केरल में वेटनरी छात्र सिद्धार्थ की आत्महत्या का मामला – अभाविप का देशभर के विश्वविद्यालय परिसरों में प्रदर्शन, संसथानों को वामपंथी हिंसा से मुक्त करवाने की मांग
नई दिल्ली. केरल के वायनाड स्थित वेटनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के द्वितीय वर्ष के छात्र जे. एस. सिद्धार्थ की सत्तारूढ़ पार्टी सीपीएम की छात्र इकाई एसएफआई के गुंडों द्वारा बुरी तरह पिटाई तथा नंगा कर परेड कराए जाने के बाद आत्महत्या के मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, गुजरात विश्वविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, उस्मानिया विश्वविद्यालय, जेएनयू, अन्नामलाई विवि सहित देश के विभिन्न विश्वविद्यालय-महाविद्यालय परिसरों में प्रदर्शन किया. और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
केरल वेटनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के द्वितीय वर्ष के छात्र जे. एस. सिद्धार्थन का शव 18 फरवरी को वायनाड कैंपस हॉस्टल के बाथरूम में मिला था. जाँच में सामने आया कि जेएस सिद्धार्थन के साथ एसएफआई से जुड़े लोगों ने केबल तार, बेल्ट से हमला कर बुरी तरह मारपीट की तथा उक्त छात्र को छात्रावास में नंगा कर परेड कराई थी.
घटना के बाद से ही केरल में अभाविप न्याय की माँग तथा अपराधियों की लगातार अपराध संलिप्तता को रोकने की माँग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि एसएफआई ने केरल सरकार के संरक्षण में बीते महीनों में केरल के शैक्षणिक संस्थानों में लगातार हिंसा, भ्रष्टाचार तथा गुंडागर्दी से शैक्षणिक संस्थानों को दूषित कर दिया है. सिद्धार्थन की आत्महत्या ने पूरे देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है तथा केरल के शैक्षणिक संस्थानों में हो रही रैगिंग की पोल खोल दी है. आज अभाविप के देशभर के विश्वविद्यालयों में हुए प्रदर्शनों में शामिल विद्यार्थियों ने एकमत से सिद्धार्थन के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए केरल सरकार की शैक्षणिक संस्थानों को वामपंथियों की हिंसा का अखाड़ा बनने से रोकने में विफलताओं की निंदा की.
राष्ट्रीय मंत्री श्रवण बी राज ने कहा कि सिद्धार्थन आत्महत्या मामले में विद्यार्थी परिषद ने वायनाड कैंपस के बाहर प्रदर्शन व भूख हड़ताल, केरल सचिवालय तक प्रदर्शन कर उचित जाँच कर कार्रवाई की माँग की थी. मृतक छात्र सिद्धार्थन के माता-पिता घटना को आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या बता रहे हैं. वामपंथियों के अधिनायकवाद तथा हिंसा के विरोध में विद्यार्थी परिषद पुरजोर विरोध जारी रखेगी.”