढऩे से मुर्गी 1.5 प्रतिशत कम खाना खाती है। जब तापमान 28-30 डिग्री हो जाता है तो और 5 प्रतिशत कम खाना खाती हंै। जब तापमान 32-38 डिग्री हो जाता है, तो डॉक्टर से परामर्श से उचित देखभाल करनी चाहिए।
गर्मी का प्रभाव: तेजे सांस लेना, कम वजन आना,
ज्यादा एफसीआर, कम दाना खाना कम और पानी पीना, अंडे के शैल का टूटने, अंडे प्रोडक्शन में कमी।
मुर्गी के दाने का प्रबंधन: गर्मी में मुर्गी कम दाना खाती है। इसके नुकसान सेे बचने के लिये दाने में नुट्रिएंट डेंसिटी अधिक रखनी चाहिए, जिससे उसकी नुट्रिएंट के आवश्कता पूरी हो जाए। भोजन सुबह और शाम को जब तापमान कम रहे तब देना चाहिए। दोपहर में भोजन नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि पाचन के ताप शरीर का तापमान बढ़ाता है। पाचन से उत्पन्न गर्मी को कम करने के लिए प्रोटीन कम देना चाहिए, साथ-साथ अमीनो एसिड सही मात्रा में मिलाने ताजा और ठंडा पानी पक्षी के लिए लगातार उपलब्ध रहना चाहिए। डेक्सट्रोज़ और इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम, पोटेशियम, क्लोराइड इत्यादि) जैसी दवाएं अधिक गर्मी में शरीर के आयनिक संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं। अधिक मात्रा (20- 30 परसेंट) विटामिन और मिनरल दाने में मिलने चाहिए। भोजन में एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे विटामिन ई और विटामिन सी को शामिल करने से गर्मी तनाव कम होता है। इम्यून मॉडलटेर दाना में और पानी में शामिल करने से गर्मी तनाव कम होता है। मल्टीस्ट्राइन प्रोबिओटिक देने से मुर्गियों मेंं ज्यादा दाना खाती है और अंडे का प्रोडक्शन भी बढ़ता है। एंटीफंगल दाने में उसे करने चाहिए, गर्मियों और अधिक आद्रता में फंगस ग्रोथ बढ़ जाती है।
सावधानियाँ
लिटिर मटेरियल के मोटाई 2-3 इंच होनी चाहिए। केक बनने से बचना चाहिए। मुर्गियों के घेर पूर्व-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इससे हवा का संचालन ठीक रहता है। ट्रांसपोर्टेशन, चोंच काटना, वैक्सीनशन करना, ठन्डे तापमान में करना चाहिए। एक जगह पर पक्षियों का जमावड़ा नहीं होना चाहिए। जरूरत से अधिक जगह होनी चाहिए। छत पर दिन में 3-4 बार पानी छिड़कने से शेड का तापमान 5डिग्री से 10डिग्री फा. तक कम हो जाता है। छत पर तिनकों/घास फूस के उपयोग से तापावरोधन बनाना, या चूने की मोटी परत के साथ छत की पुताई करनी चाहिए।
किसान भाइयों जैसा की आपको पता ही होगा गर्मी के समय मे जब तापमान 40 डिग्री के ऊपर जाने लगता है ,तो हमारे पोल्ट्री बर्ड को कई तरह की समस्याये होने लगती है जिनका अगर समय पर निदान नहीं किया गया तो आगे चलकर हमे बहोत बडा नुकसान हो सकता है , तो चलिए आपको बताते है ऐसी समस्याओ से बचने के लिए हमे क्या उपाय करने चाहिए |
1 – अधिक गर्मी मे मुर्गियों मे मुर्गियों को दाना बिल्कुल भी ना डाले – दोस्तों गर्मी मे अगर आप मुर्गी पालन करते है ,तो आपको एक बात का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए , अगर तापमान बहोत ज्यादा हो लू चल रही हो तो आपको सुबह 11 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक दाना नहीं डालना चाहिए , क्यूंकी इस समय गर्मी के समय मे तापमान सर्वाधिक होता है ,आप का पोल्ट्री शेड भी गरम रहता है साथ मे पोल्ट्री के अंदर भी काफी गर्मी होती है , अगर ऐसे मे आप मुर्गियों को फ़ीड डालते है , तो मुर्गीयो का फीडिंग करने के लिए मेहनत करनी होती है ,जिससे उनकी शरीर का तापमान और अधिक बढ़ जाता है ,क्यूंकी दाना चुगते समय उनके शरीर का रक्त प्रवाह और अधिक तेजी से बढ़ जाता है , जिससे की मुर्गियों को हीट स्ट्रोक से मरने की संभावना काफी बढ़ जाती है , तो इस बात का आपको विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए |
2 – इलेक्ट्रोलाइट का प्रयोग करे – दोस्तों गर्मी के समय मे मुर्गियों मर हीट स्ट्रोक की समस्या ना देखने को मिले और हमारी मुर्गियों अधिक गर्मी से होने वाली समस्याओ से बची रही ,इसके लिए हमे समय – समय पर इलेक्ट्रोलाइट का प्रयोग करते रहना चाहिए ,क्यूंकी जब गर्मी मे जब लू चलती है , तो मुर्गियों मे अक्सर डायरिया की समस्या तो आती ही है साथ मे पतली बीट आदि की भी समस्या अक्सर देखने को मिलती है ऐसे मे इन सब बीमारियों से मुर्गियों को बचाने के लिए आपको इलेक्ट्रोलाइट का प्रयोग करना चाहिए , जिससे आप की आप की मुर्गीया डिहाइड्रेशन से बची रहे |
3 – मुर्गियों को पानी पीने की उचित व्यवस्था करे – भाइयों गर्मी के समय मे मुर्गियों के पानी पीने की बहोत अच्छी व्यवस्था करनी चाहिए , ध्यान देना चाहिए की मुर्गियों को दिया जाने वाला पानी साफ सुथरा हो और ड्रिंकर हमेशा साफ सुथरा रहे , ड्रिंकर को आपको हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए , और ध्यान देना चाहिए की गर्मी के समय मे पानी बहोत जल्दी गरम हो जाता है इसलिए गर्मी के समय मे हर 2 से तीन घंटे मे मुर्गियों के ड्रिंकर मे ताजा पानी भरते रहने चाहिए और पुराना पानी निकाल देना चाहिए , ध्यान दे अगर मुर्गीय गरम पानी बार – बार पीती है , तो बीमार हो सकती है |
जिन लोगों के पास मुर्गियों को ताजा और ठंडा पानी देने के लिए बोरवेल की सुविधा नहीं ,और उनको मजबूरी मे टंकी का पानी मुर्गियों को पीने के लिए देना पड़ता है ,उनको ड्रिंकर कु जगह मिट्टी के बर्तन मे पानी पीने पीने की व्यवस्था करनी चाहिए और निश्चित करना चाहिए की मुर्गीया पनि पीनी के लिए इकट्ठी नहीं होने पाए ,
इसलिए गर्मी के दिनों मे अधिक संख्या मे पानी पीने के लिए बर्तन की व्यवस्था करनी चाहिए |
4 – फार्म के अंदर ताजा हवा आने की व्यवस्था करे – दोस्तों अगर आप गर्मी के समय मे मुर्गी पालन करते है तो आपको फार्म के अंदर वेन्टीलेशन की उचित व्यवस्था करनी चाहिए ,और इस तरह से पोल्ट्री के अंदर हवा आने की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे पोल्ट्री के अंदर एक तरफ से हवा आए और दूसरी तरफ से निकाल जाना चाहिए जिससे की आपका पोल्ट्री शेड बहोत कम गरम होगा और पोल्ट्री के अंदर बनने वाली हानिकारक गैस हवा के साथ बाहर निकल जाएगी और इससे आपकी पोल्ट्री के अंदर का तापमान भी कम हो जाएगा |
5 – शेड के ऊपर पराली बिछाए – गर्मी के समय मे अक्सर मुर्गियों मे गर्मी की वजह से अक्सर की प्रकार की बीमारिया देखने को मिलती है , जिनसे निपटने के लिए हमे हर शंभव कोशिश करनी चाहिए ,जिनमे से एक है पोल्ट्री शेड के ऊपर पराली बिछाना और उसपर फॉगर की मदद से पानी का छिड़काव करना ,जिससे की हमारा पोल्ट्री फार्म भयंकर गर्मी मे भी गर्म ना होने पाए ,और हम अपनी मुर्गियों को हीट स्ट्रोक आदि बीमारियों से आराम से बचा पाए |
6 – मुर्गियों की संख्या को कम करना – तो किसान भाइयों अगर आप गर्मी मे सफल मुर्गी पालन करना चाहते है ,और चाहते है की आप की मुर्गियों की मृत्यु दर कम से कम हो तो आपको गर्मी के समय मे मुर्गियों की संख्या को 25 से 30 % तक कम कर देनी चाहिए जिससे की मुर्गियों को थोड़ी और जगह मिल सके और पॉल्ट्री के अंदर गैस कम बने और साथ मे अगर आप पोल्ट्री बर्ड की संख्या कम कर देंगे तो मुर्गीया फ़ीड और पानी के लिए एक जगह ईकट्ठा भी कम होंगी इसलिए गर्मी के अंदर आपको पोल्ट्री के अंदर ओवर क्राउडींग से बचना चाहिए |
दोस्तों ये थे कुछ प्रमुख उपाय जिनको कर के आप अपनी मुर्गियों को हीट स्ट्रोक आदि से बचा सकते है , लेकिन फिर भी अगर आपको गर्मी मे मुर्गी पालन करने मे समस्या आती है ,तो आपको निम्न उपाय भी जरूर करने चाहिए |
गर्मी मे उच्च क्वालिटी का फ़ीड अपने पोल्ट्री बर्ड को खिलाए – दोस्तों गर्मी के समय मे अगर आप मुर्गी पालन करते है तो आपको एक फायदा ये होता है की जब आप एक दिन का चूजा लाते है तो आपको उसकी ब्रूडींग नहीं करनी पड़ती , जैसा की सर्दियों के दिनों मे आपको , चूजों को गर्मी प्रदान करने करने के लिए बल्ब ,हैलोजन आदि की व्यवस्था करनी पड़ती है , तो अधिक गर्मी मे तापमान जब 42 डिग्री होती है तब आपके चूजों को कोई खास फर्क नहीं पड़ता वही मुर्गे और मुर्गियों को अधिक गर्मी से बचाने के लिए आपको उच्च क्वालिटी वाला पोल्ट्री फ़ीड ही खिलाना चाहिए ,जिससे की उनको पपर्याप्त मात्रा मे प्रोटीन ,विटामिन ,और मिनरल मिलती रहे और आपकी मुर्गीया स्वस्थ रहे |
गर्मी के समय मे आप की पोल्ट्री मे जिस भी तरफ से हवा आ रही हो उस तरफ जूट का परदा लगाए जिसको की पानी से भिगो दे ताकि जब हवा आपके पोल्ट्री के अंदर आए तो ठंडी होकर आए और पॉल्ट्री के अंदर का तापमान अपने आप कम हो जाए |
तो दोस्तों ये थे गर्मी मे मुर्गी पालन मे सफल होने के कुछ उपाय जिनको अगर आप लागू करगे तो आप को बहोत कम परेशानियों का सामना करना पड़ेगा |
हिट स्ट्रोक से सुरक्षा और उसके उपाय
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छोटे किसान खेती -बाड़ी के साथ पशुपालन, मुर्गीपालन जैसे कार्य करते है, और मुर्गी पालन व्यवसाय से अतिरिक्त कमाई करते है। इसमें कम लागत पर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे स्तर पर मुर्गी पालन का व्यवसाय किया जा सकता है और अधिक से अधिक लाभ कमाया जा सकता है। मुर्गी पालन का व्यवसाय अधिकतर अंडे एवं मांस उत्पादन के लिए किया जाता है क्योकि देशी मुर्गी के अंडे तथा मांस में मानव पोषण के लिए सबसे आवश्यक तत्व, प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। भारत में दिन-प्रतिदिन मुर्गी पालन के व्यवसाय का प्रचलन बढ़ता जा रहा है भारत अंडो के उत्पाद में तीसरे नंबर पर और मांस के उत्पाद में पांचवें नंबर पर है। ऐसे में सरकार द्वारा पशुपालन, मुर्गी पालन बिजनेस के लिए सब्सिडी भी देती है।
मुर्गी पालन व्यवसाय में गर्मी के मौसम में ऐसे करे देखभाल
खेती के साथ पशुपालन और मुर्गीपालन को महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसमें कम लागत पर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है परंतु इसमें आपकी मेहनत और लगन पर सब कुछ निर्भर है क्योंकि इनमे संक्रमण एवं गर्मी के मौसम में मुर्गी के मुर्गी के मुत्यु का खतरा बहुत अधिक होता है। इसीलिये आप जितनी मेहनत से और अच्छे से इनकी देखभाल करेंगे इनसे उतना ही अधिक लाभ होगा। आपको बता दें कि गर्मियों के मौसम में मुर्गियों की मृत्यु दर बहुत बढ़ जाती है। साथ ही गर्मी में मुर्गियों को आहार कम मिलने से अंडा देने की क्षमता भी कम हो जाती है। इसके अलावा जो मुर्गी अंडे देती है उनके अंडों के आकार बहुत छोटे और आवरण कमजोर व पतला होता है। मुर्गी पालकों को गर्मी के मौसम में अपनी मुर्गियों के खाने-पीने का बहुत ही ध्यान रखना चाहिए।
गर्मी के मौसम में मुर्गियों के आहार में प्रोटीन, विटामिन व मिनरल की मात्रा अधिक देनी चाहिए। इसके अलावा मुर्गियों के अंडे छोटे व छिलका पतला होने के बचाव के लिए आपको उनके आहार में कैल्शियम की मात्रा को पहले के मुकाबले बढ़ाना होगा। इसके लिए मुर्गी के दाने में ऑस्टो कैल्शियम लिक्विड पानी के साथ दिया जाना चाहिए।
मुर्गियों के लिए गर्मी के मौसम करे उचित तापमान की व्यवस्था
मुर्गियों को गर्मी के मौसम में बचाकर रखना होता है। क्योंकि गर्मी के मौसम में मुर्गियों की मुत्युदर बढ़ जाती है। साथ ही गर्मी के मौसम में मुर्गियां आहार खाना कम करती है। जिससे मुर्गियों को संतुलित आहार नहीं मिल पाता और उनकी मुत्यु हो जाती है। साथ ही अंडा देने की क्षमता भी कम हो जाती है। इसके अलावा जो मुर्गी अंडे देती है उनके अंडों के आकार बहुत छोटे और आवरण कमजोर व पतला होता है। जिससे मुर्गी पालकों को बहुत हानि का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति से बचाव के लिए मुर्गीपालकों को गर्मी के मौसम में उचित तापमान की व्यवस्था करनी चाहिए। मुर्गियों के लिए गर्मी के मौसम में तापमान को लगभग 60 डिग्री से 80 डिग्री के बीच वाले स्थान पर रखना चाहिए। इस तापमान में मुर्गी का पालन पोषण अच्छे से किया जा सकता है।
मुर्गी पालन का फायदा
मुर्गी पालन व्यवसाय में मुर्गी के रखरखाव एवं खाने-पीने पर कोई खास खर्च नही आता है। साथ ही ग्रामीण परिवारों के लिए उच्च गुणवत्ता का प्रोटीन स्रोत उपलब्ध हो जाता है एवं कुछ मात्रा में मांस व अंडा बेच लेने से परिवार को अतिरिक्त आमदनी हो जाती है। इसके साथ ही साथ मुर्गियों के कूड़े से खेतों को उपजाऊ भी बनाया जा सकता है क्योकि जितना एक गाय के गोबर से एक खेत को उपजाऊ बनाया जा सकता है उतना ही 40 मुर्गियों के बिष्ठों से एक खेत को उपजाऊ बनाया जा सकता है। अगर मुर्गी पालन में सही प्रजाति के चूजे, देखभाल, पौष्टिक आहार, बीमारियों से बचने का टीका एवं साफ सफाई सही ढंग से किया जाए तो एक बेहतर आय बनाई जा सकती है।
मुर्गियों की सुरक्षा के आवश्यक उपाय
- मुर्गियों के आवास का द्वार पूर्व या दक्षिण पूर्व की ओर होना अधिक ठीक रहता है जिससे तेज चलने वाली पिछवा हवा सीधी आवास में न आ सके।
- आवास के सामने छायादार वृक्ष लगवा देने चाहिए ताकि बाहर निकलने पर मुर्गियों को छाया मिल सके।
- आवास का आकार बड़ा होना चाहिए ताकि उसमें पर्याप्त शुद्ध हवा पहुंच सके और सीलन न रहे।
- मुर्गियां समय पर चारा चुग कसे इसलिए बड़े-बड़े टोकरे बनाकर रख लेने चाहिए।
- मुर्गी फार्म की मिट्टी समय-समय पर बदलते रहना चाहिए और जिस स्थान पर रोगी कीटाणुओं की संभावना हो वहां से मुर्गियों को हटा देना चाहिए।
- एक मुर्गी फार्म से दूसरे मुर्गी फार्म में दूरी रहनी चाहिए। साथ ही पानी की उचित व्यवस्था करें। मुर्गियों को पानी की बहुत ही जरूरी होता है। अगर आप गर्मी के मौसम में मुर्गी के व्यवसाय से अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो ऐसे स्थान का चुनाव करें जहां पानी उनके लिए उचित मात्रा में हो।
- बाड़े के ईर्द गिर्द घांस के लॉन (क्यारियां) लगवाये तथा उन पर फुहार पद्धति सिंचाई करें तो आसपास के वातावरण का तापक्रम काफी कम होगा।
- बाड़े के बगलों पर टाट/बोरियों के परदे लगवाये तथा छिद्रधारी पाईप द्वारा उन पर पानी की फुहार दिनभर पड़ती रहेगी ऐसी व्यवस्था करें। इसके लिये छत के ऊपर एक पानी की टंकी लगवायें तथा वह पाइप उससे जोड़ दें तो गुरुत्वाकर्षण दबाव से पानी पर्दों पर गिरता रहेगा। इससे कूलर लगाने जैसा प्रभाव पड़ेगा और मुर्गीघर का भीतरी तापमान काफी कम होगा जो मुर्गियों के लिये सुहावना होगा।
- अगर मुर्गियां सघन बिछाली पद्धति में रखी हैं तो भूसे को सबेरे शाम उलट-पुलट करें।
- बाड़े के ऊपर स्थित पानी की टंकियों को सफेद रंग लगवायें। अगर छोटे पैमाने पर मुर्गीफार्म हैं तो बड़ी मिट्टी की नांद या बड़े मटकों में रात्रि में पानी भरकर रखें। दूसरे दिन तक पानी ठंडा होगा तो वह मुर्गियों को प्रदान करें।
- पीने के पानी में ईलेक्ट्रोलाईट पाउडर घोलकर प्रवाहित करें ताकि मुर्गियों को वह उपलब्ध हो सकें।
- मुर्गियों के दाने को (मँश को) पानी को हल्के छींटे मारकर मामूली सा गीला करें।
- दाने में (मॅश में) प्रोटीन की मात्रा बढ़ायें ताकि मुर्गियों के शरीर भार में, पोषण स्तर में और अण्डों का आकार, छिलका, वजन सामान्य रहें।
- मुर्गियों के पीने के पानी में विटामीन ‘सीÓ एक हजार मुर्गियों के दाने में दस ग्राम इस अनुपात में मिलाकर खिलायें।
किसानों के लिए मुर्गी पालन फायदे का व्यापार बनते जा रहा हैं। कृषि कार्यों के साथ मुर्गी पालन करना बहुत आसान काम हो गया हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ अब कई शहरी क्षेत्रों में भी मुर्गी पालन बिजनेस तेजी से उभर रहा हैं। मुर्गी पालन के क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों का कहना है कि Poultry में सबसे मुख्य बिन्दू होता हैं, मुर्गियों के स्वास्थ्य की देखभाल करना। मुर्गियों को मौसम के हिसाब से देखभाल,
आहार की आवश्यकता होती हैं। खासकर मुर्गियों को गर्मी के मौसम में सबसे अधिक देख भाल की आवश्यकता होती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मियों के मौसम में मुर्गियों में संक्रमण फैलने की आशंका अधिक रहती हैं। समय रहते अगर इस पर ध्यान नहीं दिया जाए तो मुर्गियों की अचानक मौत होने लग जाती हैं। जिसके कारण मुर्गी पालक को भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता हैं।
मुर्गियों को Heat Stroke से खतरा
अधिक तापमान होने के कारण मुर्गियों से गर्मी सहन नहीं होती है। जिसका परीणाम यह होता है कि Chickens Eggs देने की क्षमता बहुत कम हो जाती हैं। वहीं अधिक गर्मी होने के कारण मुर्गियों की मृत्यु दर भी तेजी से बढ़ जाती हैं। Murgi Palan Ki Jankari के तहत आज हम आपको इसी विषय के बारे में बताने जा रहे हैं। गर्मी के कारण मुर्गी के अंडों का आकार भी छोटो हो जाता हैं।
वहीं उनका उपरी आवरण कमजोर होकर पतला रह जाता हैं। जिसके कारण मुर्गी पालक को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। Murgi Palan Kendra का बाहरी तापमान 39 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक होने पर मुर्गियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। ऐसी परिस्थिति को Heat Stroke कहा जाता हैं। इसमें मुर्गियां चोच खोलकर हॉफते हुए कमजोर हो जाती हैं। चलते समय वे लडखड़ाने लगती है और लकवा होने के कारण उनकी मौत हो जाती हैं।
गर्मी में कैसे हो मुर्गियों का आहार
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी के दिनों में मुर्गियां की भूख कम हो जाती है जिसके कारण वह दाना भी कम खाती हैं। यहीं कारण है कि गर्मियों के दिनों में मुर्गियों को आहार देते समय इस बात का ध्यान रखें कि इनके आहार में प्रोटीन,
विटामिन, मिनरल की मात्रा अधिक हो। जिससे की आहार के दौरान उन्हे सभी आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त हो जाए। वहीं दूसरी ओर मुर्गियों के अंडे की ऊपरी सतह छिलका पतला होने से बचाने के लिए उनके आहार में कैल्सियम की मात्रा बढ़ा देना चाहिए। इसके लिए दाने में आस्टो कैल्शियम लिक्विड पानी में घोलकर दिया जा सकता हैं।
मुर्गियों को आहार देने का सही समय क्या है
Local Murgi Palan अन्य मुर्गी शालाओं में मुर्गियां ठंड के सीजन में अधिक दाना खाती हैं। इसलिए हमें दिन की रोशनी की साथ ही मुर्गियों के लिए रोशनी क अतिक्ति व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे मुर्गियां आहार का पूर्ण उपयोग कर सकें। सामान्य रूप से मुर्गियां 60 से 80 डिग्री के बीच का तापमान पसंद करती हैं। क्योंकि इस तापमान पर मुर्गियों की खुराकव अंडा उत्पान की दर ज्यादा होती हैं।
इससे अधिक तापमान होने पर मुर्गियां कम दाना खाती हैं। जिसका परिणाम यह होता है कि वे अंडे भी कम ही देती हैं। जिसके कारण मुर्गी पालक को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। यहीं कारण है कि हमारे मुर्गी पालन इन हिन्दी विषय के दौरान पालक को मुर्गियों के आहार के समय का भी विशेष रूप से ध्यान रखना होगा।
गर्मी में मुर्गियों के लिए पानी की कैसी व्यवस्था करें
गर्मी अधिक होने पर मुर्गियां पानी अधिक पीती हैं। मुर्गी पालन केंद्र में हर समय स्वच्छ और ठंडे पानी की व्यवस्था जरूर रखनी चाहिए। गर्मियों के दिनों में मुर्गी के लिए पानी किसी प्लास्टिक, जस्ता या फिर स्टील के बर्तन का उपयोग न करे। इसके स्थान पर मिट्टी के पात्र का उपयोग करें। जिससे की पानी अधिक समय तक ठंडा रहे। गर्मी में मुर्गी के बिछावन की मोटाई 2 इंच से अधिक नहीं हो। बिछावन अगर काफी पुरा हो गया है तो उसे बदलकर नया काम में ले। ऐसे करने पर मुर्गियों में संक्रमण का खतरा बहुत कम हो जाता हैं।
हीट स्ट्रोक होने पर क्या उपाय करें
गौरतलब है कि Poultry Farm में चूजों की अपेक्षा बड़ी मुर्गियों में हिट स्ट्रोक की समस्या बहुत अधिक रहती हैं। जबकि चूजे 42 डिग्री तक का तापमान सह सकते हैं। लेकिन मुर्गी इस तापमान को सहन नहीं कर सकती हैं। जिसके कारण उन्हे हिट स्ट्रोक हो जाता हैं। जिससे उनकी परेशानी बढ़ जाती हैं। जिसके कारण उनकी मौत हो जाती हैं। किसान भाईयों अगर मुर्गी पालन केंद्र में आपको मुर्गियों में ऐसे लक्षण दिखाई दें तो इससे बचने के लिए यह उपाय किए जा सकते हैं।
- मुर्गी पालन केंद्र की छत पर एस्बेस्टास की शीट लगाई जा सकती हैं। जिससे छत गर्मी होने से बची रहती हैं।
- कुक्कुट शालाpoultry केन्द्र की छत की बाहरी सतह पर सफेद रंग से पेंट कर देना चाहिए। जिससे की सूर्य की किरणें छत से टकराकर वापस लौट जाए ओर गर्मी न हो।
- फोगर्स के माध्यम से मुर्गी पालन केंद्र का तापमान कम किया जा सकता हैं।
- इसके अलावा पंखे और कूलर का उपयोग कर मुर्गी शाला के तापमान को सहीं रखा जा सकता हैं।
- खिड़कियों से 3-5 फीट की दूरी पर टाट के पर्दे लगाकर उनमें पानी का छिड़काव कर कुक्कुट शाला का तापमान कम किया जा सकता हैं।
(FAQs)
प्रश्न 1- मुर्गियों को किसी मौसम में परेशानी होती हैं
उत्तर- मुर्गियों को गर्मी में बहुत परेशानी होती हैं।
प्रश्न 2- गर्मी में मुर्गियों को क्या बीमारी हो जाती हैं
उत्तर- गर्मी में अधिक तापमान होने के कारण मुर्गियों को हिट स्ट्रोक हो जाता हैं
प्रश्न 4- हिट स्ट्रोक के कारण मुर्गियोें को क्या होता है
उत्तर- हिट स्ट्रोक होने से मुर्गियों को लकवा हो जाता है जिससे उनकी मौत हो जाती हैं
प्रश्न 3- मुर्गियों को गर्मी से बचाने के लिए क्या उपाय करना चाहिए
उत्तर- मुर्गी पालन केंद्र में ठंडा पानी और ठंडक की व्यवस्था होनी चाहिए
प्रश्न 5- गर्मियों के सीजन में मुर्गियों को कैसा आहार देना चाहिए
उत्तर- गर्मियों में मुर्गियों को प्रोटीन, विटामिन और मिनरल युक्त आहार देना चाहिए।
Compiled & Shared by- Team, LITD (Livestock Institute of Training & Development)
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